केदारनाथ धाम उत्तराखंड और पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल गहरा रहस्यमय संबंध
चमत्कार आस्था के प्रतीक केदारनाथ धाम उत्तराखंड और पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल गहरा रहस्यमय_संबंध |
1. इस मंदिर के इतिहास में कुछ ऐसे #रहस्य छिपे हैं जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। इतना ही नहीं #काठमांडू के पशुपतिनाथ और केदारनाथ का आपस गहरा संबंध है।
2. श्री केदारनाथ #द्वादश_ज्योतिर्लिगों में से एक माना जाता है। यह ज्योतिर्लिंग #त्रिकोण आकार का है। नर और नारायण की आराधना से प्रसन्न होकर शंकरजी ने ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा वास करने का वर प्रदान किया। यह स्थल केदार नामक #श्रृंग पर स्थित है
Kedarnath Dham Uttarakhand and Pashupatinath Temple Nepal Deep Mysterious Connection |
3. कुरुक्षेत्र के युद्ध के बाद भगवान शंकर पांडवों को दर्शन नहीं देना चाहते थे, इसलिए वे वहां से अंतर्धान हो कर केदार में जा बसे। पांडव पीछा करते-करते केदार पहुंच ही गए।
4. शंकरजी ने पांडवों की भक्ति, दृढ संकल्प देख कर तत्काल दर्शन देकर पांडवों को पाप मुक्त कर दिया। उसी समय से भगवान शंकर बैल की पीठ की #आकृति_पिंड के रूप में श्री केदारनाथ में पूजे जाते हैं।
5. ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शंकर बैल के रूप में अंतर्ध्यान हुए, तो उनके धड़ से ऊपर का भाग_काठमाण्डू में प्रकट हुआ। अब वहां पशुपतिनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। शिव की भुजाएं तुंगनाथ में, मुख रुद्रनाथ में, नाभि मदमदेश्वर में और जटा कल्पेश्वर में प्रकट हुए।
6. इसलिए इन चार स्थानों सहित श्री केदारनाथ को #पंचकेदार कहा जाता है। यहां शिवजी के भव्य मंदिर बने हुए हैं।
7. यह मन्दिर एक छह फीट ऊंचे चौकोर चबूतरे पर बना हुआ है।प्रांगण में #नंदी बैल वाहन के रूप में विराजमान हैं।
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