त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है 

देवों की भूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में हिमालय पर्वतों के तल में बसे ऋषिकेश में प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है त्रिवेणी घाट। यह ऋषिकेश का प्रमुख स्नानागार घाट है। यहां सुबह बड़ी संख्या श्रद्धालु पहुंचते हैं और पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं। बता दे कि त्रिवेणी घाट वह स्थान है जहां तीनों पवित्र नदियां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि ऋषिकेश के मन्दिरों में जाने से पूर्व घाट के पवित्र जल में डुबकी लगानी चाहिये। ऐसा करने से श्रद्धालुओं को अपने पापों से मुक्ति मिलती है। त्रिवेणी घाट से ही गंगा नदी दाई ओर मुड़ जाती है।
त्रिवेणी घाट पर एक तरफ शिवजी की जटा से निकलती गंगा की मनोहर प्रतिमा स्थापित है तो दूसरी तरफ अर्जुन को गीता ज्ञान देते हुए श्री कृष्ण की मनोहारी विशाल मूर्ति और एक छोटा सा गंगा माता का मन्दिर स्थित हैं। त्रिवेणी घाट से गंगा के सुंदर रूप के दर्शन होते है। इनके अलावा त्रिवेणी घाट के तट पर लोकप्रिय मंदिर सबसे पहले ऋषि कुंड और ऋषि कुंड के ऊपर श्री रघुनाथ जी का मंदिर और “लक्ष्मीनारायण मंदिर” भी स्थित है। त्रिवेणी घाट का सबसे मुख्य आकर्षण यहां शाम के समय होने वाली गंगा की भव्य आरती है आरती के समय यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस दौरान यहां गंगा में दीप छोड़े जाते हैं।हिन्दू धर्म में त्रिवेणी घाट को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हिन्दू पौराणिक कथाओं में भी त्रिवेणी घाट जिक्र किया हुआ है। यहां आने वाले तीर्थ यात्री ऋषि कुंड पर आकर इस जगह पर ऋषिकेश पुरोहित से अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंड श्राद्ध नामक “कर्मकांड” भी करते हैं। इस दौरान तीर्थ यात्री पवित्र जल में डुबकी लगाना नहीं भूलते। माना जाता है कि पवित्र जल में डुबकी लगाने से अपने सभी पापो से मुक्ति मिल जाती है। 

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