उत्तराखंड को इसीलिए देव भूमि कहा जाता है

 उत्तराखंड को इसीलिए देव भूमि कहा जाता है

यहां कहानी शुरू होती है ऑस्ट्रेलिया में गढ़वाली एक फैमिली रहती थी जोकि आजादी से कई साल पूर्व ऑस्ट्रेलिया चले गए थे ऑस्ट्रेलिया में उनकी पांचवी पीढ़ी थी आज के आधुनिक युग कहा जाता हैं 

उत्तराखंड को इसीलिए देव भूमि कहा जाता है


फिर उनको पांचवी पीढ़ी के बाद भी अपना देव भूमि उत्तराखंड आना पड़ा यहां कहानी बहुत लंबी है पर मैं अपने कुछ शब्दों के द्वारा आपको इस कहानी से अवगत करा हूं तो हूं मैं त्रिलोक सिंह नेगी 2016 की बात है मैं घर से 50 किलोमीटर दूर किसी गांव में कुछ काम से गया था यहां कहानी की पूरी जानकारी मुझे उस गांव में किसी बुजुर्ग और मेरे दोस्त ने मुझे बताएं

कहानी

जो परिवार 100 साल से पहले उत्तराखंड को छोड़ चुका था फिर आना पड़ा पित्र पूजा के लिए यहां कहानी ऑस्ट्रेलिया से शुरू होती है 

उनके घर में किसी औरत का अजीबोगरीब हरकतों से वहां लोग परेशान होने लगे क्योंकि वहां कहीं डॉक्टरों के पास और कहीं सारे मेडिटेशन में गए लेकिन उन करके औरत का कोई भी इलाज नहीं कर पाया क्यों की उनके परिवार में (उनको अपने पितरों की पूजा नहीं की थी इसीलिए उस औरत का अजीबोगरीब हरकतें करना) भूत पूजा पित्र पूजा जैसे हम अपने उत्तराखंड में कहते हैं काफी कोशिशों के बाद पीढ़ी दर पीढ़ी कुछ कहानियां सुनी थी उन लोगों ने फिर उन्होंने इंडिया भारत आना पड़ा जब वहां अपने गांव उत्तराखंड पौड़ी गढ़वाल में पहुंचे तो उनका कहीं भी नाम ना पता था उनको अपना घर यह जमीन का कोई भी जानकारी नहीं थी फिर उन गांव वालों ने उनकी मदद की और वहां पूजा समापन की फिर उसकी औरत की अजीबोगरीब हरकतें छोड़ कर एक सरल जिंदगी जीने लगी यहां कहानी हकीकत है आज फिर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया चले गए पर अपने पित्र भूमि में मकान बनाया है और वहां हर साल घर आया करते हैं

इस कहानी में मैंने उस गांव का नाम नहीं लिखा है ........

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