उत्तराखंड में कई सारे नए गाने आ रहे हैं काफी सारे नए गाने का तरीका से लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं आप लोगों से निवेदन है कि घर आपको गीत अच्छे लगते हैं हमारे पोस्ट में कमेंट लिखकर और सब बताएं
तै ढांमड़ा रख मूड़ी (तशरीफ़ रख)
अर सुण यु झबराट (और ये आवाजें सुन)
बीड़ी बूझो बुड्या (बीड़ी बुझा बूढ़े)
फोड़लु ढूँगा न कपाळ (वरना पत्थर से माथा फोड़ूंगा)
बौराड़ी बटी चली मेरु ट्रैकर (बौराड़ी से मेरा चला ट्रैकर)
चोरी का माल्टा खएली मिन चार (मैंने चोरी से 4 माल्टे भी खा लिए हैं)
सुणी मिन गिटार मा ढोल की ताल (मैंने गिटार में ढोल की ताल सुनी)
सभी कन्ना रैप यख बांदर या स्याळ (सभी यहाँ रैप कर रहे हैं चाहे वो बंदर हो या सियार)
लीड कोच्ची बल कानो मा भैजी (भाईसाहब लीड कान में घुसाओ)
आँखि पौंछि बरमण्ड मा भैजी (आँखे ब्रह्माण्ड में पंहुचाके)
झरफर हुड़की बजै दे(चमक धमक के साथ हुड़की बजा दे)
सेंटुली जन धौण हिलै दे (गुरसल पक्षी के जैसे गर्दन हिला दे)
शूट-बूट पैरी बण्यो बबाल- ( शूट-बब ूत पहन कर बबाल बनकर)
अपणा चौक बटी मारी मिन फाळ- (अपने आंगन से मैंने छलांग लगायी)
कैमा बताण हे कख लुकण (किसके पास बताऊँ और कहाँ छिपु)
जख देखा वख लगणु मण्डाण (जहां देखो वहां मंडाण लगा है /सब नाच रहे हैं)
खातामा ऐगी पेन्शन मोदी जी की- (मोदी की पेन्शन खाते में आ गयी है)
जग घूमिगी अर व्हैगी मेरी शेखी (संसार घूम गया हूँ और मेरी शेखी हो गयी है)
कैका हाथ नी औलु (किसीके हाथ नहीं आऊंगा)
न मै छ्वीं लगौलू ( न मै किसी से बातचीत करूंगा)
काळू धन सी मेरु पुंगड़ू व्हैगी (मेरा खेत मेरे काले धन जैसा है)
बोलणू मै सच्ची स्वर की कच्ची (सच कर रहा हूँ मैं वो स्वर की कच्ची है)
कनि पैरांदी साड़ी , ( कैसी साड़ी पहनती है )
गोठरदा गोठर दा बकम भम (अब तबेले में जाकर उछल-उछल कर नाचेगी)
हे मेरी परूली (हे मेरी प्यारी)
धन त्वैकू माराज (महाराज तुझे धन्य है)
गोठरदा गोठर दा बकम भम (अब तबेले में जाकर उछल-उछल कर नाच)
पंदयार जाणक स्या बोल्दी ना (पानी के स्रोत में जाने के लिए वह ना बोलती है)
भैंसु पीजाणक बोल्दी ना ( भैंस का दूध निकालने के लिए ना बोलती है)
बस दांत दिखौण मा रैंदी अगाड़ी - (बस दांत दिखाने में आगे रहती है)
अरे छवीं लगाण म त हे मेरी ब्वै (और गप्पे मारने में तो हे मेरी माँ)
सैरा घर कु काम (सारे घर का काम ?)
बोल्दी ना (ना बोलती है)
बल भांडा मंजोंण को (बल बर्तन मांजने के लिए?)
बोल्दी ना (ना बोलती है)
तुमारी सांकि दबौण कि बारि भी छ (तुम्हारा गला दाबने की बारी भी है)
पैली वींकि दबौलू मी सोच ल्या हां तुम (पर पहले उसकी दबोचूंगा सोच लो तुम)
वींकी गोरी मुखड़ी माँ व्है भरम (उसकी गोरी शक्ल से भरम हो गया)
कना फूटी आंखा कना रै करम ( फूटी आखों के साथ क्या करम भी फूटे थे)
कना भाग फूट्या मेरा हे प्रभु ( हे प्रभु मेरे कैसे भाग फूटे)
अब कैमा बतौ मी औणी च सरम (अब किसको बताऊं शर्म आ रही है)
ढूँगा - पत्थर से, कपाळ- माथा, बटी- से, मिन- मैंने
माल्टा - सन्तरे जैसा एक रसीला पहाड़ी फल
सुणी मिन - सुना मैंने
यख- यहाँ, स्याळ- सियार, कोचना - घुसाना
भैजी - भाई के लिए आदर सूचक शब्द
बरमण्ड- सिर जिसे ब्रह्माण्ड की संज्ञा दी गयी है
झरफर- चमक धमक , हुड़की- एक वाध्ययंत्र
सेंटुली - गुरसल (एक पक्षी), जन- जैसे
धौण- गर्दन, हिलै दे - हिला दे
पैरी- पहनकर, बण्यु- बना
चौक बटी - आँगन से, फाळ- छलांग
कैमा - किसके पास, बताण - बताउ
कख- कहाँ, लुकण- छिपना/छिपाना
जख- जहां, वख- वहां, लगणु- लग रहा हैं
मण्डाण- Dance Form of Celebration
अर- और व्हैगी- हो गई
कैका- किसीके
छ्वीँ/छवीं - बातचीत/ गप्पें
लगौलू- लगाऊंगा
जनु- जैसे, पुंगड़ू- खेत
व्हैगी- हो गया
बोलणू- बोल रहा हूँ
कनि- कैसी, पैरांदी- पहनती है
परूली- प्यारी, त्वैकू- तुझे
पंदयार - पानी का स्रोत
जाणक - जाने के लिए, बोल्दी- बोलती है
स्या- वह (स्त्रीलिंग), पीजाण- जानवर का दूध निकालना
दिखौण- दिखाना, रैंदी - रहती है
अगाड़ी- आगे, ब्वै- माँ, भांडा- बर्तन, सांकि- गर्दन/गला
दबौण- दबाना, नि छ- नहीं है
पैली- पहले, वींकि- उसकी, मुखड़ी- शक्ल..
