केदारनाथ मंदिर केदारनाथ, उत्तराखंड - Kedarnath Temple Kedarnath, Uttarakhand
केदारनाथ मंदिर : केदारनाथ मंदिर एक चमत्कारिक मंदिर है। पांडवों द्वारा निर्मित इस मंदिर का शंकराचार्य के बाद राजा भोज ने जीर्णोद्धार करवाया था। शंकराचार्य ने यहां तप किया और यह भी कहते हैं कि ठीक मंदिर के पीछे उनकी समाधि है। इस मंदिर की वे ही रक्षा करते हैं।
ऐसे कई मौके आए जबकि यह मंदिर नष्ट हो जाता, लेकिन यह मंदिर आज भी जस का तस खड़ा है। जुलाई 2013 में केदारनाथ में जो जलप्रलय हुई थी उसमें लगभग 10,000 लोग मौत की नींद में सो गए थे लेकिन मंदिर का बाल भी बांका नहीं हुआ। और तो और, मंदिर को बचाने के लिए पहाड़ी पर से एक विशालकाय और लंबी शिला गिरी और लुढ़कती हुई ठीक मंदिर के पीछे शंकराचार्यजी की समाधि के पास आकर अचानक रुक गई। इस शिला के आसपास से बाढ़ का पानी रातभर गुजरता रहा और इस शिला ने ऊपर से आ रहे कई छोटे और बड़े पत्थरों से भी मंदिर की रक्षा की।
केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। केदारनाथ पर्वतराज हिमालय के केदार नामक श्रृंग पर अवस्थित है। केदारनाथ धाम और मंदिर 3 तरफ पहाड़ों से घिरा है। एक तरफ है करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ, दूसरी तरफ है 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ है 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड। न सिर्फ 3 पहाड़ बल्कि 5 नदियों का संगम भी है यहां- मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी।
इन नदियों में से कुछ का अब अस्तित्व नहीं रहा लेकिन अलकनंदा की सहायक मंदाकिनी आज भी मौजूद है। इसी के किनारे है केदारेश्वर धाम। यहां सर्दियों में भारी बर्फ और बारिश में जबरदस्त पानी रहता है। समुद्र तल से 3,584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां पहुंचना सबसे कठिन है
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