उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़
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उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ |
जनपद - पिथौरागढ़
- अन्य नाम – पिथौरागढ़/ पिठौरागढ़/ पीठौरगढ़।
- मुख्यालय- पिथौरागढ़ (पिठौरागढ़)
- स्थापना वर्ष - 1960
- पड़ोसी जिले एवं देश
- पूर्व में -नेपाल,
- उत्तर में -चीन,
- पश्चिमोत्तर में -चमोली,
- दक्षिण -पश्चिम में -अल्मोड़ा / बागेश्वर
- दक्षिण में -चम्पावत
- क्षेत्रफल - 7090 वर्ग किमी (7073.5 वर्ग किमी गामीण एवं 16.5 वर्ग किमी शहरी)
- जनसंख्या - 4,83,439 (राज्य का 4.79 प्रतिशत)
- पुरुष - 239306
- महिला - 244133
- ग्रामीण - 413834
- शहरी - 69605
- जनघनत्व - 69 (11वां)
- साक्षरता दर - 82.93% (चौथा)
- पुरुष - 93.45%
- महिला -72.97%
- लिंगानुपात - 1020 (छठा)
- बाल लिंगानुपात - 816
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उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ |
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ तहसीलें
गंगोलीहाट, गणाई -गंगोली, कनालीछिना, थल एवं तेजम पिथौरागढ़, मुनस्यारी, धारचूला, डीडीहाट, बेरीनाग, बंगापानी, देवलथल
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ उपतहसील
पाखू
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ विकासखण्ड
विण, मूनाकोट, कनालीछीना, बेरीनाग, गंगोलीहाट, डीडीहाट, मुनस्यारी एवं धारचूला (8)
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ विधानसभा क्षेत्र
चार सीट धारचूला, डीडीहाट, पिथौरागढ़ एवं गंगोलीहाट(अनु० जाति हेतु)
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ कर व्यवस्था
- हिलपानी धूल - बरसात या गर्मी में कीचड़ या धूल से बचने के लिए सड़कों हेतू लिया जाने वाला कर।
- शाउलि - ताम्रपत्र बनाने वाले हेतु कर
- शोल - जल्लाद हेतु कर
- रोउक - शाही सेवकों हेतु
- परि - राजमहल के प्रहरी हेतु
- विसौदी - बेगार कर
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उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ |
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ गुफाए
पाताल भुवनेश्वर गुफा
स्वधम, सुमेरु, राजा -रानी, नागधरौड़ की गुफा, भवानी उडियार, भाटकोट की गुफा, कपिलेश्वर की गुफा में।
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ व्यास गुफा
- सिर गुफा मैलचोरा, गुप्तगंगा, दानेश्वर, चमडुंगरा, भोलेश्वर, शैलेश्वर, भुंगतुंग, मुक्तेश्वर, सुमेरू, डाणेश्वर, भरम्य, भरत - गंगोलीहाट में।
- पिंखु उड्यार, बरम उडियार, गल्छिया (मालपा) - धारचूला
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उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ |
- छीनी गुफा - अस्कोट
- शैमणा गुफा - कनार क्षेत्र में
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ झीलें
- छिपला कुण्ड,
- पटौज कुण्ड,
- ककरौल कुण्ड,
- गौरी कुण्ड,
- पार्वती कुण्ड,
- हरदेव कुण्ड,
- मौताड़ ताल- धारचूला
- थामरी कुण्ड,
- गौरी ताल,
- नन्दा कुण्ड मिलम)- मुनस्यारी
