श्री तुलसी चालीसा – पाठ विधि, महिमा, और लाभ | तुलसी माता की पूजा / Shri Tulsi Chalisa - Reading Method, Glory, and Benefits | Worship of Tulsi Mother
श्री तुलसी चालीसा – पाठ विधि, महिमा, और लाभ | तुलसी माता की पूजा (जय तुलसी माता)
श्री तुलसी चालीसा का पाठ करने की विधि
श्री तुलसी चालीसा का पाठ एक विशेष प्रकार की भक्ति विधि है जो तुलसी माता के प्रति प्रेम और श्रद्धा को प्रकट करता है। इस चालीसा का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। यहां हम श्री तुलसी चालीसा का पाठ करने की विधि और उसका महत्व समझेंगे।

🕉 श्री तुलसी चालीसा का पाठ करने की सामान्य विधि
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शुभ मुहूर्त का चयन:
पूजा और व्रत के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें, जैसे कि व्रत, पूजा या विशेष पर्व। -
पूजा स्थान का चयन:
एक शुद्ध और साफ स्थान का चयन करें जहां आप आसानी से पूजा कर सकें। -
तुलसी माता की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें:
श्री तुलसी माता की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें। -
शुद्धि और स्नान:
स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें और पूजा के लिए मानसिक और शारीरिक शुद्धता बनाए रखें। -
तुलसी माता की मूर्ति या पौधे के सामने बैठें:
यदि आप तुलसी के पौधे के पास हैं, तो उसी स्थान पर बैठें और ध्यान से पूजा प्रारंभ करें। -
पूजा का आरंभ:
पूजा का आरंभ करें, जैसे कि चौघड़िया पूजा, देवी पूजा आदि। -
मंत्र उच्चारण:
अब "तुलसी माता चालीसा" का पाठ करें, इसे ध्यानपूर्वक और भक्तिभाव से उच्चारित करें। -
आरती और प्रशाद:
पूजा के बाद माता तुलसी की आरती करें और प्रसाद बांटें। -
भक्ति भाव:
पूरे पाठ के दौरान और उसके बाद, भक्ति भाव से भगवान की अनुपस्थिति में समर्पित रहना चाहिए।
🌺 श्री तुलसी चालीसा 🌺
॥ दोहा ॥
श्री तुलसी महारानी, करूँ विनय सिरनाय।
जो मम हो संकट विकट, दीजै मात नशाय॥
॥ चौपाई ॥
नमो नमो तुलसी महारानी, महिमा अमित न जाय बखानी।
दियो विष्णु तुमको सनमाना, जग में छायो सुयश महाना।
विष्णुप्रिया जय जयतिभवानि, तिहूं लोक की हो सुखखानी।
भगवत पूजा कर जो कोई, बिना तुम्हारे सफल न होई।
जिन घर तव नहिं होय निवासा, उस पर करहिं विष्णु नहिं बासा।
करे सदा जो तव नित सुमिरन, तेहिके काज होय सब पूरन।
कातिक मास महात्म तुम्हारा, ताको जानत सब संसारा।
तव पूजन जो करें कुंवारी, पावै सुन्दर वर सुकुमारी।
कर जो पूजा नितप्रति नारी, सुख सम्पत्ति से होय सुखारी।
वृद्धा नारी करै जो पूजन, मिले भक्ति होवै पुलकित मन।
श्रद्धा से पूजै जो कोई, भवनिधि से तर जावै सोई।
कथा भागवत यज्ञ करावै, तुम बिन नहीं सफलता पावै।
छायो तब प्रताप जगभारी, ध्यावत तुमहिं सकल चितधारी।
तुम्हीं मात यंत्रन तंत्रन में सकल काज सिधि होवै क्षण में।
औषधि रूप आप हो माता, सब जग में तव यश विख्याता।
देव रिषी मुनि औ तपधारी करत सदा तवं जय जयकारी।
वेद पुरानन तब यश गाया, महिमा अगम पार नहिं पाया।
नमो नमो जै जै सुखकारनि, नमो नमो जै दुखनिवारनि।
नमो नमो सुखसम्पति देनी, नमो नमो अघ काटन छेनी।
नमो नमो भक्तन दुःख हरनी, नमो नमो दुष्टन मद छेनी।
नमो नमो भव पार उतारनि, नमो नमो परलोक सुधारनि।
नमो नमो निज भक्त उबारनि, नमो नमो जनकाज संवारनि।
