पं०हरगोविंद पंत - Pt. Hargovind Pant

पंडित हरगोविंद पंत के जन्मदिवस पर अल्मोड़ा में सम्मान समारोह

अल्मोड़ा: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित हरगोविंद पंत के जन्मदिवस पर नगरवासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। 19 मई 1885 को जन्मे पंडित हरगोविंद पंत ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनके योगदान को याद करते हुए नगरवासियों ने उनके जन्मदिवस पर माल्यार्पण किया और मिष्ठान वितरित किया।

पंडित हरगोविंद पंत: एक संक्षिप्त जीवनी

पंडित हरगोविंद पंत का जन्म 19 मई 1885 को हुआ था। वे कुमाऊं परिषद के संस्थापक थे और 1915 में इस राजनीतिक समूह की स्थापना की थी। पंत जी भारतीय संविधान सभा के सदस्य भी रहे, जहां उन्होंने संयुक्त प्रांत के पहाड़ी जिलों के हितों का प्रतिनिधित्व किया। 4 जनवरी 1951 को उन्हें संयुक्त प्रांत विधायिका का उपाध्यक्ष चुना गया था।

पंडित हरगोविंद पंत ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। 1921 में, उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बद्री दत्त पांडे के साथ मिलकर कुली बेगार आंदोलन का नेतृत्व किया। इस आंदोलन के दौरान कुली बेगार प्रथा के रजिस्टरों को उत्तरायणीं के दिन बागेश्वर की सरयू नदी में बहा दिया गया था। उनकी इस साहसिक कार्रवाई ने उन्हें जननायक की उपाधि दिलाई।

सम्मान समारोह

पंडित हरगोविंद पंत के जन्मदिवस पर आयोजित समारोह में विधायक अल्मोड़ा मनोज तिवारी, नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज, नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस अवसर पर पंत जी के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान की चर्चा की गई और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

कार्यक्रम के दौरान, अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय में पंडित हरगोविंद पंत की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया और मिष्ठान वितरण किया गया। इस आयोजन ने पंडित हरगोविंद पंत के प्रति नगरवासियों की गहरी श्रद्धा और सम्मान को प्रकट किया।

पंडित हरगोविंद पंत के विचार

पंडित हरगोविंद पंत ने अपने समय में 'इंडिया' नाम पर सवाल उठाया और कहा कि 'इंडिया' नाम स्वीकार नहीं करना चाहिए, बल्कि देश का नाम 'भारत' होना चाहिए। उनके ये विचार आज भी प्रेरणादायक हैं और स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उनके विचारों की गहराई को दर्शाते हैं।

निष्कर्ष

पंडित हरगोविंद पंत का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य है। उनके जन्मदिवस पर आयोजित इस सम्मान समारोह ने उनकी महानता और उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद करने का अवसर प्रदान किया। पंडित हरगोविंद पंत की प्रेरणा से हम सभी को अपने देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की प्रेरणा मिलती है।

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