उत्तराखण्ड के प्रमुख पवित्र कुण्ड – आध्यात्मिकता और प्रकृति का संगम
उत्तराखण्ड न केवल देवभूमि के रूप में प्रसिद्ध है, बल्कि यह क्षेत्र अपने अनगिनत तीर्थ स्थलों, मंदिरों और पवित्र कुण्डों के लिए भी जाना जाता है। ये कुण्ड न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि इनमें से कई का उल्लेख पुराणों, महाकाव्यों और लोक मान्यताओं में भी मिलता है। आइए, उत्तराखण्ड में स्थित प्रमुख पवित्र कुण्डों की जानकारी जिलेवार और धार्मिक दृष्टिकोण से प्राप्त करें।
बद्रीनाथ क्षेत्र में स्थित प्रमुख कुण्ड

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सूर्य कुण्ड – बद्रीनाथ मंदिर के पास स्थित, यह कुण्ड सूर्य देव को समर्पित है।
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ऋषि कुण्ड (नारद कुण्ड) – ऋषि नारद की तपस्थली माना जाता है।
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उर्वशी कुण्ड – उर्वशी नामक अप्सरा से जुड़ा पौराणिक स्थान।
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चन्द्र कुण्ड – सत्यपथ मार्ग पर 2 किमी की दूरी पर स्थित है।
हेमकुण्ड साहिब और आसपास
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हेमकुण्ड – सिख धर्म के पवित्र स्थल, लोकपाल क्षेत्र में स्थित।
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अमृत कुण्ड – अत्रि गुफा (मण्डल) के पास स्थित यह कुण्ड अत्यंत पवित्र माना जाता है।
नन्दप्रयाग क्षेत्र
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बैराश कुण्ड – नन्दप्रयाग से आगे स्थित एक दर्शनीय कुण्ड।
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विष्णु कुण्ड – नन्दप्रयाग व त्रियुगीनारायण के बीच।
त्रियुगीनारायण क्षेत्र
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ब्रह्म कुण्ड, रुद्र कुण्ड, सरस्वती कुण्ड – तीनों कुण्ड त्रियुगीनारायण मंदिर परिसर में स्थित हैं।
केदारनाथ क्षेत्र
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गौरी कुण्ड – केदारनाथ यात्रा मार्ग का प्रमुख पड़ाव।
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पार्वती कुण्ड, नन्दी कुण्ड, हंस कुण्ड, रेतस कुण्ड, रम्भा कुण्ड, उदक कुण्ड – सभी कुण्ड केदारनाथ क्षेत्र के धार्मिक और प्राकृतिक चमत्कार हैं।
देवप्रयाग क्षेत्र
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शिव कुण्ड – अलकनंदा और भागीरथी के संगम पर स्थित।
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गण कुण्ड – शिव कुण्ड के समीप।
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ब्रह्म कुण्ड – यहीं से भागीरथी उत्तरगामी होती है।
चोपता और तुंगनाथ क्षेत्र
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अमृत कुण्ड – तुंगनाथ मंदिर के नीचे स्थित।
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ताराकुण्ड – दूधातोली क्षेत्र के समीप।
उत्तरकाशी व गुप्तकाशी क्षेत्र
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शूल कुण्ड – कोटेश्वर मंदिर के पास।
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नल कुण्ड – गुप्तकाशी के पास गंगा तट पर।
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शिव कुण्ड – नन्दप्रयाग क्षेत्र में गंगा के तट पर।
रामाश्रम क्षेत्र
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सीता कुण्ड, राम कुण्ड, हनुमान कुण्ड – यह सभी एक-दूसरे के समीप स्थित हैं और रामायण कालीन माने जाते हैं।
अन्य प्रसिद्ध कुण्ड
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धर्म कुण्ड, ब्रह्म कुण्ड (नवालका नदी तट), भास्कर कुण्ड, बेताल कुण्ड, सूर्य कुण्ड (बेताल कुण्ड के पास) – ये सभी प्राकृतिक एवं धार्मिक महत्व के स्थान हैं।
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नाग कुण्ड – टिहरी जनपद में लम्बगांव के पास स्थित।
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इन्द्र कुण्ड, वायु कुण्ड, रुद्र कुण्ड – केदारखण्ड क्षेत्र में स्थित हैं।
निष्कर्ष
उत्तराखण्ड के ये पवित्र कुण्ड न केवल धार्मिक आस्था के प्रतीक हैं, बल्कि इनमें से कई कुण्डों से ऐतिहासिक और पुराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। ये स्थल यात्रियों को आत्मिक शांति, दिव्यता और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय अनुभव कराते हैं।
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