फ्योंली 🌻!"खुदेड गढ़वाली गीत... (मार्मिक)

 फ्योंली 🌻!"खुदेड गढ़वाली गीत... (मार्मिक)



फुली... फ्योंली फूल... बसन्त बौडी आई...2

कु छा फ्योंली क्या छा फ्योंली कैन नी बिंगाई...2

फुली... फ्योंली फूल... बसन्त बौडी आई...2

                           ( 1 )

मायाळी कोंगली स्वाणी सजीली फ्योंली जुंईं कू नौ...

लाडी बेटी जिया बैण... मायालु मैती गौं...

आई बिपदा महामारी मैती ज्यूँदा नि रैन...

स्वरा मैती लालची ह्वैंन फ्योंली नी गणखी कैन...

निरमैतीण खुदेणी फ्योंली कैन नि अपड़ाई...

बणी... फ्योंली फूल... बसन्त बौडी आई...

                           ( 2 )

चैत मैत जांदी फ्योंली... स्वरा सगों का धोर...

मुख फेरदा रैन सभी... बाटा ओर पोर...

बै बाबू कू कुडू-बाड़ू स्वरों न हतियाली...

भूकी-तीसी-दुखी फ्योंलिन प्राण त्याग्याली...

बिट्टा पाखों फूल बणगी मैती कखी नी पाई...

बणी... फ्योंली फूल... बसन्त बौडी आई...

                          ( 3 )

पहाडू मा बसंत तै... फ्योंली ही बुलौंदी...

मुलमुल कै हँसदी रैंदी... दिशों तै खुदौंदी...

बिटुई-बिट्टा धार-पाखों तै सजौंदी फ्योंली...

सग्वाडा गुट्ठयार गमलों नी दिखेंदी फ्योंली...

अबतलक स्वाणी फ्योंली कैन नी अपडाई...

बणी... फ्योंली फूल... बसन्त बौडी आई...2


✍ विनोद डोभाल विन्नी !

टिप्पणियाँ