- गरमपानी- मदकोट,
- आंचरी ताल
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ झरने/जलप्रपात
- विर्थी फॉल - मुनस्यारी में
- किमसेन छीड़ - एलागाड़ नदी (धारचूला) में
- रॉथी झरना - धारचूला से आगे
- ज्यौं रुथा जल प्रपात - नज्यं नदी में मालपा के निकट (धारचूला)
- तिथा जलप्रपात -सेला गांव (धारचूला) में
- भेल छीड़ - हथिया देवाल के निकट
- गराऊं जलप्रपात - बेरीनाग के निकट
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ जिले की प्रमुख नदियां
पूर्वी धौली गंगा
- दारमा घाटी से निकलती है।
- इसकी सहायक नदियां लिस्सर नदी, नागलिंग यांग्टी, नन्दर्मा (कुटी से आकर सेला में शामिल), सेला यांग्टी, न्यूलागाड़(पंचाचूली से निकलकर दुग्तु में मिलती है)
- कन्च्यूति गाड़, महादेव गाड़(सेला गांव) इसकी सहायक नदियां है।
- लिस्सर एवं दारमा नदियों के मिलने से धौलीगंगा नदी कहलाती है। तवाघाट (खेला गांव) में काली नदी में सम्मिलित हो जाती हैं।
गौरी नदी- मिलम ग्लेशियर से निकलती है। यह काली की सबसे लम्बी सहायक नदी है।
काली नदी- कालापानी से, उत्तराखण्ड में प्रवाहित होने वाली सबसे लम्बी(लगभग 252km)
एलागाड़ नदी- छिपलाकेदार क्षेत्र से कूला गाड़-कूला नामक स्थान पर काली में
जिले में प्रमुख जल विद्युत परियोजनायें
- धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना-280 मेगावाट क्षमता
- गरबा-तवाघाट परियोजना-630mw, काली नदी
धौलीगंगा में अन्य परियोजनाएं
- सेला-उर्थिग-सोबला परियोजना,
- चुंगर चाल परियोजना,
- बोकांग-बेलिंग परियोजना
गौरी नदी पर
गौरीगंगा परियोजना,
करमोली लुम्टी तल्ली,
रूसियाबगड़-खसियाबाड़ा (260 MW)
मड़किनी परियोजना
पूर्वी रामगंगा नदी पर-
बुर्थिग, बालगाड़ एवं फुलियाबगड़
अन्य -ऐलागाड़ परियोजना कूला परियोजना हाट परियोजना तालेश्वर परियोजना छड़नदेव परियोजना सुरनीगाड़ परियोजना सुरनीगाड़ नदी तांकुल परियोजना श्यामखोलीगाड़ तंगा परियोजना, मोतीघाट परियोजना-सेराघाट नदी। पैनगाड़ परियोजना
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ जिले के प्रमुख ग्लेशियर
- रालम ग्लेशियर
- नामिक ग्लेशियर
- कालापानी ग्लेशियर
- पोटिंग ग्लेशियर
- हीरामणि ग्लेशियर
- म्पौला ग्लेशियर
- सोना ग्लेशियर
- कालबलन्दा ग्लेशियर
- मिलम ग्लेशियर
- पिनौरा ग्लेशियर
उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ जिले के प्रमुख दर्रे
पिथौरागढ़-चीन के मध्य दरे
- दारमा/नवीधुरा दर्रा
- लेबि दर्रा
- ऊंटा जयंती दर्रा
- मान्सया-लम्पिया
चीन-नेपाल- लिपुलेख दर्रा
पिथौरागढ़-चमोली के मध्य दर्रे-
- बाराहोती
- मार्चयोक
- टोपिढूंगा
- लातुधुरा
पिथौरागढ़ के स्थानीय दर्रे
- धारमिला दरा
- नामा दर्रा
- खदिया दर्रा,
- जैंतीधुरा दर्रा
- ग्यौगाड़ दर्रा
- सिनला दर्रा(राज्य का दूसरा सबसे ऊंचा दर्रा)
पिथौरागढ़-बागेश्वर के मध्य दर्रे 1. ट्रेल पास दर्रा/पिण्डारी कण्डा-(1830 में ट्रेल द्वारा खोजा गया।)
पिथौरागढ़-चम्पावत - दर्रा-लासपा दरो
जिले के प्रमुख बुग्याल
- पिण्डारी बुग्याल
- कोट बुग्याल
- नामिक बुग्याल
- खलिया टॉप बुग्याल
- छिपला बुग्याल
- जोहार बुग्याल
