Vajreshwari Devi Shaktipeeth Aarti - Om Jai Bajreshwari Mata (वज्रेश्वरी देवी शक्तिपीठ की आरती - ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
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ॐ जय बज्रेश्वरी माता मैया जय बज्रेश्वरी माता ।
कांगड़ा मंदिर तेरा सबके मन भाता ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
शक्तिधाम है आंचल पिंडी रूप लिया।
पालनहारी बनकर जग कल्याण किया ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
जगमग ज्योति जागे अंधियारा हरती ।
अन्नपूर्णा तू ही भंडारे भरती ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
जोड़ा सिंह का दर पे देता है पहरा ।
योगी ध्यानू साधु ध्यान धरै तेरा ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
तारा रानी मंदिर पीपल की छैया ।
छैने नगारे बाजे दे दर्शन मैया ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
ध्यानू शीश चढ़ाया अमर किया उसको ।
भक्ति पंथ चलाया ज्ञान दिया सबको ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
परिक्रमा मंदिर की पाप नाश करती ।
एक बार जो आता भक्ति भाव भरती ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
चढ़ते फूल बताशे और पंच मेवा ।
बड़े भाग्य से मिलती मां तेरी सेवा ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
ओम तेरे चरणों में आरती शुभ गाता ।
सदा बनाए रखना मां पुत्र नाता ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
वज्रेश्वरी देवी शक्तिपीठ की आरती - ॐ जय बज्रेश्वरी माता... | Vajreshwari Devi Shaktipeeth Aarti - Om Jai Bajreshwari Mata
वज्रेश्वरी देवी शक्तिपीठ की आरती |
कांगड़ा मंदिर तेरा सबके मन भाता ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
शक्तिधाम है आंचल पिंडी रूप लिया।
पालनहारी बनकर जग कल्याण किया ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
जगमग ज्योति जागे अंधियारा हरती ।
अन्नपूर्णा तू ही भंडारे भरती ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
जोड़ा सिंह का दर पे देता है पहरा ।
योगी ध्यानू साधु ध्यान धरै तेरा ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
तारा रानी मंदिर पीपल की छैया ।
छैने नगारे बाजे दे दर्शन मैया ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
ध्यानू शीश चढ़ाया अमर किया उसको ।
भक्ति पंथ चलाया ज्ञान दिया सबको ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
परिक्रमा मंदिर की पाप नाश करती ।
एक बार जो आता भक्ति भाव भरती ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
चढ़ते फूल बताशे और पंच मेवा ।
बड़े भाग्य से मिलती मां तेरी सेवा ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
ओम तेरे चरणों में आरती शुभ गाता ।
सदा बनाए रखना मां पुत्र नाता ॥
ॐ जय बज्रेश्वरी माता...
वज्रेश्वरी देवी शक्तिपीठ की आरती |
मंदिर के रीति-रिवाज और अनुष्ठान
मंदिर में प्रतिदिन पांच बार आरती की जाती है। देवी को पीले चंदन से सजाया जाता है और नए कपड़े और सोने के गहने पहनाए जाते हैं। सुबह मां की आरती चने, पूड़ी और फलों का भोग लगाकर की जाती है. अनोखी बात यह है कि दोपहर की आरती और देवी को भोग लगाने की रस्म को गुप्त रखा जाता है।
देवी की पिंडी के रूप में पूजा की जाती है। बज्रेश्वरी मंदिर में कई देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं और मंदिर के बाईं ओर भैरव नाथ की मूर्ति विराजमान है। भैरव नाथ को भगवान शिव का अवतार माना जाता है।
वज्रेश्वरी देवी शक्तिपीठ की आरती |
पहुँचने के लिए कैसे करें
बस: ब्रजेश्वरी मंदिर, कांगड़ा तक पहुंचने के लिए बस सबसे अच्छा माध्यम है। यह केवल 1.3 किमी की दूरी पर है।
ट्रेन: कांगड़ा रेलवे स्टेशन से ब्रजेश्वरी मंदिर की दूरी टांडा अस्पताल रोड से 17.9 किमी है।
वायु मार्ग: कांगड़ा हवाई अड्डा एनएच 154, गग्गल में है। यह ब्रजेश्वरी मंदिर से 10.1 किमी की दूरी पर है।
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