हमारा उत्तराखंड, हमारी पहचान

 हमारा उत्तराखंड, हमारी पहचान

यह बात मेरी 
उस भूमि की हैं
देवभूमि के नाम से
हैं विश्वबिख्यात्, 
       देवों के तीर्थ स्थल
       यहाँ पर हैं
       और हैं यहाँ पर
       प्रकृति की सौगात, 
गंगोत्री- यमुनोत्री का
उद्गम यहाँ पर
और संस्क्रति के
प्रेमी यहाँ पर, 
          जिम कॉर्बेट, 
          छोटा कश्मीर, 
          मायका माँ नंदा का व
          बाल मिठाई का घर
          हैं विद्यमान, 
झीलों की नगरी
फूलों की घाटी
भगवान विष्णु का वास
यहाँ पर हैं, 
         हस्तशिल्प व हथकरघा
         पहचान यहाँ की
         मोटे अनाज की
         होती पैदावार, 

फल भी यहाँ पर
होते अनगिनत
आडू, प्लम, सेब, संतरा, 
नाशपाती, नींबू, अनार, 
          काफल, बेडू, घिन्गारू, 
          हिसालू, खुमानी, तिमिल
          सब कुछ ऐसा
          उपलब्ध यहाँ, 
जागेश्वर में 
जागनाथ विद्यमान
चितई में गोलू 
देवता विद्यमान, 
        बोली यहाँ की
        गढ़वाली-कुमाऊनी
        मिलता देश प्रेम का
        जज्बा यहाँ, 
त्यौहार यहाँ के होते ऐसे
घुघुतिया, खतरुआ, फूलदेई,
होली, हरेला, 
श्रावणी मेला की 
धूम यहाँ पर, 
          लोग यहाँ के ऐसे होते
          सदभाव, स्नेह, आदर, 
          आतिथ्य,सम्मान
          ऐसा इनका है व्यवहार  ।

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