नरेंद्र सिंह नेगी जी का यहां गीत जब सुनते हैं तो गीत में खो जाते हैं ऐजदी भग्यानी,

 ऐजदी भग्यानी,



चिठ्युं का आखर अब ज्यू नि बेल मोंदा,

बुसील्या रैबार तेरा आस नी बंधौन्दा -२

ऐजदी भग्यानी, ऐजदी भग्यानी -२

ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२

ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२

रांका बाल बाली काली रात नि ब्याणी, मेरी रात नि ब्याणी ।

रात नि ब्याणी, मेरी रात नि ब्याणी ।

उंसी का बुंदुन चुची तीस नि जाणी मेरी तीस नि जाणी ।

तीस नि जाणी मेरी तीस नि जाणी ।

पंद्रह पचिस्या दिन सदानि नि रौंदा -२

ऐजदी भग्यानी अर..र..र..र..र.र..र..रा..

ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२

ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२

रुड्युं का घामुन खैरया आंसूनी सुखदा, भगी आंसूनी सुखदा ।

आंसूनी सुखदा, भगी आंसूनी सुखद ।

जेट की बरखा न पाडु छोयां नी फ़ुटदा भगी छोरि छोयां नी फ़ुटदा ।

छोयां नी फ़ुटदा छोरि छोयां नी फ़ुटदा ।

बारमास फ़ूल खिल्यां डाल्युं मां नि रौंदा-२

ऐजदी भग्यानी छांटो रे छाटो रे छांटो छाटो..

ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२

ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२

आस को आसरो तेरी खुद ज्यूणो सारो, भगी खुद ज्यूणो सारो ।

खुद ज्यूणो सारो, भगी खुद ज्यूणो सारो ।

जथा हिटूं त्वे जथैईं बाटु फारु-फ़ारु, चुची बाटु फारु-फ़ारु ।

बाटु फारु-फ़ारु, चुची बाटु फारु-फ़

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