'क्या हुआ इन पहाड़ों को'
रूई गोलों को बिछा दिया पहाड़ों परहुआ पहाड़ सफेद बर्फ गोलों से तर.
एक हिस्सा स्याह दूसरा हुआ सफेद
जैसे इन पहाड़ों पर रखी सफेद गेंद.
आधे पर है प्रकाश, आधे पर है छाया
कुदरत ने कैसी विचित्र कर दी माया.
काले सफेद ऊन से दिया स्वेटर बिन
क्या आधे में है रात , आधे में है दिन?
किसी ने जमा कुल्फी आधे पहाड़ पर
या आधे पहाड़ को दूध से किया तर.
सफेदकाली किसी नेे पहनायी दुशाल
बिछाया मोहित करने किसी ने जाल!
आधे पर है क्रीम या आधे पर काली स्याही लिख
आधे पर बहती नदी या सफेद माला रही दिख.
क्या हुआ इन पहाड़ों को कुछ समझ न आता
जो भी इनको देखता ,वह ही मोहित हो जाता|
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