जानवरों और प्रकृति से खाश रिश्ता था खाने में हमारे कौओं का भी हिस्सा था।

जानवरों और प्रकृति से खाश रिश्ता था  खाने में  हमारे कौओं का भी हिस्सा था।

 #वो_गांव
जानवरों और प्रकृति से खाश रिश्ता था
खाने में  हमारे कौओं का भी हिस्सा था।

खाने में  हमारे कौओं का भी हिस्सा था।
Pahadi Food 

बोतल  बंद  वॉटर  की  चाह  कहाँ  थी
पहाड़ों से बूँद बूँद जल अमृत रिस्ता था।
बोतल  बंद  वॉटर  की  चाह  कहाँ  थी  पहाड़ों से बूँद बूँद जल अमृत रिस्ता था।
जल अमृत रिस्ता
मैगी, पास्ता,  बर्गर  फरमाइश  नहीं थे
पानी के घट से ताजा आटा पिसता था।
पानी के घट
ब्यूटी प्रोडक्ट्स के लुभाते ब्रांड नहीं थे
हल्दी के संग शीतल चंदन घिसता था।
गाय बैल के प्रति भी कृतज्ञता दिखती 
पक्षियों से प्रेम घुघती त्यार निभता था।
मानवता की मिसाल वो गांव था "राजू"
हर आदमी में पाक इंसान दिखता था।

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