मां कालरात्रि: संकटों का नाश और भक्तों की रक्षा - Mother Kalaratri: Destruction of troubles and protection of devotees.

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मां कालरात्रि: संकटों का नाश और भक्तों की रक्षा

नवरात्रि 2023 की शुभकामनाएं! आज हम माता कालरात्रि की महिमा को साझा कर रहे हैं, जो भक्तों के कष्टों का नाश करती हैं और शत्रुओं का संहार करती हैं। उनके गुणों का गान करने वाले भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

माता कालरात्रि का परिचय

माता कालरात्रि, मां दुर्गा का एक रूप हैं, जो रात के अंधकार में आने वाली कठिनाइयों का नाश करती हैं। वे अपने भक्तों की पीड़ा को दूर करने के लिए आई हैं। उनका नाम ही भय और दुर्गति से मुक्ति का प्रतीक है।

मंत्र और स्तोत्र

माता कालरात्रि के स्तुति मंत्रों का जप करते हुए भक्त उन्हें अपनी समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए प्रार्थना करते हैं:

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

माता का आशीर्वाद

माता कालरात्रि आकस्मिक संकटों से रक्षा करती हैं और भय, दुख, और शत्रु से मुक्ति का मार्ग दिखाती हैं। जो भी देवी कालात्रि की शरण में आता है, उसकी सभी तकलीफें दूर हो जाती हैं।

हे मां, तुमसे विश्वास न उठने देना,
बन के रोशनी तुम राह दिखा देना।
और बिगड़े काम बना देना।

शुभकामनाएं

शत्रु नाश कीजै महारानी,
सुमिरैं एक चित तुम्हें भवानी।
नवरात्रि के सातवें दिन की शुभकामनाएं।
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
मां कालरात्रि आपके ऊपर कृपा बरसाएं।

नवरात्रि : मां कालरात्रि का पूजन

आतंक और भय से मुक्ति

देखो मां कालरात्रि आईं,
जो क्तबीज का संहार कर, अपने भक्तों की पीड़ा दूर करती हैं।
दुर्गति नाशिनी दुर्गा, जय जय!
काल विनाशिनी काली, जय जय!

भक्तों के कष्टों का नाश

मां कालरात्रि भक्तों के कष्टों को हरती हैं
और शत्रुओं का संहार करती हैं।
जो तुम्हारे गुण गावे,
मनोवांछित फल पावे।

संकटों से रक्षा

आकस्मिक संकटों से रक्षा करती माता कालरात्रि,
भय, दुख, शत्रु से मुक्ति का मार्ग दिखाती माता।
देवी कालात्रि की शरण में जो भी आता,
हर तकलीफ भूल है जाता।

स्तोत्र और मंत्र

माता कालरात्रि के गुणों का गान करते हुए हम उनके चरणों में सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं:

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

आशीर्वाद और शुभकामनाएं

न कोई चिंता रहे बीमारी,
न कोई गम ना संकट भारी।
उस पर कभी कष्ट ना आवें,
महाकाली मां जिसे बचावे।

हे मां, तुमसे विश्वास न उठने देना,
बन के रोशनी तुम राह दिखा देना,
और बिगड़े काम बना देना।
नवरात्रि की शुभकामनाएं!

शत्रु नाश कीजै महारानी,
सुमिरैं एक चित तुम्हें भवानी।
नवरात्रि के सातवें दिन की शुभकामनाएं।
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
मां कालरात्रि आपके ऊपर कृपा बरसाएं।

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