उत्तराखंड - कुछ रोचक तथ्य
उत्तराखंड, जिसे "देवभूमि" के नाम से भी जाना जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्त्व, और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। हिमालय की गोद में बसा यह राज्य न केवल भारत बल्कि विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अपनी विशेष जगह रखता है। आइए जानते हैं उत्तराखंड से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
स्कंद पुराण के अनुसार हिमालय का विभाजन
हिमालय को स्कंद पुराण में पाँच भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:
- नेपाल
- कुर्मांचल (कुमाऊँ)
- केदारखण्ड (गढ़वाल)
- जालन्धर (हिमाचल प्रदेश)
- सुरम्य कश्मीर
कुर्मांचल (कुमाऊँ) का महत्त्व
पौराणिक सन्दर्भ: कुर्मांचल को पौराणिक संदर्भ में मानस खंड भी कहा गया है। ऋषियों और साधुओं की भूमि होने के कारण यह क्षेत्र "देवभूमि" के नाम से भी विख्यात है।
राजवंश: कुमाऊं क्षेत्र में अधिकतर चंद वंश और कत्यूरी वंश का राज रहा। चंद वंशियों ने अपनी राजधानी अल्मोड़ा में और कत्यूरी ने कार्तिकेयपुर (वर्तमान बैजनाथ) में बनाई थी।
गढ़वाल का इतिहास
गढ़वाल क्षेत्र में अलग-अलग गढ़ों का गठन था, जिसे पंवार वंश ने एकत्रित कर श्रीनगर को राजधानी बनाया।
गोरखा शासन (1790-1815): 1790 से 1815 तक कुमाऊं में गोरखा राज्य चला, लेकिन 1815 में अंग्रेजों ने गोरखाओं को हरा दिया।
अंग्रेजों का शासन (1815-1947): कुमाऊं पर अंग्रेजों का अधिकार 1815 से शुरू हुआ, और गढ़वाल मंडल को भी अंग्रेजों ने 1815 में गोरखाओं से मुक्त कराया।
टिहरी राज्य का विलय (1949): टिहरी राज्य का भारत में विलय 1949 में हुआ।
प्राकृतिक और धार्मिक धरोहर
हिमालयी नदियों का उद्गम: देश की दो प्रमुख हिमालयी नदियों - गंगा और यमुना का उद्गम स्थल उत्तराखंड में ही है।
चार धाम: गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ को छोटे चार धाम माना गया है।
कुंभ मेला: हरिद्वार में प्रति बारह वर्षों में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से आए करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
हेमकुंड साहिब: हिमालय की गोद में स्थित हेमकुंड साहिब सिखों का प्रमुख तीर्थ स्थल है।
जागेश्वर धाम: देवदार वृक्षों से घिरे जागेश्वर में स्थित प्राचीन मंदिर परिसर में 124 मन्दिर हैं।
खनिज सम्पदा
उत्तराखंड में चूना पत्थर, रॉक फास्फेट, डोलोमाइट, मैग्नेसाइट, तांबा, ग्रेफाइट, जिप्सम आदि के भण्डार हैं, जो इसे खनिज समृद्ध राज्य बनाते हैं।
प्रशासनिक विभाजन
सम्पूर्ण उत्तराखंड दो मंडलों - गढ़वाल और कुमाऊँ, तथा तेरह जिलों में विभाजित है।
9 नवम्बर, 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड देश का सत्ताईसवां राज्य बना।
अन्य रोचक तथ्य
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क: 1936 में स्थापित, यह भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है।
विधानसभा और लोकसभा: उत्तराखंड विधानसभा में 70 सीटें और लोकसभा के लिए 5 सीटें हैं।
राज्य प्रतीक:
- राज्य पुष्प: ब्रह्म कमल
- राज्य पक्षी: मोनाल
- राज्य वृक्ष: बुरांश
- राज्य पशु: कस्तूरी मृग
राजभाषाएं: हिन्दी एवं संस्कृत उत्तराखंड की राजभाषाएँ हैं। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड में बोलचाल की प्रमुख भाषाएँ गढ़वाली और कुमाऊँनी हैं। उत्तराखंड देश का इकलौता राज्य है जहाँ की राजभाषा संस्कृत है।
चर्चा एवं टिप्पणी
उत्तराखंड के ये तथ्य न केवल इसे एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से समृद्ध बनाते हैं बल्कि इसके प्राकृतिक सौंदर्य और भौगोलिक विविधता को भी दर्शाते हैं। यह राज्य विभिन्न प्रकार के पर्यटन स्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। अगर आपके पास और रोचक जानकारी या प्रश्न हैं, तो कृपया नीचे टिप्पणी करें।
इस ब्लॉग पोस्ट का उद्देश्य उत्तराखंड की विशेषताओं को उजागर करना और पाठकों को इसके इतिहास और संस्कृति के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करना है। आप इसमें और भी अधिक जानकारी जोड़ सकते हैं या इसे अपने व्यक्तिगत अनुभवों से समृद्ध कर सकते हैं।
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