उत्तराखंड राज्य के प्रतीक चिन्ह
राजकीय चिन्ह :
राज्य के प्रतीक चिन्ह में अशोक स्तम्भ के नीचे तीन पर्वतों की एक श्रृंखला है तथा उसके नीचे गंगा की लहरें परिकल्पित की गयी है। अशोक की ललाट नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया है।
राज्य पुष्प - ब्रह्म कमल
उत्तराखंड के राज्य पुष्प ब्रह्म कमल का वर्णन वेदों में भी मिलता है । ब्रह्म कमल नाम की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के नाम से हुयी है । इसका वैज्ञानिक नाम सौसूरिया अब्वेलेटा (Saussurea obvallata) है। यह उत्तराखंड में ऊंचाई तथा दुर्गम क्षेत्रों में उगता है। उत्तराखंड के अलावा यह कश्मीर और मध्य नेपाल जाता है।
राज्य पक्षी - मोनाल
मोनाल विश्व के सुन्दरतम पक्षियों में से एक है। इसे हिमालयी मोर के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम लोफोफोरस इम्पीजेनस (Lophophorus Impejanus) है। यह नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी भी है। मोनाल को स्थानीया भाषा में ‘मन्याल’ व ‘मुनाल’ भी कहा जाता है।राज्य वृक्ष - बुरांस
इसका वैज्ञानिक नाम रोडोडेंडर अर्बोरियम (Rhododendron arborium) है। यह मध्यम ऊँचाई का सदापर्णी वृक्ष है। इसके पुष्प औषधीय गुणों से परिपूर्ण होते हैं जिनका प्रयोग कृषि यन्त्रों के हैन्डल बनाने तथा ईंधन के रुप में करते हैं। बुरांस पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष वृक्ष हैं जिसकी प्रजाति अन्यत्र नहीं पाई जाती है।राज्य वन्य पषु - कस्तूरी मृग
कस्तूरी मृग को हिमालयन मस्क डियर के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘मास्कस क्राइसोगौस्टर” (Moschus Chrysogaster) है। भारत में कस्तूरी मृग, जो कि एक लुप्तप्राय जीव है, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल के केदार नाथ, फूलों की घाटी, हरसिल घाटी तथा गोविन्द वन्य जीव विहार एवं सिक्किम के कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित रह गया है।राज्य तितली - कॉमन पीकॉक
कॉमन पीकॉक का वैज्ञानिक नाम पापिलियो बियांर Papilio Bianor है। यह तितली उत्तराखंड में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पायी जाती हैं। मोर की गर्दन की तरह रंग होने के कारन इसका नाम कॉमन पीकॉक पड़ा .
उत्तराखंड राज्य तितली प्रतीक चिह्न वाला भारत का दूसरा राज्य है। इससे पहले वर्ष 2015 में महाराष्ट्र सरकार ने ब्लू मोरोन को राज्य तितली का दर्ज दिया था.
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