गढ़वाली कुमाउनी शायरी (garhwali kumauni shayari )

गढ़वाली कुमाउनी शायरी (garhwali kumauni shayari )


बीड़ी पींणु कु, सिखांदु कैथै भि 
अफु सिखदु या कुई सिखांदु

garhwali kumauni Status

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अपणि बेटि तें पराय ना माणा 
जन्न अपणों घोर च तन्नि वोंकु बि माणा
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गढ़वाली भाषा garhwali kumauni shayari

ना तेरी खुद, 
ना तेरी पराज, 
ना तेरी खुद, 
ना तेरी पराज, 
फिर भी तेरी याद 
औड़ी च आज ।।।।
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हिंदी
अर्थ है,,, तेरी याद भी नहीं आ रही है,, ना तू याद कर रही है।।
फिर भी तेरी याद आ रही है।

Love shayari garhwali kumauni shayari

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व फूलों मा हँसदी, 
खेलदि फ्योंलि सि थै
यु मन आज भी बाटों म,
वी भोली अन्वार ही खोजणु रै

Love shayari garhwali kumauni shayari

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आंख्युं मा तर तर बग्णा छन आंसु 
चूल्हा रव्ट्टी पकोण बैठिं च सासु
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गढ़वाली कुमाउनी ग़ज़ल - तेरी माया

त्वेन जू मेरू दगडू छोड़ी लेनी। 
उदासी से मिन नातु जोड़ी लेनी ।।

सुनिंदी सुपन्न्यों मा जगेकि त्वेन
 सुपिन्यळा ख्यालों से बोडी लेनी।

जिकुडे धड़कन ठैरी सी गै आब
 तेरा जिया बसी माया तोड़ी लेनी।

माटु जांदू छौ जों बाटों त्वै दगड़ी 
यखुली आज वाखी दोड़ी लेनी।

सबक आब यनु मिली 'सिंधवाल
 जख माया देखि, कदम मोड़ी लेनी।

टिप्पणियाँ

Jagdish Singh Karki ने कहा…
Jagdish Singh Karki

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