कृष्ण के माता-पिता की कहानी: एक अद्भुत कहानी - Krishna Ke Mata-Pita Ki Kahani: Ek Adbhut Kahani

कृष्ण के माता-पिता की कहानी: एक अद्भुत कहानी

प्राचीन काल की यह कहानी हमें एक निष्ठावान और सच्चे भक्ति की ओर ले जाती है। यह कहानी ‘उग्रसेन’, ‘कंस’, और ‘देवकी’ के परिवार की है, जो हमें सिखाती है कि अच्छाई और सच्चाई की हमेशा जीत होती है, भले ही बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो।

कहानी:

राजा उग्रसेन और उनके परिवार:

प्राचीन भारत में, राजा उग्रसेन एक प्रमुख और शक्तिशाली शासक थे। उनके दो संतानें थीं – उनका बेटा कंस और उनकी बेटी देवकी। देवकी एक नम्र और शांत स्वभाव की युवती थी, जबकि कंस दुष्ट और क्रूर था। जब कंस बड़ा हुआ, उसने अपने पिता को बंदी बना लिया और खुद राजा बन गया। कंस की बुरी नीतियों से उसके राज्य की जनता परेशान हो गई।

देवकी और वासुदेव की शादी:

कंस ने अपनी बहन देवकी की शादी राजा वासुदेव से करवाई। हालांकि, इस खुशी के पल को कंस की बुरी नीयत ने काले बादलों की तरह ढक लिया। एक दिन, कंस ने आकाशवाणी सुनी जिसमें कहा गया कि देवकी का आठवाँ पुत्र उसकी हत्या करेगा। इस सुनवाई से कंस भयभीत हो गया और उसने ठान लिया कि वह अपनी बहन और उसके पति को मार देगा ताकि भविष्य में होने वाले इस खतरे को टाला जा सके।

देवकी और वासुदेव की कैद:

कंस ने देवकी और वासुदेव को कैद कर लिया और उन्हें अत्यंत कठिनाई का सामना करने के लिए मजबूर किया। उसने हर संभव प्रयास किया कि देवकी के आठवें पुत्र को मार सके। लेकिन भगवान ने हर बार अपने भक्तों की रक्षा की। देवकी और वासुदेव के बेटे, भगवान कृष्ण, कंस के सभी प्रयासों से बचते रहे।

भगवान कृष्ण की विजय:

समय के साथ, भगवान कृष्ण बड़े हुए और अपने मामा कंस से बदला लेने के लिए तैयार हो गए। उन्होंने अपने बल और दिव्यता का उपयोग करके कंस को हराया और उसके सभी बुरे कार्यों का अंत किया।

सीख:

यह कहानी हमें सिखाती है कि बुराई और दुष्टता के परिणाम हमेशा भयानक होते हैं। अगर आपके इरादे बुरे हैं और आप दूसरों को नुकसान पहुँचाने का प्रयास करते हैं, तो आपको अपने कर्मों की सज़ा जरूर मिलेगी। इसलिए, हमेशा सकारात्मक रहें और दूसरों का भला करने के बारे में सोचें।

समापन:

भगवान कृष्ण की यह कहानी हमें बताती है कि अच्छाई और सच्चाई की जीत सुनिश्चित होती है, और जो भी बुराई का मार्ग अपनाता है, उसे अंततः अपनी गलतियों का सामना करना पड़ता है।

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