उत्तराखण्ड की नदियां/झीलें/बुग्यायल
(Rivers / Lakes / Bugyal of Uttarakhand)
भौगोलिक दष्टि से राज्य में प्रमुख तीन जलप्रवाह तंत्र हैं।
1. भागीरथी अलकनंदा जल प्रवाह तंत्र
2. काली या शारदा प्रवाह तंत्र
3. यमुना टोंस प्रवाह तंत्र
1. भागीरथी-अलकनंदा जल प्रवाह तंत्र
* भागीरथी उपतंत्र भागीरथी नदी, उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री ग्लेशियर के गोमुख नामक स्थान से निकलती है। पौराणिक कथा के अनुसार भगीरथ के प्रयासों से पृथ्वी गंगा पर अवतरित हुई थी। -
देव प्रयाग के बाद भागीरथी नदी का नाम गंगा हो जाता है। (DAB)गंगोत्री से कुछ आगे केदारताल से निकली केदार गंगा. तथा जाड़गंगा इसमें मिलती है।
खतलिंग ग्लेशियर से निकलने वाली भिलंगना नदी, पुरानी टिहरी (अब टिहरी डैम) भागीरथी में मिलती है। इसे गणेश प्रयाग भी कहते हैं।
भिलंगना की सहायक नदियां दूध गंगा, धर्म गंगा व बाल गंगा है। बालगंगा और भिलंगना का संगम घनसाली में होता है।
गंगोत्री से देवप्रयाग तक भागीरथी की लम्बाई 205 किमी0 है।
अलकनंदा उपतंत्र -अलकनंदा का शाब्दिक अर्थ दो शब्दों से मिलकर बना है। अल्कापुरी (घुघराले बाल) व नंदा (पुत्री)। उद्गम जगह पर इसे विष्णु गंगा भी कहते हैं।
चमोली के सतोपंथ शिखर के सतोपंथ ताल से अलकनंदा निकलती है। देवप्रयाग तक अलकनंदा की कुल लंबाई 195 मी0 है।
निकलती है। देवप्रयाग तक अलकनंदा की कुल लंबाई 195 मी0 है।
माणा गांव के पास केशव प्रयाग में सरस्वती नदी और अलकनंदा का संगम होता है। सरस्वती नदी का उद्गम कामेट पर्वत है।
विष्णु प्रयाग (चमोली) में अलकनंदा में धौलीगंगा व विष्णुगंगा नदियां मिलती है।
- नन्द प्रयाग में (चमोली) में अलकनंदा और नन्दाकिनी नदी का संगम है जो नंदाधुंघटी से निकलती है। -
कर्ण प्रयाग (चमोली) में अलकनंदा और पिण्डर नदी का संगम है।
पिण्डर नदी बागेश्वर के पिण्डारी ग्लेशियर से निकलती है। -
रूद्र प्रयाग में अलकनंदा व मंदाकिनी नदी का संगम है।
मंदाकिनी, चौराबाड़ी ताल,ग्लेशियर से निकली है।
मंदाकिनी की प्रमुख सहायक नदी काली गंगा है।
मंदाकिनी व काली गंगा का संगम सोन प्रयाग में होता है।
देव प्रयाग में अंततः अलकनंदा, भागीरथी से मिल जाती है।
इन दोनों नदियों को देवप्रयाग के बाद संयुक्त रूप से गंगा कहते हैं।
जनश्रुतियों के अनुसार अलकनदी बहू मानी जाती है। जब कि भागीरथी सास मानी जाती है।
नयार नदी उपतंत्र- नयार नदी, पूर्वी नयार व पश्चिमी नयार की संयुक्त जलधारा है।
पूर्वी नयार नदी दूधातोली पर्वतश्रृंखला से निकलती है। इसका प्रारम्भिक अवस्था में नाम स्यूंसी गाड़ भी है।
पश्चिमी नयार नदी, दूधातोली पर्वती श्रृंखला की उत्तरी पश्चिमी ढाल से निकलती है। इसका प्रारम्भिक नाम दाईज्यलीगाड़ है।
दोनों नदियों का संगम सतपुतली नामक स्थान पर होता है। ऋशिकेष के पास फुलचट्टी में यह गंगा से मिल जाती है।
भागीरथी व अलकनंदा में कुल 16 नदियां मिलती है।
काली या शारदा जल प्रवाह तंत्र
स्कंद पुराण में काली नदी को श्यामा कहा गया है।
यह नदी पिथौरागढ़ के उत्तर में कालापानी (व्यास ऋषि आश्रम) से निकलकर काकागिरी पर्वत के समातर बहती हुई
भारत नेपाल सीमा बनाती है। मैदानी क्षेत्रों में इसे शारदा कहा जाता है।
यह नदी कालापानी से टनकपुर तक 252 किमी0 लम्बी है।
काली नदी की सहायक नदियां
पूर्वी धौली नदी और लिस्सर नदी का संगम तिजांग नामक स्थान पर है।
पूर्वी धौली नदी खेला नामक स्थान पर काली नदी में मिल जाती है।
गोरी गंगा पिथौरागढ़ के मल्ला जोहार क्षेत्र के मिलम ग्लेशियर से निकलती है। जौलजीबी में गोरी नदी, काली नदी से मिल जाती है
