गुनगुनाओ धै हो, यो पहाड़ी गीत - सब है मयाली - Humming Dhai Ho, Yo Pahari Song - Sab Hai Mayali

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एक प्यार भरे पहाड़ी गीत का आनंद


कविता:

जेठे की घाम, तू फुरफुर बयाली
तू मिकै भलि लाग्छै, सब है मयाली।।
एक्लयो हसन लाग्यु, तू छै याद मे
अटकि नजर तवै मे, काम बाद मे
तवै बिना मेरी त, पराणी छुटि जाली
तू मिकै भलि लाग्छै, सब है मयाली।

तारा बठै बात तेरी, करछु रात मे
तेरो जिगर हैई जाँछ, बात बात मे
ये नातै कि सबो कै, खबर है जाली
तू मिकै भलि लाग्छै, सब है मयाली।

दूर बै देखैछी तू, लुकि लुकि बैर
बात करनि चैंछु, आईजा तू भैर
मने की बात मेरी, मने रै जाली
तू मिकै भलि लाग्छै, सब है मयाली।

पलि धार ग्वाला छुं, तू लै सुन येजा
गांठा मेरि गुडे रयुडी, तू लै सुन खेजा।
आमना सामना आज, भेट है जाली
तू मिकै भलि लाग्छै, सब है मयाली।

तुई खुलया आँखा मे, छै तुई सुयून मे
तवै सोचिबै गर्म लागो, मिकै ह्यून मे
मान मेरी तेरि मेरी, जोड़ी बनी जाली
तू मिकै भलि लाग्छै, सब है मयाली।

© राजू पाण्डेय


अर्थ और विश्लेषण:

"गुनगुनाओ धै हो, यो पहाड़ी गीत" एक प्यारे पहाड़ी गीत के रूप में प्रेम और लगाव की भावनाओं को व्यक्त करता है। इस गीत के माध्यम से, कवि ने प्रेमिका के प्रति अपनी गहरी भावनाओं को खूबसूरती से बयान किया है।

1. प्रेम की गहराई:

  • गीत में प्रेमी अपनी प्रेमिका की यादों और उसकी अनुपस्थिति के बारे में बात कर रहा है। उसकी यादें उसे लगातार घेरे रहती हैं, और उसकी अनुपस्थिति उसे बहुत खलती है।

2. भावनात्मक जुड़ाव:

  • कवि ने प्रेमिका की यादों से जुड़ी भावनाओं का सुंदर चित्रण किया है, जिसमें उसकी यादों से जुड़ी बातें, उसकी आदतें और उसके बिना होने की भावनाएँ व्यक्त की गई हैं।

3. पहाड़ी जीवन का चित्रण:

  • गीत में पहाड़ी जीवन और उसकी विशिष्टताओं का भी वर्णन किया गया है। ग्वाला, आमना सामना, और धारे का चित्रण पहाड़ी संस्कृति की झलक देता है।

4. संबंधों की गहराई:

  • प्रेमिका के प्रति कवि की भावनाएँ गहरी और स्थायी हैं। वह अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए यह बताता है कि वह उसकी यादों में हमेशा बसा रहता है और उसकी अनुपस्थिति उसे बहुत सता रही है।

Keywords:

  • पहाड़ी गीत
  • प्रेम की भावनाएँ
  • पहाड़ी जीवन
  • प्रेमिका की यादें

"गुनगुनाओ धै हो, यो पहाड़ी गीत" एक दिल को छू लेने वाला प्रेम गीत है, जो प्रेमी की भावनाओं और पहाड़ी जीवन की सुंदरता को खूबसूरती से व्यक्त करता है। इस गीत के माध्यम से, राजू पाण्डेय ने प्रेम और पहाड़ी जीवन का एक अद्भुत संगम प्रस्तुत किया है।

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