Presenting Official Video of the song "Pahadi A Cappella 2|| Gotharda Bakam Bam".It is the second installment of the song "Pahadi A Cappella || Kaleiji Ku Tel" , Directed by Gunjan and Vishal and Produced by Mgv Digital. The song is sung by Gunjan Dangwal, Ranjeet Singh, Vishal Sharma, Black and Rajanikant Semwal. This song is composed and written by Vishal, Black and Gunjan. Some lines of the song are inspired by the poem of Mr. Harish Juyal Ji .Videography was done by Anurag Raturi and video is Edited by Dhruv Verma and Gunjan Dangwal. Rest of the management was handled by Third Button Studios.
Presenting Official Video of the song "Pahadi A Cappella 2|| Gotharda Bakam Bam".It is the second installment of the song "Pahadi A Cappella || Kaleiji Ku Tel" , Directed by Gunjan and Vishal and Produced by Mgv Digital. The song is sung by Gunjan Dangwal, Ranjeet Singh, Vishal Sharma, Black and Rajanikant Semwal. This song is composed and written by Vishal, Black and Gunjan. Some lines of the song are inspired by the poem of Mr. Harish Juyal Ji .Videography was done by Anurag Raturi and video is Edited by Dhruv Verma and Gunjan Dangwal. Rest of the management was handled by Third Button Studios.
Audio Credits:
Artist- Ranjeet Singh, Gunjan Dangwal, Vishal Sharma and Rajanikant Semwal
Rap Artist- Black
Lyrics and Composition- Vishal, Black and Gunjan
Female Artist- Diya
Arranged/Mixed and Mastered By- Gunjan Dangwal
Studio-The Audio Planet and A Plus Studio
Video Credits:
Line Production and Operations- Third Button Studios
Gaffer- Gaurav Melkani, Prashant Upadhyay
Artworks- Amit Rana and Anil Keshav Singh
BTS- Praveen Semwal
D.O.P- Anurag Raturi
Editor-Dhruv Verma and Gunjan Dangwal
Location Courtesy
Nauka Hills Resort, Doivala Bypass Road
Rc Vision Studio
.............हिंदी शब्दार्थ.............. हुक लाइन "गोठर दा बकम भम" गोठर दा- यह उत्तराखण्ड में बोली जाने वाली कुमाउँनी भाषा का शब्द है। "गोठर" को उत्तराखण्ड में ही बोली जाने वाली गढ़वाली भाषा में गुठ्यार भी कहा जाता है जिसका हिन्दी अर्थ- आंगन का ऐसा कोना जहां गाय-भैंस बाँधी जाती हैं। "दा" शब्द यहाँ आगे आने वाले शब्दों को जोड़ता है इसलिए यहाँ पर दा का मतलब है - में बकम भम - आनन्द के क्षणों में बहुत ऊंचाई तक उड़कर नीचे गिरने की आवाज/ उत्पात मचाना "गोठर दा बकम भम"----- बड़े बूढ़ो से बचकर आँगन के कोने में/तबेले में जाकर आनन्द लेना/ उछल- उछल कर नाचो तै- उस......... ढांमड़ा- कमर तथा उसके नीचे का हिस्सा (तशरीफ़) मूड़ी- नीचे (ऊपर से नीचे दिखाई देने के लिए प्रयुक्त होने वाला लोक शब्द) झबराट- पहने हुए कपड़ो की आवाज(घाघरा/फ्रॉक या अन्य पहने हुए कपड़ों की आवाज)
.............हिंदी शब्दार्थ.............. हुक लाइन "गोठर दा बकम भम" गोठर दा- यह उत्तराखण्ड में बोली जाने वाली कुमाउँनी भाषा का शब्द है। "गोठर" को उत्तराखण्ड में ही बोली जाने वाली गढ़वाली भाषा में गुठ्यार भी कहा जाता है जिसका हिन्दी अर्थ- आंगन का ऐसा कोना जहां गाय-भैंस बाँधी जाती हैं। "दा" शब्द यहाँ आगे आने वाले शब्दों को जोड़ता है इसलिए यहाँ पर दा का मतलब है - में बकम भम - आनन्द के क्षणों में बहुत ऊंचाई तक उड़कर नीचे गिरने की आवाज/ उत्पात मचाना "गोठर दा बकम भम"----- बड़े बूढ़ो से बचकर आँगन के कोने में/तबेले में जाकर आनन्द लेना/ उछल- उछल कर नाचो तै- उस......... ढांमड़ा- कमर तथा उसके नीचे का हिस्सा (तशरीफ़) मूड़ी- नीचे (ऊपर से नीचे दिखाई देने के लिए प्रयुक्त होने वाला लोक शब्द) झबराट- पहने हुए कपड़ो की आवाज(घाघरा/फ्रॉक या अन्य पहने हुए कपड़ों की आवाज)
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