उत्तराखंड के बारामासी फल रसीला बेडु मैं क्या क्या पाया जाता हैं

उत्तराखंड के बारामासी फल रसीला बेडु मैं क्या क्या पाया जाता हैं

प्रसिद्ध उत्तराखंडी लोकगीत 'बेडु पाको बारामासा सुनते ही जीभ में बेडु यानी वाइल्ड फिग के मीठे रसीले फलों का स्वाद घुल जाता है। बारामासा यानी बारह महीनों पाया जाने वाला। यह स्वादिष्ट जंगली फल उत्तरी-पश्चिमी हिमालय में निम्न से मध्यम ऊंचाई तक पाया जाता है।

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कई राज्यों में इसे सब्जी व औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। वैसे तो बेडु का संपूर्ण पौधा ही उपयोगी है, लेकिन इसकी छाल, जड़, पत्तियां, फल व चोप औषधीय गुणों से भरपूर हैं। पारंपरिक रूप से इसे उदर रोग, हाइपोग्लेसीमिया, टयूमर, अल्सर, मधुमेह व फंगस संक्रमण के निवारण के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। आयुर्वेद में बेडु के फल का गूदा कब्ज, फेफड़ों के विकार व मूत्राशय रोग विकार के निवारण में प्रयुक्त किया जाता है। जहां तक बेडु के फल की पौष्टिक गुणवत्ता का सवाल है 
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पौष्टिक गुणवत्ता

तो इसमें प्रोटीन 4.06 प्रतिशत, 
फाइबर 17.65 प्रतिशत, 
वसा 4.71 प्रतिशत, 
कॉर्बोहाइड्रेट 20.78 
प्रतिशत, सोडियम 0.75 मिग्रा प्रति सौ ग्राम,
 कैल्शियम 105.4 मिग्रा प्रति सौ ग्राम, 
पोटेशियम 1.58 मिग्रा प्रति सौ ग्राम, 
फॉस्फोरस1.88 मिग्रा प्रति सौ ग्राम और सर्वाधिक ऑर्गेनिक मैटर 95.90 प्रतिशत तक पाए जाते हैं।
 बेडु के पके हुए फल में 45.2 प्रतिशत जूस, 
80.5 प्रतिशत नमी, 
12.1 प्रतिशत घुलनशील तत्व व लगभग छह प्रतिशत शुगर पाया जाता है।

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