गढ़वाली मुहावरे अर्थ सहित - Garhwali idioms with meaning

गढ़वाली मुहावरे अर्थ सहित  - Garhwali idioms with meaning

मुहावरे व लोकक्तियाँ - गढ़वाली मे बहुत सी है यहाँ हर भाग मे १० -१० मुहावरे व लोकक्तियों को बताया जाएगा  - हिन्दी अर्थ व भावार्थ के साथ और जहां संभव हो पाया वहाँ अँग्रेजी मे भी दिया जाएगा। 

गढ़वाली 

जख बिलि नी तख मूसा नचणु। 
जहां बिल्ली नही वहाँ चूहे नाच रहे।

where there is no cat mice dance.
भावार्थ: जहां नियंत्रण नही होता वहाँ हम गलत कार्य कर सकते है।

थोडि जगा गिलो आटो 

थोड़ी से जगह और आटा गीला [यानि कंगाली मे आटा गीला]
narrow quarters and thin gruel.
[ हालात बाद से बदतर होने पर ]

खाली हथ मुखमा नी जांदु 
खाली हाथ मुँह में नही जाता।

an empty hand[with no food] does not go into the mouth.
भावार्थ: बिना पैसे(फल) के कोई काम नही करता 

जखि देखि तवा-परात, वखि बिताई सारी रात.
जहाँ देखा तवा परात, वहीँ गुजारी सारी रात।

भावार्थ-अपनी सुविधानुसार स्वार्थ सिद्ध करना

जु नि धोलु अपनौं मुख,ऊ क्या देलो हैका सुख.  
जो अपना मुँह [चेहरा] नहीं धोता, वो दूसरों को क्या सुख देगा.
[भावार्थ- जो अपना कार्य स्वयं न कर सके वह दूसरों का क्या हित करेगा]

तिमला-तिमलो खत्या, नंग्या-नन्गी द्यख्या.
सारे तिमला [एक फल] भी गिर गए, नंगे भी दिख गए.
[भावार्थ- हानि के साथ-साथ सम्मान भी खो देना]

टका न पैसा, गौं-गौं भैंसा. 
रूपये न पैसे, गाँव-गाँव भैंसे.
[भावार्थ- आर्थिक रूप से दुर्बल होने पर भी सम्पनता के सपने देखना]

अफू चलदन रीता, हैका पढोंदन गीता.
अपने आप चलते खाली, दूसरों को पढ़ाते गीता.
[भावार्थ- स्वयं ज्ञान न होने पर भी दूसरों को ज्ञान बाँटना]

सौण सूखो न भादो हेरो । 
न सावन सूखा न भादों हरा ।
neither sawan is dry nor bhado is green
[भावार्थ : दो चरित्रो के क्रूरता पूर्वक रवैये को दर्शाते हुये ]

लेणु एक न देणु द्वी। 

न एक लो न दो किसी को दो
neither take one, nor pay back two
[भावार्थ :यह एक सीख है कि ना एक किसी से (पैसे उधार लेना] न उसको दो देना पड़ेगा यानि ब्याज भी नही देना पड़ेगा]


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