बहुत ही सुंदर कविता #उत्तराखंड_माँगे_भू_कानून " तुझे फर्क पड़ता क्यूं नहीं।" (bahut hi sundar kavita #uttarakhand_maange_bhu_kanoon " tujhe ferk padta kyun nahin")

बहुत ही सुंदर कविता #उत्तराखंड_माँगे_भू_कानून " तुझे फर्क पड़ता क्यूं नहीं।" (bahut hi sundar kavita #uttarakhand_maange_bhu_kanoon " tujhe ferk padta kyun nahin")

 तुझे फर्क पड़ता क्यूं नहीं।

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मुझे दर्द होता है,
तुझे दर्द उठता क्यूं नहीं।
ये हिमालय बिकता है,
तुझे फर्क पड़ता क्यूं नहीं।
व्यापारी का बैठा बेड़ा इधर,
तेरी आंख को दिखता क्यूं नहीं।
सौदा होता है तेरा ही,
तू कम्बक्त कुछ कहता क्यूं नहीं।

#उत्तराखंड_माँगे_भू_कानून
#अनुपम_सनवाल

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