गढ़वाल के लोक गीत एवं लोक नृत्य: संस्कार गीत-नामकरण
नामकरण— 'नामकरण' संस्कार खुशी का संस्कार होता है। चारों तरफ नाच, गानों का आयोजन होता है। विधि—विधान से पूजन किया जाता है। जब नामकरण होता है तो मांगल गीत गाए जाते हैं:
तू होलो बेटा देवता को जायो,
तू होलो बेटा कुल को उजालो।
आज जाया तेरो नाऊं धरयाले,
तू जाया कुल को रखी नाऊं।
हे पुत्र, तुम देवताओं की कृपा से पैदा हुआ हो। तुम कुल को उज्जवल करोगे। आज तुम्हारा नामकरण हुआ है। बेटे! अपनेकुल का नाम सदैव ऊंचा रखना। कुल—दीपक बनकर हमेशा यशस्वी होना।
अन्नप्राशन (पासणी) और कर्णवेध संस्कार गढ़वाल में अवश्य संपन्न होते हैं परंतु ऐसे अवसरों पर अब अधिक जोर नहीं डाला जाता। यही कारण है कि इनके सम्बन्ध में गीत उपलब्ध नहीं होते।
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