गुरुद्वारा रीठा साहिब
गुरुद्वारा रीठा साहिब, जिसे मीठा रीठा साहिब के नाम से भी जाना जाता है, उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्थित एक पवित्र स्थल है। यह सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और अपनी धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है।

स्थान और दूरी
यह गुरुद्वारा नानकमत्ता से 209 किलोमीटर की दूरी पर है और अंतिम रेलवे स्टेशन टनकपुर से 166 किलोमीटर दूर स्थित है। यह चंपावत से लगभग 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह क्षेत्र देवयुरी गाँव के पास है और उत्तराखंड की सुंदरता के बीच स्थित है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
गुरु नानक देव जी अपने अनुयायी भाई मर्दाना जी के साथ इस स्थान पर आए थे। उस समय यहाँ रीठे के पेड़ों के नीचे नाथ योगियों का वास था। गुरु नानक देव जी ने इन योगियों को सक्रिय मानवतावादी सेवा और भगवान के नाम स्मरण की शिक्षा दी।
एक कहानी के अनुसार, गुरु नानक देव जी ने भाई मर्दाना जी को रीठा खाने को कहा। रीठा आमतौर पर कड़वा होता है, लेकिन गुरु नानक देव जी की कृपा से वह मीठा हो गया। इस चमत्कार को देखकर योगी हैरान रह गए। माना जाता है कि जहां गुरु नानक देव जी बैठे थे, उस स्थान के सभी रीठे मीठे हो गए। आज भी इस गुरुद्वारे में मौजूद पेड़ों के रीठे मीठे माने जाते हैं।
गुरुद्वारे का निर्माण
गुरुद्वारा मीठा रीठा साहिब का निर्माण वर्ष 1960 के आसपास हुआ। इस गुरुद्वारे का वातावरण शांत और आध्यात्मिक है। यहाँ पर आने वाले तीर्थयात्रियों को प्रसाद के रूप में मीठे रीठे दिए जाते हैं।
नानक बागीच
गुरुद्वारे से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर "नानक बागीच" नामक एक बगीचा है। इस बगीचे में उगने वाले पेड़ों से रीठे के फल एकत्र किए जाते हैं और गुरुद्वारे के प्रसाद भंडार में उपयोग किए जाते हैं।
विशेष महत्व
यह स्थान सिख समुदाय के लिए बहुत पवित्र माना जाता है। बैसाखी पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ एक बड़ा मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
रीठा साहिब कैसे पहुँचें?
हवाई मार्ग:
मीठा रीठा साहिब का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जो नैनीताल जिले में स्थित है और यहाँ से 160 किलोमीटर दूर है। पंतनगर हवाई अड्डे से टैक्सी के माध्यम से गुरुद्वारे तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। पंतनगर से दिल्ली के लिए सप्ताह में चार उड़ानें उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग:
गुरुद्वारा टनकपुर रेलवे स्टेशन से 166 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। टनकपुर रेलवे स्टेशन से गुरुद्वारे तक टैक्सी और बस आसानी से उपलब्ध हैं। टनकपुर रेलवे स्टेशन देश के कई प्रमुख स्थलों जैसे दिल्ली, लखनऊ और आगरा से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग:
मीठा रीठा साहिब उत्तराखंड और उत्तरी भारत के प्रमुख स्थलों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आईएसबीटी आनंद विहार, दिल्ली से टनकपुर और लोहाघाट के लिए बसें उपलब्ध हैं। इन स्थानों से स्थानीय कैब या बस के माध्यम से गुरुद्वारे तक पहुँचा जा सकता है।
निष्कर्ष
गुरुद्वारा मीठा रीठा साहिब न केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है, बल्कि यह सभी धर्मों के लोगों के लिए आध्यात्मिक शांति और प्रेरणा का केंद्र है। गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ और इस स्थान से जुड़ी कहानियाँ इसे और भी विशेष बनाती हैं। यदि आप उत्तराखंड की यात्रा पर हैं, तो इस गुरुद्वारे का दौरा अवश्य करें और यहाँ की दिव्य अनुभूति का अनुभव करें।
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