कविता कोश " वेदने_तू_धन्य_है_री"
वेदने_तू_धन्य_है_री!
जी करे है भूल जाऊँ,
क्लेश सब शापित विगत के ।
जी करे है भूल जाऊँ,
क्लेश सब शापित विगत के ।
छंद -सी हर साँस तेरी ,
गीत- सी हर एक धड़कन।
काल ने मुझको दिये थे ,
घाव जो अनगिन हृदय में।
भर गये वे आज सारे ,
भाग्य वश तेरे प्रणय में।
क्रूर कल से जो मिले थे ,
कीच वे हैं आज मणि कण ।
छंद -सी हर साँस तेरी ,
गीत -सी हर एक धड़कन।
एक शापित सी शिला को
हाय ! तूने पूज्य माना ।
जग जिसे ठुकरा चला था ,
क्यों कहो प्रिय ! प्रेय जाना ।
डबडबाते सोच कर यह ,
सच कहूँ तो आज लोचन ।
छंद-सी हर साँस तेरी,
गीत-सी हर एक धड़कन।
मृत्यु तक ही सोचती थी ,
मात्र है मेरी कहानी ।
किन्तु तेरी प्रीत में है,
आज नश्वरता अजानी।
हो गया शाश्वत लगे है ,
प्रेम का प्रिय !सद्य बंधन ।
छंद-सी हर साँस तेरी ,
गीत- सी हर एक धड़कन।
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