ऐसी जानकारी बार-बार नहीं आती ( भाग -1) - Such information does not come again and again (Part-1)

ऐसी जानकारी बार-बार नहीं आती, और आगे भेजें, ताकि लोगों को सनातन धर्म की जानकारी हो  सके आपका आभार धन्यवाद होगा


  1. अष्टाध्यायी               पाणिनी
  2. रामायण                    वाल्मीकि
  3. महाभारत                  वेदव्यास
  4. अर्थशास्त्र                  चाणक्य
  5. महाभाष्य                  पतंजलि
  6. सत्सहसारिका सूत्र      नागार्जुन
  7. बुद्धचरित                  अश्वघोष
  8. सौंदरानन्द                 अश्वघोष
  9. महाविभाषाशास्त्र        वसुमित्र
  10. स्वप्नवासवदत्ता        भास
  11. कामसूत्र                  वात्स्यायन
  12. कुमारसंभवम्           कालिदास
  13. अभिज्ञानशकुंतलम्    कालिदास  
  14. विक्रमोउर्वशियां        कालिदास
  15. मेघदूत                    कालिदास
  16. रघुवंशम्                  कालिदास
  17. मालविकाग्निमित्रम्   कालिदास
  18. नाट्यशास्त्र              भरतमुनि
  19. देवीचंद्रगुप्तम          विशाखदत्त
  20. मृच्छकटिकम्          शूद्रक
  21. सूर्य सिद्धान्त           आर्यभट्ट
  22. वृहतसिंता               बरामिहिर
  23. चतंत्र।                  विष्णु शर्मा
  24. कथासरित्सागर        सोमदेव
  25. अभिधम्मकोश         वसुबन्धु
  26. मुद्राराक्षस               विशाखदत्त
  27. रावणवध।              भटिट
  28. किरातार्जुनीयम्       भारवि
  29. दशकुमारचरितम्     दंडी
  30. हर्षचरित                वाणभट्ट
  31. कादंबरी                वाणभट्ट
  32. वासवदत्ता             सुबंधु
  33. नागानंद                हर्षवधन
  34. रत्नावली               हर्षवर्धन
  35. प्रियदर्शिका            हर्षवर्धन
  36. मालतीमाधव         भवभूति
  37. पृथ्वीराज विजय     जयानक
  38. कर्पूरमंजरी            राजशेखर
  39. काव्यमीमांसा         राजशेखर
  40. नवसहसांक चरित   पदम् गुप्त
  41. शब्दानुशासन         राजभोज
  42. वृहतकथामंजरी      क्षेमेन्द्र
  43. नैषधचरितम           श्रीहर्ष
  44. विक्रमांकदेवचरित   बिल्हण
  45. कुमारपालचरित      हेमचन्द्र
  46. गीतगोविन्द            जयदेव
  47. पृथ्वीराजरासो         चंदरवरदाई
  48. राजतरंगिणी           कल्हण
  49. रासमाला               सोमेश्वर
  50. शिशुपाल वध          माघ
  51. गौडवाहो                वाकपति
  52. रामचरित                सन्धयाकरनंदी
  53. द्वयाश्रय काव्य         हेमचन्द्र

वेद-ज्ञान:-


प्र.1-  वेद किसे कहते है ?
उत्तर-  ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है।

प्र.2-  वेद-ज्ञान किसने दिया ?
उत्तर-  ईश्वर ने दिया।

प्र.3-  ईश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया ?
उत्तर-  ईश्वर ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान दिया।

प्र.4-  ईश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया ?
उत्तर- मनुष्य-मात्र के कल्याण के लिए।

प्र.5-  वेद कितने है ?
उत्तर- चार ।                                                  
1-ऋग्वेद 
2-यजुर्वेद  
3-सामवेद
4-अथर्ववेद

प्र.6-  वेदों के ब्राह्मण ।
        वेद              ब्राह्मण
1 - ऋग्वेद      -     ऐतरेय
2 - यजुर्वेद      -     शतपथ
3 - सामवेद     -    तांड्य
4 - अथर्ववेद   -   गोपथ

प्र.7-  वेदों के उपवेद कितने है।
उत्तर -  चार।
      वेद                     उपवेद
    1- ऋग्वेद       -     आयुर्वेद
    2- यजुर्वेद       -    धनुर्वेद
    3 -सामवेद      -     गंधर्ववेद
    4- अथर्ववेद    -     अर्थवेद

प्र 8-  वेदों के अंग हैं ।
उत्तर -  छः ।
1 - शिक्षा
2 - कल्प
3 - निरूक्त
4 - व्याकरण
5 - छंद
6 - ज्योतिष

प्र.9- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने किन किन ऋषियो को दिया ?
उत्तर- चार ऋषियों को।
         वेद                ऋषि
1- ऋग्वेद         -      अग्नि
2 - यजुर्वेद       -       वायु
3 - सामवेद      -      आदित्य
4 - अथर्ववेद    -     अंगिरा

प्र.10-  वेदों का ज्ञान ईश्वर ने ऋषियों को कैसे दिया ?
उत्तर- समाधि की अवस्था में।

प्र.11-  वेदों में कैसे ज्ञान है ?
उत्तर-  सब सत्य विद्याओं का ज्ञान-विज्ञान।

प्र.12-  वेदो के विषय कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-   चार ।
        ऋषि        विषय
1-  ऋग्वेद    -    ज्ञान
2-  यजुर्वेद    -    कर्म
3-  सामवे     -    उपासना
4-  अथर्ववेद -    विज्ञान

प्र.13-  वेदों में।

ऋग्वेद में।
1-  मंडल      -  10
2 - अष्टक     -   08
3 - सूक्त        -  1028
4 - अनुवाक  -   85 
5 - ऋचाएं     -  10589

यजुर्वेद में।
1- अध्याय    -  40
2- मंत्र           - 1975

सामवेद में।
1-  आरचिक   -  06
2 - अध्याय     -   06
3-  ऋचाएं       -  1875

अथर्ववेद में।
1- कांड      -    20
2- सूक्त      -   731
3 - मंत्र       -   5977
          
प्र.14-  वेद पढ़ने का अधिकार किसको है ?                                                                                                        उत्तर-  मनुष्य-मात्र को वेद पढ़ने का अधिकार है।

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