नमो-नमो जय कुमति नशावनि, नमो नमो सब सुख उपजावनि।
जयति जयति जय तुलसीमाई, ध्याऊँ तुमको शीश नवाई।
निजजन जानि मोहि अपनाओ, बिगड़े कारज आप बनाओ।
करूँ विनय मैं मात तुम्हारी, पूरण आशा करहु हमारी।
शरण चरण कर जोरि मनाऊँ, निशदिन तेरे ही गुण गाऊँ।
करहु मात यह अब मोपर दाया, निर्मल होय सकल ममकाया।
मांगू मात यह बर दीजै, सकल मनोरथ पूर्ण कीजै।
जानूं नहिं कुछ नेम अचारा, छमहु मात अपराध हमारा।
बारह मास करें जो पूजा, ता सम जग में और न दूजा।
प्रथमहि गंगाजल मंगवावे, फिर सुन्दर स्नान करावे।
चन्दन अक्षत पुष्प चढ़ावे, धूप दीप नैवेद्य लगावे।
करे आचमन गंगा जल से, ध्यान करे हृदय निर्मल से।
पाठ करे फिर चालीसा की, अस्तुति करे मात तुलसा की।
यह विधि पूजा करे हमेशा, ताके तन नहिं रहें क्लेशा।
करै मास कार्तिक का साधन, सोवे नित पवित्र सिध हुई जाहीं।
है यह कथा महा सुखदाई, पढ़ें सुने सो भव तर जाई।
॥ दोहा ॥
यह चालीसा भक्ति युत, पाठ करें जो कोय।
तापर कृपा प्रसन्नता, गायत्री की होय॥
श्री तुलसी चालीसा का पाठ आपको मानसिक शांति और भक्ति की ऊर्जा प्रदान करता है। इसे हर महीने, विशेष रूप से कार्तिक मास में, करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
जय तुलसी माता! 🌿
🌸 श्री तुलसी चालीसा का लाभ 🌸
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मानसिक शांति और सुख
श्री तुलसी चालीसा का नियमित पाठ मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति करता है। यह व्यक्ति के दिल और मन को शांति प्रदान करता है, जिससे मानसिक तनाव और चिंता दूर होती है। -
आध्यात्मिक उन्नति
यह चालीसा भक्ति और श्रद्धा को बढ़ाती है, जिससे व्यक्ति का आध्यात्मिक जीवन उन्नति की ओर अग्रसर होता है। -
घर में सुख-समृद्धि
तुलसी माता का पूजन घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है। जो घर में नियमित रूप से श्री तुलसी चालीसा का पाठ करते हैं, उनके घर में कभी भी दरिद्रता का प्रवेश नहीं होता। -
स्वास्थ्य लाभ
तुलसी के पौधे का पूजन और उसका आशीर्वाद स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करता है। यह रोगों से मुक्ति के साथ-साथ शरीर और मन को निरोगी रखता है। -
वृद्धि और समृद्धि
तुलसी माता के पूजा से व्यवसाय में वृद्धि, धन-धान्य की प्राप्ति और समृद्धि होती है। यह जीवन में सफलता की ओर मार्गदर्शन करता है। -
कुंवारी कन्याओं के लिए वरदान
जो महिलाएं तुलसी पूजा करती हैं, उन्हें अच्छे जीवनसाथी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर मिलती है। -
भक्तों की रक्षा
जो व्यक्ति श्रद्धा भाव से तुलसी चालीसा का पाठ करते हैं, वे जीवन में सभी कष्टों से मुक्त रहते हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करते हैं।
श्री तुलसी चालीसा के पाठ से जीवन में आने वाले लाभ
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सुख-शांति
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आध्यात्मिक उन्नति
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स्वास्थ्य में सुधार
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समृद्धि और खुशहाली
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व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान
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