नरेंद्र सिंह नेगी के एलबम्स की सूची
नरेंद्र सिंह नेगी, उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक और गीतकार, ने अपने संगीत करियर में अनेक प्रसिद्ध एलबम्स जारी किए हैं। उनके गीतों ने उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराओं, और सामाजिक मुद्दों को एक नई पहचान दी है। यहां उनके द्वारा रिलीज़ की गई एलबम्स की सूची दी गई है:
यह भी पढ़ें:
नरेंद्र सिंह नेगी जी के पुरस्कार और उपलब्धियां: List of Awards and Achievements
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1 | कोई त बात होलि | 2020 |
2 | छुंयाल | 2006 |
3 | दग्ड़या | 1997 |
4 | घस्यारि | 2002 |
5 | हल्दी हाथ | 1995 |
6 | होंसिया उम्र | 2002 |
7 | जय धारी देवी | 1996 |
8 | कैथे खोज्याणी होलि | 2006 |
9 | बसंत ऐगे | 2010 |
10 | माया को मुण्डारो | 2009 |
11 | नौछामी नरेणा | 2006 |
12 | नयु नयु ब्यो च | 2003 |
13 | रुमुक | 2005 |
14 | समदोला क द्वी दिन | 2000 |
15 | स्याणी | 2002 |
16 | ठंडो रे ठंडो | 2004 |
17 | तु होलि बीरा | 2007 |
18 | तुम्हारी माया मा | 2001 |
19 | उठा जागा उत्तराखंड | 2017 |
20 | खुद | 1995 |
21 | अब कथगा खैल्यो | 2012 |
22 | वा जुन्याली रात | 2006 |
23 | तप्पकरा | 1999 |
24 | बरखा | 1992 |
25 | 100 कु नोट | 2017 |
26 | टका छन त टकाटका | 2007 |
27 | कारगिले लडैमा | 1999 |
28 | छिबड़ाट | 1993 |
29 | जै भोले भंडारी | 2017 |
30 | सलाण्या स्याली | 2009 |
31 | गीत गाना | 2002 |
32 | सुरमा सुरीला | 2007 |
नरेंद्र सिंह नेगी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं: Narendra Singh Negi Birthday Message
उत्तराखंड के लोक संगीत सम्राट: Folk Music Emperor of Uttarakhand
उत्तराखंड के लोक संगीत सम्राट: Folk Music Emperor of Uttarakhand
- कोई त बात होलि (2020): यह एलबम नेगी जी के लेटेस्ट एलबम्स में से एक है, जो उत्तराखंड के बदलते सामाजिक परिवेश पर आधारित है।
- छुंयाल (2006): यह एलबम उत्तराखंड की पारंपरिक कथाओं और लोककथाओं पर आधारित है, जिसमें छुंयाल का विशेष उल्लेख है।
- दग्ड़या (1997): इस एलबम में नेगी जी ने पहाड़ों की संस्कृति और सामाजिक मुद्दों को छूने का प्रयास किया है।
- घस्यारि (2002): यह एलबम पहाड़ी महिलाओं की जीवन शैली और उनके संघर्षों पर आधारित है।
- हल्दी हाथ (1995): शादी-ब्याह के अवसर पर गाए जाने वाले गीतों पर आधारित इस एलबम में नेगी जी ने पारंपरिक धुनों का इस्तेमाल किया है।
- होंसिया उम्र (2002): यह एलबम जीवन के संघर्षों और पहाड़ों की चुनौतियों पर आधारित है।
- जय धारी देवी (1996): यह एलबम धारी देवी मंदिर की महत्ता और उससे जुड़े धार्मिक पहलुओं पर केंद्रित है।
- कैथे खोज्याणी होलि (2006): यह एलबम उत्तराखंड की लोक धुनों और पारंपरिक गीतों को आधुनिकता के साथ जोड़ता है।
- बसंत ऐगे (2010): इस एलबम में बसंत ऋतु के आगमन और उससे जुड़े उत्सवों का वर्णन है।
- माया को मुण्डारो (2009): यह एलबम जीवन की माया और उससे जुड़ी चुनौतियों को दर्शाता है।
- नौछामी नरेणा (2006): यह एलबम राजनीतिक व्यंग्य पर आधारित है और उत्तराखंड की राजनीतिक स्थितियों पर तीखा प्रहार करता है।
- नयु नयु ब्यो च (2003): इस एलबम में नेगी जी ने नए जमाने के विवाह और उनसे जुड़ी धारणाओं का वर्णन किया है।
