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शब्दार्थ :
झै लागै - जैसी लगती है।
जूनै लै - चाँद ने। सौउना -सुन्दर
रिटनो - घूमना। तारा भाड़ी - तारामंडल।
काडी - अतिकुशल।
पहाड़ी कविता कोश गुलाबै फूल जसी
#गीत - गुलाबै फूल जसी
आसमानै परि झै लागै, हरी साड़ी में तू
गुलाबै फूल जसी, फुलभाड़ी में तू।
जूनै लै उज्यालौ पायो, तेरा सौउना मुखे लै
तेरा हसी ले मिटी जानी, घेरी कसा दुखे लै
जीवन असान भयो, बैठी मेरी गाड़ी में तू
आसमानै परि झै लागै, हरी साड़ी में तू
गुलाबै फूल जसी, फुलभाड़ी में तू।
धड़कन बढ़ै दिन्छ, तेरौ टकटक हिटनो
तेरि चार तरफे घुमु, भै धरति को रिटनो
अलगै चमकनी रये, तारा भाड़ी में तू
आसमानै परि झै लागै, हरी साड़ी में तू
गुलाबै फूल जसी, फुलभाड़ी में तू।
सबौ है सुकून, तेरा हात में मेरो हात
प्रेम रसा गीत जसि, छ तेरी हर बात
सबौ है ठुली काडी, सब काडी में तू
आसमानै परि झै लागै, हरी साड़ी में तू
गुलाबै फूल जसी, फुलभाड़ी में तू।
शब्दार्थ :
झै लागै - जैसी लगती है।
जूनै लै - चाँद ने। सौउना -सुन्दर
रिटनो - घूमना। तारा भाड़ी - तारामंडल।
काडी - अतिकुशल।
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