गढ़वाली कहावतें: जीवन की सच्चाइयाँ और शिक्षाएँ
गढ़वाली भाषा में कहावतें (लात) जीवन की गहराईयों और सामाजिक समझ को संजोने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। ये कहावतें अक्सर जीवन के अनुभवों, सांस्कृतिक परंपराओं, और नैतिक शिक्षाओं को संक्षेप में प्रस्तुत करती हैं। यहाँ प्रस्तुत हैं कुछ प्रमुख गढ़वाली कहावतें और उनके अर्थ:

गढ़वाली कहावतें और उनके अर्थ
जाण न पछ्याण मि त्येरु मैमान।
- अर्थ: जब आप किसी को नहीं पहचानते, तब उसके बारे में कोई राय नहीं बनानी चाहिए।
दुति एक सरग मा थेकळी लगान्दी हैकि उदाड़ी लांदी।
- अर्थ: किसी काम को पूरा करने में लगन और धैर्य का महत्व है, त्वरित परिणाम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
मुंडा मकै फवाक।
- अर्थ: कोई भी काम बिना किसी कठिनाई के नहीं होता; सब कुछ मेहनत से होता है।
अग्ने कि जगि मुछळी पैथरि आंदी।
- अर्थ: आग से जलकर चूहे भी पत्थर की तरह कठोर हो जाते हैं।
जन रमाळ च गौड़ी तन दुधाळ बी होंदी।
- अर्थ: जो लोग दूसरों की मदद करते हैं, वे भी अपनी मदद पाने के हकदार होते हैं।
लताड़ च पर दुधाळ खूब च।
- अर्थ: लताड़ भी एक प्रकार की शिक्षा होती है, जो कभी-कभी अत्यंत लाभकारी होती है।
माछा नि खांदू पर मछ्वेण खूब खांदू।
- अर्थ: दूसरों की तुलना में स्वयं का कार्य अधिक मूल्यवान होता है।
जोगी भागी हँगणि बटि।
- अर्थ: जो लोग मेहनत से काम करते हैं, उनकी मेहनत का फल मीठा होता है।
कजेणयूं देख्यूं बाघ अर मर्दों देख्यूं घास पर बिस्वास नि कन।
- अर्थ: जिन्दगी की वास्तविकताओं को समझने के लिए हमें खुद ही अनुभव प्राप्त करना होता है।
सरि ढेबरि मुंडी मांडी पुछ्ड़े दां नार्ट कराट।
- अर्थ: जरूरत के समय में ही किसी की उपयोगिता को समझना चाहिए।
सुबेरो खायूं बाबो ब्यो कयूं हमेसा काम आन्दू।
- अर्थ: अच्छे कार्य और सच्चे प्रयासों से ही सच्चा फल प्राप्त होता है।
आन्ख्यूं मा खोड़ सी चूबणू।
- अर्थ: किसी की आँखों में खो जाने की स्थिति अत्यंत कठिन होती है।
जूटू खाण बल मिठा लोभ।
- अर्थ: धोखे से प्राप्त की गई चीज़ का स्वाद भी मीठा लगता है, लेकिन यह अस्थायी होता है।
ब्वरियूँ सगोर देखी भट भुजण बटि।
- अर्थ: जो किसी कार्य को दिल से करता है, वही उसे सही ढंग से पूरा कर सकता है।
बुग्लो बाघ बताण।
- अर्थ: जिन्दगी में कठिनाइयाँ केवल कुछ समय की होती हैं, उनका सामना साहस से करना चाहिए।
कितुलू मोरी गुरों कि सौर कैकी।
- अर्थ: कुछ चीज़ों की समझ अनुभव से ही आती है, जो सबके लिए समान नहीं होती।
हँगदारू नि पकड़े जग्दरू पकड़े।
- अर्थ: जो लोग दूसरों को नहीं समझते, वे खुद को समझने में असफल रहते हैं।
देर च पर अंधेर नी।
- अर्थ: देर से किया गया काम भी अंततः सही हो सकता है, लेकिन जल्दी करना हमेशा बेहतर होता है।
कित्लू कैर बल गुरों कि सौर तकणे- तकणे कि मौर।
- अर्थ: जो व्यक्ति समय की कीमत नहीं समझता, उसे अंततः पछताना पड़ता है।
जन बुतली तन कटली।
- अर्थ: जो बातें हमें अजीब लगती हैं, वे भी समय के साथ सामान्य हो जाती हैं।
भलि होंदी त बल ..... नि खांदी।
- अर्थ: अच्छा व्यवहार और अच्छाई हमेशा याद रखी जाती है।
दोण नि सक्दू सोला पथा खूब सक्दू।
- अर्थ: जो व्यक्ति मेहनत करता है, उसे सफलता प्राप्त होती है।
हड्गू बल गोळा फंस्यु रसी सान होणि।
- अर्थ: हर समस्या का समाधान होता है, और धैर्य से काम लेना चाहिए।
हग्दी दां गीत लागाण।
- अर्थ: कठिन परिस्थितियों में भी अपने उद्देश्य के प्रति विश्वास बनाए रखना चाहिए।
चिबलठा घोळ मा हाथ लागाण।
- अर्थ: किसी भी काम को सही ढंग से करना चाहिए, और उसमें पूरी कोशिश करनी चाहिए।
घाट घाटो पाणी पियूं।
- अर्थ: हर व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार ही कार्य करना चाहिए और अपनी सीमा को समझना चाहिए।
टिप्पणियाँ