सरयू नदी बागेश्वर की पहाड़ियों से निकलकर, बागेश्वर में गोमती नदी से संगम होता है।
गोमती नदी डेबरा श्रेणी से निकलती है। सरयू नदी की अन्य सहायक नदी, पनार है। जो काकरीघाट में सरयू से मिल जाती है।
पूर्वी रामगंगा पिथौरागढ़ के पोटिंग ग्लेशियर व नामिक से निकल कर रामेश्वर घाट में सरयू से मिल जाती है। बरड़गाड, भोजपत्र नदी आदि इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं।
लधिया नदी काली नदी में मिलने वाली अंतिम नदी है यह चूका नामक स्थान पर काली नदी में मिलती है। लधिया नदी पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व नैनीताल के मिलन बिन्दु देवीधुरा के पास, गजार से निकलती है।
यमुना -टॉस जल प्रवाह तंत्र
यमुना नदी बंदरपूछ पर्वत, उत्तरकाशी के पश्चिमी ढाल पर स्थित यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है।
विकासनगर में डाकपत्थर नामक स्थान पर टॉस नदी, यमुना में मिल जाती है।
टॉस नदी रूपिन सूपिन ग्लेशियर उत्तरकाशी से निकलती है। व यमुना के साथ उत्तराखण्ड व हिमांचल की सीमा बनाती है।
यमुना नदी के दून घाटी में प्रमुख सहायक नदी आसन है।
हरिद्वार के निकट यमुना मैदानी भाग में प्रवेश करती है।
राज्य की अन्य प्रमुख नदियां
- पश्चिमी रामगंगा नदी पौड़ी गढ़वाल जिले की दूधातोली श्रृंखला की पूर्वी ढाल से निकलकर पौढ़ी गढ़वाल के पास भाबर क्षेत्र में प्रवेश करती है। यहां पर कालागढ़ बांध 198 मेगावाट का जल विद्युत संयत्र लगाया गया। कालागढ़ से मुरादाबाद होती हुई यह कन्नौज के पास गंगा में मिल जाती है। इसे राठवाहिनी भी कहा जाता है।
कोसी नदी कौसानी के मटखेला से निकलकर पश्चिमी रामगंगा में मिल जाती है।
गौला नदी नैनीताल जनपद की पहाड़पानी क्षेत्र से निकलकर काठगोदाम से आगे मैदानी भाग में प्रवेश करती है। कराली गाड़ इसकी प्रमुख सहायक नदी है।
प्रदेश में नदियों का प्रवाह पथ
नाम से से तक अनुमानित दूरी जलागम
(कि.मी.) (वर्ग कि.मी.)
काली नदी लिपुलेख- टनकपुर 252 1470
भागीरथी गोमुख -देवप्रयाग 238 6795
अलकनंदा बद्रीनाथ -देवप्रयाग 265 6373
कोसी कौसानी -सुल्तानपुर 168 2877
रामगंगा दूधातोली- कालागढ़ 155 3430
(पश्चिमी)
टोन्स (तमसा) हर की 148 2540
दून -डाकपत्थर
सरयू झुन्डी -पंचेश्वर 211 2541
यमुना यमुनोत्री -ढालीपुर 136 2232
रामगंगा (पूर्वी) नामिक ग्लेशियर- 108 152
रामेश्वर
गोरीमिलम -जौलजीवी 308 2380
गौला पहाड़पानी- किच्छा 102 1617
धौली गोवनखना हिमनद 91 2142
(पिथौरागढ़) तवाघाट
नयार (पूर्वी) दूधातोली -सतपुली 67 922
मंदाकिनी केदारनाथ -रूद्रप्रयाग 84 1890
गंगादेवप्रयाग -हरिद्वार 96 3454
नंदाकिनी नंदाधुंघटी -नंदप्रयाग 56 623
कुटी लम्पियाधूरा -कालीनदी 54 1088
लधिया थाली -चूका 52 857
लोहावती एबोट माउंट -कालीनदी 48 266
नदियों के किनारे बसे प्रमुख नगर
हरिद्वार गंगा
ऋशिकेश गंगा व चंद्रभागा
श्रीनगर अलकनंदा
केदारनाथ मंदाकिनी
कौसानी कोसी
टनकपुर काली
गोपेश्वर अलकनंदा
गंगोत्री भागिरथी व केदारगंगा
बागेश्वर सरयू व गोमती
जोशीमठ अलकनंदा
कालसी यमुना व टोंस
उत्तराखंड ( Uttarakhand )
उत्तराखंड सामान्य ज्ञान (Uttarakhand General Knowledge)
(भारतीय इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, सामान्य ज्ञान, सामान्य विज्ञान एवं जनसंख्या-2021 का बिन्दुवार सम्मिलन सहित)
(Including point-wise integration of Indian History, Geography, Polity, General Knowledge, General Science and Population-2021)
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