मां शैलपुत्री की आरती: शैलपुत्री माता जी की आरती के मंत्र और महिमा - Maa Shailputri Aarti: Mantras and Glory of Shailputri Mata #Shailputri Aarti

मां शैलपुत्री की आरती: शैलपुत्री माता जी की आरती के मंत्र और महिमा

मां शैलपुत्री पूजा मंत्र (Shailputri Mata Puja Mantra)

1. या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।

2. वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌।।

3. ऊं ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।

4. प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन।
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥

5. ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥

6. वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

7. ॐ शं शैलपुत्री देव्यैः नमः।


देवी शैलपुत्री का प्रार्थना मंत्र

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥


ध्यान मंत्र

वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम् ।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥


स्तोत्र पाठ

प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागरः तारणीम् ।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम् ॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान् ।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोहः विनाशिन।
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम् ॥


मां शैलपुत्री के स्वयं सिद्ध बीज मंत्र

ह्रीं शिवायै नम:।


मां शैलपुत्री के पूजन मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।


जाप विधि

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:


पूजन मंत्र

वंदे वाद्द्रिछतलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम्।।


मां शैलपुत्री की आरती (Shailputri Mata Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi)

शैलपुत्री मां बैल पर सवार।
करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी।।

पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।।

सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।।

घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।।

जय गिरिराज किशोरी अंबे।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।।
मनोकामना पूर्ण कर दो।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।।

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