गढ़वाली लव शायरी, बेस्ट शायरी, लाइफ शायरी (Garhwali Love Shayari, Best Shayari, Life Shayari)
तुम शहर अकेले नहीं गए
अपने साथ ले गए हो,
इन खिड़की-दरवाजों के वो रंग
जिन्हें रंगते हुए कभी खुद उसमें रंगे थे तुम
और बाद में लगती थी
पिता की डांट
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhGmuVcG_8jltfe_jasLhsO2fAWnyPHXO8WZfdPu2DN1j7qCVjSTH8yI0UVfwRslnz2NK7wMypFAMhce-8Dvz5gTsdTcImyafhoq8h2-yZdgjUYaeCnz7_Unjq1zmeF9yaEKQvRcYCcqWFL_XKPf6qjlxFAp19fLMRjF3P8z1Yq0Au_62WUuzyjvOlt3W4/s320-rw/jaidevbhumi01.blogspot%20(5).jpg)
इन शब्दों के साथ
रात को चिमनी जलाने के लिए
भी कुछ छोड़ देना
हाँ! छोड़ आये हो
पिता की वो डांट तुम...
तुम्हारी वो धारियों वाली सफ़ेद
पसंददीदा कमीज जिससे आज भी
वो नीले रंग के निशान नहीं गए,
हाँ वो ही जो बग्वाल में रंग दी थी
इन्हीं खिड़की-दरवाजों को रंगते हुए...
पसंददीदा थी ना
उस कमीज़ के साथ ले गए
वो नीले गहरे दाग़,
जो लाख कोशिशों के बाद भी
निकाल नहीं पाए तुम...
अगर कभी फुर्सत हो तो आना
लौटने मुझे मेरे सब रंग...
गढ़वाली शायरी
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjs6rRe0mONMM-RlfY8eulDl7i2NvaH8dP_z8gk2CwOAa7K6msCOvNWmTZgaU6zGFhmd3bIQkeGRLxcz_P5Jc6D10rdFBEbUuOTsz5qfyLBe7wefZtEzDOTLIzwCMtlYOzzBggSkdYup02Q-3C-Ile2jLsV2ku9aMNgLtKWrFTdTfWuelRMeF7LF12dUew/s320-rw/jaidevbhumi01.blogspot%20(6).jpg)
बहार आली ते फूल खिला,
जिंदगी रली ते फेर मिला,
सुपिन्यु मा क्या महल बणौं दगड्यो,
जोन अज ना त भोल टूटी जान,
परदेशियो मा क्या माया लगों दगड्यो,
जोन अज ना त भोल चोदिक चली जान..!!!
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