- रहाली बुग्याल
- लड़ी पांगती बुग्याल
- थाला बुग्याल
- छियालेख बुग्याल
- बरम बुग्याल
- दारमा बुग्याल
- धनिया बुग्याल
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उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ |
जिले के प्रमुख मंदिर
- ध्वज का खण्डेनाथ मंदिर - सत गढ़वाल एटा मार्ग से ऊपर 7500 फीट की ऊंचाई पर
- ध्वज का जयंती मंदिर - खंडे नाथ मंदिर के ऊपर
- कपिलेश्वर मंदिर - जिले के दक्षिणी छोर में स्थित
- घुन्सेरा मंदिर - मुख्यालय से 5 किमी दूर
- चौपखिया मंदिर - वड्डा से अड़किनी रोड पर
- मड़ का सूर्य मंदिर - चौबाटी, डीडीहाट में
- दुगई आगर का सूर्य मंदिर - गंगोलीहाट
- पामै का मौनादित्य सूर्य मंदिर -गंगोलीहाट
- चौपाता सूर्य मंदिर -देवलथल के समीप
- चटकेश्वर मंदिर - पण्डा गाँव, धारचूला मार्ग में
- अर्जुनेश्वर मंदिर - अर्जुन द्वारा निर्मित मंदिर, मासू गांव में।
- कुचियादेव मंदिर - बलुवाकोट के निकट शैलाश्रय (उडियार) में
- नकुलेश्वर मंदिर - शिलिंग गांव
- गुरना माता मंदिर - पिथौरागढ़ से 13 किमी दूर
- दुगई आगर विष्णु मंदिर - गंगोलीहाट में।
- गेटली का विष्णु मंदिर - भड़कटिया के निकट दिगांस गांव में स्थित
- हाटकालिका मंदिर - गंगालीहाट स्थित कुमाऊँ रेजीमेंट की आस्था विश्वास केन्द्र।
- गंगोलीहाट - मंकेश्वर मंदिर, चुलदेव मंदिर, गुप्तेश्वर मंदिर
- सीराकोट मंदिर - डीडीहाट में
- उल्का देवी मंदिर - पिथौरागढ़ नगर में
- कामाख्या मंदिर - कासनी में
- कोटगाड़ी देवी मंदिर - चौकोड़ी में स्थित।
- कोकिला माता मंदिर - धारचूला में।
- गोम्पा बौद्ध मठ - सुखौली, पिथौरागढ़ में।
- होकरा मंदिर - तेजम गांव के निकट मुनस्यारी में
- मां कौशल्या देवी मंदिर - पिथौरागढ़
- नन्दा देवी मंदिर - मुनस्यारी नगर में
- छिपलाकेदार मंदिर - धारचूला के स्यांकुरी, खेला, रांथी एवं जुम्मा गांवों में
- नौला देव मंदिर - जुम्मा गांव, धारचूला में।
- धुरा मंदिर - गर्गुवा नामक गांव धारचूला के ऊपर संतान प्राप्ति हेतु प्रसिद्ध मंदिर
- हंसेश्वर मंदिर - तीतरी, बगड़ीहाट में।
- तालेश्वर मंदिर - झूलाघाट
- धनलेख मंदिर - सिंगाली, डीडीहाट
- लछैर मंदिर - लछैर
- बागनाथ मंदिर -थल
- कालामुनि मंदिर - बिर्थी
- मलयनाथ का मंदिर - डीडीहाट में 6 हजार फीट की ऊंचाई पर
- लटेश्वर मंदिर - बड़ावे में
- इग्यार देवी मंदिर - गुरना के निकट
- सेरादेवल मंदिर - झूलाघाट मार्ग पर कासनी के निकट
- रामगंगा मंदिर - रामगंगा एवं सरयू नदियों के तट पर
प्रमुख आकर्षण
- नारायण आश्रम - 2734 मीटर की ऊंचाई पर सोसा नामक गांव के ऊपर ।
- ऊँ पर्वत - 6191 मी0 की ऊंचाई पर स्थित। मान्यता है कि नाभीडांग में पार्वती की नाभि दिखाई देती है। इसे छोटा कैलाश भी कहा जाता है।
- पार्वती ताल - कुटी नामक गांव से आगे ज्योलिंगकांग (आदि कैलाश) के पास स्थित है।
- एक हथिया देवाल - रामगंगा एवं बालती नदी के संगम पर बल्तिर एवं अल्मिया गांव के मध्य बनाया गया शिवालय। पौराणिक काल में यह क्षेत्र माल तीर्थ/मालिका तीर्थ नाम से जाना जाता था। यह भारत का एकमात्र रॉक टेम्पल है।
