माँ मानिला देवी मंदिर अटूट आस्था प्रतीक कालेपत्थर से निर्मित अल्मोड़ा उत्तराखंड
Ø यह
मन्दिर कत्यूरी लोगो की पारिवारिक देवी #मानिला का मंदिर है।
Ø मन्दिर
दो भागों में बँटा हुआ है
#प्राचीन मन्दिर तो #तल्ला_मनीला में ही स्थित है
Ø प्रचलित
है कि
"एक बार कुछ चोर मानिला देवी की मूर्ति को चुराकर एक हाथ
ही उखाड़ कर ले गए, किन्तु
अधिक दूर न ले जा सके। तबसे वही पर #माता का एक और #मन्दिर
स्थापित कर दिया गया जो मल्ला मानिला के है।
Ø देवदार
और चीड़ के घने जंगलों के बीच #ऊंची
चोटी में स्थित मां मानिला देवी मंदिर लोगों की अटूट #आस्था का प्रतीक है।
Ø वर्ष #1488में
कत्यूरी राजा ब्रह्मदेव ने इस मंदिर का निर्माण कराया। मंदिर में काले_पत्थर से
निर्मित दुर्गा माता और भगवान #विष्णु
की सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं।
Ø पर्यटन
की दृष्टि से भी मंदिर का विशेष महत्व है। मंदिर में मां के दर्शन को दूर-दूर से #श्रद्धालुओं के साथ ही काफी
संख्या में पर्यटक भी पहुंचते हैं!
Ø नवविवाहित
दंपति मंदिर में आकर पूजा पाठ कर मनौती मांगते हैं।
Ø मंदिर समिति के अध्यक्ष #नंदन सिंह मनराल ने बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रात्रि विश्राम के लिए मंदिर में 24_कमरे बनाए गये हैं और उनके खाने की संक्षिप्त व्यवस्था भी है।
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