नीलकंठ महादेव मंदिर,पौड़ी गढ़वाल,उत्तराखंड (Neelkanth Mahadev Temple in Rishikesh Uttarakhand)
श्री नीलकंठ महादेव मंदिर ज़िला पौड़ी |
ऋषिकेश से 32 कि.मी. बैराज के माध्यम से और 22 किलोमीटर राम झूला के माध्यम से दूर स्थित यह जगह धार्मिक उत्साह, पौराणिक महत्व और खूबसूरत परिवेश मिला जुला संगम है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, इस जगह का नाम भगवान शिव से लिया गया है। यह माना जाता है कि यहां भगवान शिव ने जहर का सेवन किया था, जो ‘समुद्र मंथन’ के दौरान उत्पन्न हुआ था। इस वजह से भगवन शिव का गला रंग में नीला हो गया था, इसलिए भगवन शिव को नीलकंठ नाम दिया गया था। सदियों पुराने मंदिर अपनी आकाशीय आभा और पौराणिक महत्व को संजोय रखे हैं। नीलकंठ महादेव स्वर्गश्राम से 22 किमी दूर है। 12 कि.मी. ट्रैक्केबल सड़क घने जंगलों से घिरी हुई है । सिंचाई और वन विभाग के विश्राम गृह यहाँ पर उपलब्ध है।
श्री नीलकंठ महादेव मंदिर ज़िला पौड़ी |
श्री नीलकंठ महादेव मंदिर ज़िला पौड़ी |
नीलकंठ महादेव मंदिर - हर हर महादेव ॐ नमः शिवायः
श्री नीलकंठ महादेव मंदिर ज़िला पौड़ी |
श्री नीलकंठ महादेव मंदिर ज़िला पौड़ी |
श्री नीलकंठ महादेव मंदिर ज़िला पौड़ी |
नीलकंठ महादेव मंदिर में करने लायक चीज़ें
- प्रार्थना और पूजा: ब्रह्मांड के निर्माता के रूप में घोषित भगवान शिव की प्रार्थना करें और भक्तिपूर्ण पूजा में संलग्न रहें।
- वास्तुकला की प्रशंसा करें: मंदिर की सुंदर नक्काशी और जटिल वास्तुकला की प्रशंसा और प्यार करना होगा। लोग अक्सर यहां दर्शन के लिए आते हैं और मंदिर और उसके निर्माण की तस्वीरें खींचते हैं।
- स्नान करें: यदि आप आराम करना चाहते हैं और मंदिर की दिव्य आभा में खो जाना चाहते हैं, तो मंदिर परिसर में प्राकृतिक रूप से आने वाले गर्म झरनों में स्नान करना न भूलें।
- अपने लिए एक स्मृति खरीदें: मंदिर के बाहर लगे विभिन्न स्टालों से, आप अपने और अपने प्रियजनों के लिए मूर्तियां और शिव सहायक उपकरण खरीद सकते हैं।
- मंदिर के नजदीक स्थित विभिन्न स्थानों की यात्रा करें: ऋषिकेश रोमांच और पवित्रता के बारे में है। इस जगह की आभा अपनी तरह की अनोखी है और अपने नाम के अनुरूप है; इसमें कई स्थान हैं जहां पर जाया जा सकता है। इसी तरह, नीलकंठ मंदिर के पास भी कई जगहें हैं जहां आपको शांति और शांति मिल सकती है जिसकी आप तलाश कर रहे थे।
रात्रि श्रृंगार दर्शन श्री नीलकंठ महादेव |
- काशी विश्वनाथष्टकम स्तोत्रम (Lord Shiva / Mahadev - Kashi Vishwanathshtakam Stotram)
- अर्ध नारीश्वर अष्टकम स्तोत्रम (Lord Shiva or Bholenath / Mahadev - Ardh Narishwar Ashtakam Stotram)
- शिवाष्टकम स्तोत्रम (Lord Shiva or Bholenath / Mahadev - Shivashtakam Stotram)
- रुद्राष्टकम (Lord Shiva / Mahadev - Rudrashtakam)
- श्री शिवशंकरजी की आरती "हर हर हर महादेव! " (Lord Shiva / Mahadev - Aarti of Shri Shiva (Aarti of Shiva))
- शिव चालीसा (Lord Shiva / Mahadev Shiva Chalisa)
- शिवरात्रि पूजा | (Lord Shiva or Bholenath / Mahadev - Shivaratri Puja |)
- भगवान् शिव या भोलेनाथ / महादेव - शिवरात्रि आरती (Lord Shiva or Bholenath / Mahadev - Shivaratri Aarti)
FAQs for Neelkanth Mahadev Temple, Pauri Garhwal, Uttarakhand
नीलकंठ महादेव मंदिर कहाँ स्थित है?
नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश से लगभग 32 किलोमीटर दूर स्थित है, जो पौड़ी गढ़वाल जिले में है। यह मंदिर समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है और भगवान शिव से संबंधित है।नीलकंठ महादेव मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
यह मंदिर समुद्र मंथन से उत्पन्न विष को ग्रहण करने के कारण भगवान शिव के गले के नीला होने से प्रसिद्ध है। यहां पर शिव का नीलकंठ रूप पूजा जाता है।नीलकंठ महादेव मंदिर तक कैसे पहुंचें?
ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक 22 किलोमीटर की यात्रा राम झूला और 32 किलोमीटर बैराज के माध्यम से की जा सकती है। इसके अलावा, 12 किलोमीटर ट्रैकिंग मार्ग भी है जो घने जंगलों से होकर जाता है।नीलकंठ महादेव मंदिर में किसकी पूजा की जाती है?
इस मंदिर में मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। यहां भगवान शिव की प्रतिमा के साथ-साथ पार्वती जी का मंदिर भी स्थित है।क्या मंदिर परिसर में कोई सुविधाएं उपलब्ध हैं?
हां, मंदिर परिसर में स्नान के लिए एक झरना है और यहां पर शिव भक्तों के लिए विश्राम गृह की भी सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा, आसपास के इलाकों में प्राकृतिक गर्म झरने भी हैं जहाँ भक्त स्नान कर सकते हैं।नीलकंठ महादेव मंदिर में क्या देखने लायक है?
मंदिर की नक्काशी और वास्तुकला बेहद सुंदर है। विशेष रूप से मंदिर शिखर पर समुद्र मंथन का दृश्य और गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर भगवान शिव द्वारा विष पान करते हुए चित्रित दृश्य देखे जा सकते हैं।नीलकंठ महादेव मंदिर के पास कौन से अन्य पर्यटन स्थल हैं?
नीलकंठ महादेव मंदिर के पास ऋषिकेश के अन्य प्रमुख स्थल जैसे ऋषिकुल योगशाला, खिर्सू गांव और चौखंबा प्वाइंट स्थित हैं। ये स्थल शांति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हैं।नीलकंठ महादेव मंदिर का इतिहास क्या है?
यह मंदिर समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न विष को भगवान शिव द्वारा ग्रहण किए जाने की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है। इस घटना के बाद भगवान शिव का गला नीला पड़ गया, इसलिए उन्हें नीलकंठ नाम दिया गया।नीलकंठ महादेव मंदिर में रात्रि श्रृंगार दर्शन कब होते हैं?
नीलकंठ महादेव मंदिर में रात्रि श्रृंगार दर्शन होते हैं, जो भक्तों के लिए एक विशेष और दिव्य अनुभव प्रदान करते हैं।क्या नीलकंठ महादेव मंदिर में दर्शन के लिए कोई विशेष समय है?
मंदिर में दर्शन के लिए कोई विशेष समय नहीं है, लेकिन श्रद्धालु विशेष त्योहारों और महाशिवरात्रि जैसे अवसरों पर अधिक संख्या में आते हैं।
टिप्पणियाँ