- माँ कालिका सिद्धपीठ - इस मंदिर को हाटकाली भी कहा जाता है। कुमाऊं के 18 काली मंदिरों में से सर्वाधिक मान्य है। यह आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित सिद्धपीठ है।
- विर्थी फॉल - 126 मीटर ऊंचा कुमाऊ क्षेत्र का सबसे ऊंचा जलप्रपात।
- खलिया टॉप - ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध बुग्याल ।
- दरकोट - लकड़ी के घरों एवं हस्तशिल्प हेतु प्रसिद्ध।
- माहेश्वरी/मेहसर कुण्ड - यक्ष की प्रेम कहानी के लिए प्रसिद्ध।
- मदकोट - गन्धकयुक्त गर्म जल का प्रसिद्ध स्त्रोत।
- खेंचुआ - स्थानीय प्रसिद्ध मिठाई।
- नारायण नगर - नारायण स्वामी द्वारा स्थापित आश्रम एवं नगर।
- सीराकोट मंदिर - भगवान शिव को समर्पित। मंदिर के निकट से
- बालेश्वर मंदिर - प्राचीन मंदिर अशोकचल्ल द्वारा निर्माण किया गया।
जिले के प्रमुख मेले
- मोष्टामानु मेला - प्रतिवर्ष नाग पंचमी को।
- गंगोलीहाट का मेला - प्रतिवर्ष चैत्र व अश्विन की अष्टमी को
- गबला देव मेला - दारमा घाटी में आयोजित भोटिया जनजाति का मेला।
- थल मेला - रामगंगा तट पर प्रतिवर्ष बैशाखी को, 13 अप्रैल, 1940 को जलियावाला की स्मृति में शुरू।
- मलयनाथ का रात्रि मेला - प्रतिवर्ष आश्विन के कृष्ण चतुर्दशी पर मेले का आयोजन होता है।
- कनरा का मेला - प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष की शुक्ल चतुर्दशी को आयोजित जागरण।
- कंडाली उत्सव - प्रत्येक 12 वर्ष अगस्त -सितम्बर मे आयोजित कण्डाली या किर्जी उत्सव।
- धनलेख का मेला - छुरमल देवता के मंदिर में सिंगाली,
- नन्दा उत्सव - डीडीहाट एवं मुनस्यारी में।
- मिल्बू फेंकना -दारमा आयोजित कृषि उत्सव।
- हिल यात्रा - वर्षा ऋतु की समाप्ति एवं भादो मास के आगमन पर।
- जनपद के उत्तरायणी मेले
- रामेश्वर का उत्तरायणी मेला
- पाताल भुवनेश्वर का उत्तरायणी मेला
- झूलाघाट का उत्तरायणी मेला
- थल का उत्तरायणी मेला।
जनपद के शिवरात्रि मेले
- रई
- झूलाघाट
- धारचूला
- कपिलेश्वर
- बेरीनाग
- डीडीहाट
- थल
- पाताल भुवनेश्वर
- हंसेश्वर
छलिया महोत्सव- 1997 से पिथौरागढ़ में आयोजित। इस नृत्य का वर्णन नाट्यशास्त्र में है एवं इसे अशोकमल्ल के विवाह अवसर से जोड़ा जाता है। मुख्यतः यह नृत्य जीत एवं उल्लास का प्रतीक है। इसे छलिया/छोलिया) सरौ/ दुलैती नामों से भी जाना जाता है।
जौलजीबी का मेला- गोरी-काली नदी के संगम पर मार्गशीर्ष संक्रान्ति को, 1914 में स्व0 गजेन्द्र बहादुर पाल ने इस मेले को प्रारम्भ करवाया। 2007 से यह मेला पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय, उत्तराखण्ड सरकार द्वारा गोद लिया गया एवं 100 वर्ष पूर्ण करने पर 2014 में इसे राजकीय मेला घोषित किया गया।
प्रमुख समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं
- एक पथिक - 1954 -55 हीरा बल्लभ जोशी द्वारा।
- उत्तराखण्ड ज्योति - 1961 हीरा बल्लभ जोशी द्वारा।
- पर्वत पीयूष - 1976 भगत सिंह कोश्यारी द्वारा।
- आज का पहाड़ - 1985 से बद्री दत्त कशनियाल द्वारा ।
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उतराखंड का जनपद - पिथौरागढ़ |
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