श्री कार्तिकेय मंत्र साधना(shree kartikeya mantra sadhana)

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श्री कार्तिकेय मंत्र साधना

श्री कार्तिकेय पूजन की विधि

भगवान कार्तिकेय की पूजा का मंत्र – श्री कार्तिकेय पूजन की विधि पूजन पौराणिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए कर सकेंगे। पूजन शुरू करने के पूर्व अवश्य पढ़े पूजनकर्ता स्नान करके गणपति पूजन के लिए बैठें। भगवान गणपति सर्वप्रथम पूजनिय हैं पूजन पूर्व अथवा उतर की दिशा में मुँह करके करें। पूजन श्री कार्तिकेय के यंत्र पर किया जाता है। श्री र्कीतिकेय जी की भावना करके, पाटरी पर अन्न बिछाकर उस पर स्थापित किया जाता है। यंत्र पर ही संपूर्ण पूजन किया जाता है। श्री कार्तिकेय यंत्र का पूजन :- उस मूर्ति के स्थान पर स्नान, पंचामृत स्नान कराने के लिए कार्तिकेय जी का यंत्र , स्थापित कर दें। स्नान, पंचामृत स्नान, अभिषेक इत्यादि कर्म उस यंत्र पर ही किए जाते हैं, प्रतिमा पर नहीं।
श्री  कार्तिकेय मंत्र साधना

कार्तिकेय गायत्री मंत्र-

‘ॐ तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात’।
यह मंत्र हर प्रकार के दुख एवं कष्टों के नाश के लिए प्रभावशाली है।

शत्रु नाश के लिए पढ़ें ये मंत्र-

ॐ शारवाना-भावाया नम:ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरादेवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।
इस तरह से भगवान कार्तिकेय का पूजन-अर्चन करने से जीवन के सभी कष्‍टों से मुक्ति मिलती है।
श्री  कार्तिकेय मंत्र साधना

कार्तिकेय गायत्री मंत्र- 'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोदयात'. यह मंत्र हर प्रकार के दुख एवं कष्टों का नाश करने के लिए प्रभावशाली है. देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते. इस तरह से भगवान कार्तिकेय का पूजन-अर्चन करने से जीवन के सभी कष्‍टों से मुक्ति मिलती है.

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