- रुमुक (2005): यह एलबम पहाड़ी जीवन की सादगी और उसमें बसे गीतों का एक सुंदर संकलन है।
- समदोला क द्वी दिन (2000): यह एलबम पारंपरिक लोकगीतों और पहाड़ी संस्कृति पर आधारित है।
- स्याणी (2002): इस एलबम में नेगी जी ने पहाड़ी महिलाओं के जीवन की चुनौतियों और उनके साहस को दर्शाया है।
- ठंडो रे ठंडो (2004): यह एलबम सर्दियों के मौसम और उससे जुड़ी पर्वतीय जीवन की कठिनाइयों पर आधारित है।
- तु होलि बीरा (2007): यह एलबम पारिवारिक जीवन और रिश्तों पर आधारित है, जिसमें प्रेम और त्याग का वर्णन है।
- तुम्हारी माया मा (2001): इस एलबम में नेगी जी ने जीवन की माया और उससे जुड़ी भावनाओं को प्रस्तुत किया है।
- उठा जागा उत्तराखंड (2017): यह एलबम उत्तराखंड के लोगों को जागरूक करने और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करता है।
- खुद (1995): इस एलबम में नेगी जी ने पहाड़ी जीवन की कठिनाइयों और उससे जुड़े संघर्षों का वर्णन किया है।
- अब कथगा खैल्यो (2012): यह एलबम राजनीतिक व्यंग्य पर आधारित है और उत्तराखंड की राजनीतिक स्थिति को दर्शाता है।
- वा जुन्याली रात (2006): इस एलबम में नेगी जी ने प्रेम और रिश्तों की गहराई को संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया है।
- तप्पकरा (1999): यह एलबम पारंपरिक लोक धुनों और उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित है।
- बरखा (1992): यह एलबम बरसात के मौसम और उससे जुड़े पर्वतीय जीवन की सुंदरता को दर्शाता है।
- 100 कु नोट (2017): यह एलबम सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर आधारित है, जिसमें नेगी जी ने व्यंग्य के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किए हैं।
- टका छन त टकाटका (2007): इस एलबम में नेगी जी ने पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों पर आधारित गीत प्रस्तुत किए हैं।
- कारगिले लडैमा (1999): यह एलबम कारगिल युद्ध और उसमें शहीद हुए जवानों की वीरता को समर्पित है।
- छिबड़ाट (1993): इस एलबम में नेगी जी ने पारंपरिक गीतों और धुनों का सुंदर मिश्रण प्रस्तुत किया है।
- जै भोले भंडारी (2017): यह एलबम धार्मिक गीतों पर आधारित है, जिसमें नेगी जी ने भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया है।
- सलाण्या स्याली (2009): इस एलबम में नेगी जी ने पारिवारिक जीवन और रिश्तों पर आधारित गीत प्रस्तुत किए हैं।
- गीत गाना (2002): यह एलबम उत्तराखंड की संस्कृति और पर्वतीय जीवन पर आधारित गीतों का संग्रह है।
- सुरमा सुरीला (2007): यह एलबम प्रेम और रिश्तों पर आधारित गीतों का एक सुंदर संकलन है।
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- उत्तराखंड संस्कृति पर आधारित एलबम्स
- नेगी जी का संगीत करियर
- गढ़वाली संगीत के नायक
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निष्कर्ष: नरेंद्र सिंह नेगी जी के एलबम्स उत्तराखंड की संस्कृति, समाज, और जीवन के विभिन्न पहलुओं को बखूबी प्रस्तुत करते हैं। उनके गीतों में पहाड़ों की सादगी, जीवन की जटिलताएं, और रिश्तों की गहराई को संगीत के माध्यम से व्यक्त किया गया है। इन एलबम्स ने उत्तराखंड के लोकसंगीत को एक नई पहचान दिलाई है और उन्हें लोकसंगीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है।
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