हिमालय की पुकार - समझो और संभलो!

 हिमालय की पुकार 

                   समझो और संभलो!
हे नादान निरंकुस मानव,
        मत उजाड़ निर्मल हिमखंड !
  तू जल-जमीन-जंगल का बैरी,
               भुगतेगा "कुदरत" का दंड !!

मणिमुकुट हूँ मैं भारत का,
            मैं सरताज "हिमालय" हूँ !
  "गंगा" "यमुना" उद्गम स्थल,
                  कुदरत का मुख्यालय हूँ !!

"गंगोत्री" "यमुनोत्री" मुझमें,
        "बद्री" "केदार" विराजित हैं !
   ठंड-गर्म जल "कुंड" अनेकों,
              मोक्ष शांति सुख राजित हैं !!

श्रद्धा का सर्वोच्च शिखर हूँ,

               अमृत्व बांटती गंगा है !
  पादप-जीव की प्यास बुझाती,
                 हर पाप काटती गंगा है !!

जड़ी बूटियाँ मुझमें उगती,
            जीवन संचार कराती हैं !
  धरती का लीवर हूँ मैं,
             अब चिंता बहुत संताती है !!

सोच अगर मैं ढह जाऊँगा,
      भारत का क्या मंजर होगा !
   मिट जाएंगी पीढ़ी पीढ़ी,
               बहता हुआ समुंदर होगा !!

मिट जाऐगी खेती बाड़ी,
              रेत दिखेगा चारों ओर !
   जो बच जाएंगे चिल्लायेंगे,
                   नही सुनेगा कोई सोर !!

जल-जमीन-जंगल सूखेंगे,
         नदियों में जल नही बहेगा !
    गर्मी होगी जिस्म झुलसती,
              जन-जन ऐसे कष्ट सहेगा !!

क्यों प्रदूषण बढ़ा रहा है,
              बांध रहा है नदियों को !
    सुनता हूँ विस्फोट अनेकों,
             तू जहर दे रहा सदियों को !!

मैं हूँ तो सब कुछ जीवित है,
                 मरते सब मर जायेंगे !
    यह संदेश सभी को देना,
                 सुनकर सब डर जायेंगे !!

तब जाकर मैं बच पाऊँगा,
           सबके सब बच जाओगे !
     "प्रदूषण" महा बैरी मेरा,
               जब इसको दूर हटाओगे !!

वृक्षारोपण करते रहना,
               पर्यावरण की रक्षा हो !
    जल-जमीन-जंगल उपयोगी,
                   इनकी सदा सुरक्षा हो !!

ग्लोबल वार्मिग से बचने का,
             हर प्रयास समर्पित हों !
    कुदरत को दें सरल संतुलन,
                 भाव-कर्म यूँ अर्पित हों !!

मणिमुकुट हूँ मैं भारत का,
            मैं सरताज "हिमालय" हूँ !
  "गंगा" "यमुना" उद्गम स्थल,
                कुदरत का मुख्यालय हूँ !!

हे नादान निरंकुस मानव,
        मत उजाड़ निर्मल हिमखंड !
  तू जल-जमीन-जंगल का बैरी,
         क्या भुगतेगा कुदरत का दंड ?
              😊...✍ विनोद डोभाल विन्नी

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