मणिमहेश कैलाश पर्वत यहां नीलमणि के रूप में दर्शन

मणिमहेश कैलाश पर्वत यहां नीलमणि के रूप में दर्शन देते हैं देवों के देव महादेव

ऐसे मे प्रदूषण कहा 



1. प्रकृति का चमत्कार होते है नीलमणि के दर्शन यहा

मणिमहेश में कैलाश पर्वत  के पीछे जब सूर्य उदय होता है तो सारे आकाश मंडल में नीलिमा छा जाती है और किरणें नीले रंग में निकलती है और पर्वत शिखर नील मणि की तरह चमकता है इसीलिये इसे मणिमहेश कैलाश पर्वत कहा जाता है।

2. पांगी व जांस्कर पर्वत शृंखलाओं से घिरा यह कैलाश पर्वत मणिमहेश कैलाश के नाम से जाना जाता है।

3. चंबा को शिवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव इन्हीं पहाड़ों में निवास करते हैं।

4. महिलाएं गौरीकुंड में करती हैं स्नान...गौरीकुंड पहुंचने पर प्रथम कैलाश शिखर के दर्शन होते हैं। गौरीकुंड माता गौरी का स्नान स्थल है। 


5. होते हैं नीलमणि के दर्शन

मणिमहेश में कैलाश पर्वत के पीछे जब सूर्य उदय होता है तो सारे आकाश मंडल में नीलिमा छा जाती है और किरणें नीले रंग में निकलती है।

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