किल्मोड़ा (किलमोड़ी) के फल। /Fruits of Kilmora (Kilmori).

जिस किलमोड़ा के पौधों को कंटीली झाड़ी कहकर पहाड़ में उपेक्षित छोड़ दिया जाता है, उसी से दुनियाभर में जीवन रक्षक दवाएं तैयार हो रही हैं। इसका बॉटनिकल नाम ‘बरबरिस अरिस्टाटा’ है।


यह एक औषधीय पौधा है। किलमोड़ा जड़, तना, पत्ती से लेकर फल तक का इस्तेमाल होता है।
मधुमेह में किलमोड़ा की जड़ बेहद कारगर होती है। इसके अलावा बुखार, पीलिया, शुगर, नेत्र आदि रोगों के इलाज में भी ये फायदेमंद है। होम्योपैथी में बरबरिस नाम से दवा बनाई जाती है। इसी गुण के कारण इस प्रजाति का आज अत्यधिक दोहन हो रहा है और पहाड़ों में किलमोड़ा विलुप्त होने के कगार पर है।

किल्मोड़ा (किलमोड़ी) के फल।

किल्मोड़ा पहाड़ों में होने वाली एक औषधीय प्रजाति है। इसका पौधा दो से तीन मीटर ऊंचा होता है। मार्च-अप्रैल के समय इसमें पीले फूल खिलने शुरू होते हैं। इसके फलों का स्वाद खट्टा-मीठा होता है। किल्मोड़ा की जड़, तना, पत्ती से लेकर फल तक का इस्तेमाल होता है। मधुमेह (diabetes) में किल्मोड़ा की जड़ बेहद कारगर होती है। इसके अलावा बुखार, पीलिया, शुगर, नेत्र आदि रोगों के इलाज में भी ये फायदेमंद है। होम्योपैथी में 'बरबरिस' नाम से दवा बनाई जाती है डायबिटीज के इलाज में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा खास बात ये है
उत्तराखण्ड में इसे किल्मोड़ा, किल्मोड़ी और किन्गोड़ के नाम से जानते हैं। यहाँ किल्मोड़ा की करीब 22 प्रजातियां पाई जाती है। जो घरों के आसपास खाली जगह या खेतों के आसपास और जंगलों में पाई जाती है। अप्रैल से जून माह के बीच इसमें फल लगते हैं। कच्चे फलों का रंग हरा होता है जो पकने के बाद गहरे नीले रंग के हो जाते हैं। खट्टे-मीठे स्वाद वाले इन फलों को लोग बड़े चाव से खाते हैं। पक्षियों का भी ये मन पसंद आहार है।
उत्तराखण्ड में लोग किल्मोड़ा के जड़ों और तनों का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में प्राचीनकाल से करते आये हैं।

किलमोरा मे पाए जाने वाले पोषक तत्व –

प्रति 10 ग्राम किल्मोड़ा में लगभग 6 .2 प्रतिशत प्रोटीन ,32 .91 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेड ,30 .47 mg पॉलीफेनोल , 7 .9 3 mg संघनित टेनिन ,31 .96 mg एस्कार्बिक एसिड , 4 .53 ग्राम कैरोटीन ,लाइकोपीन और माइक्रोग्राम 10 .62 mg आदि पाए जाते हैं।

[ काफल ( Kafal ) ] [ काफल औषधीय गुणों से है भरपूर ] [ बांज के वृक्ष के बारे में रोचक तथ्य ] [ किलमोड़ा" या किन्गोड़ उत्तराखंड ][ हिसालू हिसालू की जात बड़ी रिसालू है, पर उसका काव्यफल बड़ा रसालू है ] [ खट्ठा-मीठा मनभावन फल काफल ] [“हिसालू”, उत्तराखंड का अद्वितीय और बहुत स्वादिष्ट ] [ पहाड़ी फल तिमले का लाजवाब जायका ] [भमोरे का फल स्ट्रॉबेरी की तरह लाल हो जाता ] [घिंघारू के फलों में उक्त रक्तचाप और हाइपरटेंशन जैसी बीमारी को दूर करने की क्षमता है।] [ उत्तराखंड की प्रमुख वनौषिधियां या जड़ी -बूटियां ] [ किल्मोड़ा (किलमोड़ी) के फल। ]

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट

जी रया जागी रया लिखित में , | हरेला पर्व की शुभकामनायें (Ji Raya Jagi Raya in writing, | Happy Harela Festival )

केदारनाथ स्टेटस हिंदी में 2 लाइन(kedarnath status in hindi 2 line)

हिमाचल प्रदेश की वादियां शायरी 2 Line( Himachal Pradesh Ki Vadiyan Shayari )

हिमाचल प्रदेश पर शायरी स्टेटस कोट्स इन हिंदी(Shayari Status Quotes on Himachal Pradesh in Hindi)

महाकाल महादेव शिव शायरी दो लाइन स्टेटस इन हिंदी (Mahadev Status | Mahakal Status)

गढ़वाली लोक साहित्य का इतिहास एवं स्वरूप (History and nature of Garhwali folk literature)

हिमाचल प्रदेश पर शायरी (Shayari on Himachal Pradesh )