पौड़ी जिले के खूबसूरत और ऐतिहासिक स्थल
1. खिर्सू
खिर्सू पौड़ी से 19 किलोमीटर दूर स्थित एक शांति पूर्ण स्थल है, जहां से हिमाच्छादित पहाड़ों का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है। यहां का प्रदूषण मुक्त वातावरण और पक्षियों की चहचहाहट पर्यटकों को आकर्षित करती है। खिर्सू में घंडियाल देवता का प्राचीन मंदिर भी दर्शनीय है। यहां पर्यटकों के लिए विश्रामगृह और वन विश्रामगृह की व्यवस्था उपलब्ध है।
2. दूथातोली
दूथातोली पौड़ी से 100 किमी दूर 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो घने जंगलों से घिरा हुआ है। यहां से हिमालय पर्वतमाला का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है। यह जगह गढ़वाल के स्वतंत्रता सेनानी वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के लिए खास है, क्योंकि उनका स्मारक यहां स्थित है। इस जगह का प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व पर्यटकों को आकर्षित करता है।
3. बिनसर महादेव
बिनसर महादेव मंदिर, पौड़ी से 114 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यह भगवान हरगौरी, गणेश और महिषासुरमंदिनी के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर 2480 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां का वातावरण स्वर्गीय प्रतीत होता है। मंदिर का पुराना शिल्प और प्राकृतिक सौंदर्य यहाँ आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
4. ताराकुंड
ताराकुंड, 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक छोटा सा सुंदर स्थान है, जो चिरिसर विकास क्षेत्र में स्थित है। यहां एक छोटी सी झील और प्राचीन मंदिर है, जहां तीज के त्योहार पर स्थानीय लोग पूजा करते हैं। यह स्थल शांति और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।
5. कण्वाश्रम
कण्वाश्रम कोटद्वार से 14 किलोमीटर दूर स्थित है और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह स्थान ऋषि विश्वामित्र से जुड़ा हुआ है, जहां पर उन्होंने ध्यान लगाया था। यहां मेनका द्वारा विश्वामित्र का ध्यान भंग करने के बाद शकुंतला का जन्म हुआ, जिनके नाम पर भारत देश का नाम पड़ा। इस स्थान का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत है।
6. भारत नगर
भारत नगर, कोटद्वार से 22 किलोमीटर दूर स्थित है और यह अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान प्राचीन हिंदू ग्रंथों में वर्णित है, जहां जीवन देने वाली जड़ी-बूटियाँ पाई जाती थीं। यहां से गंगा का बालावाली पुल, कालागढ़ बांध और कोटद्वार शहर का दृश्य देखा जा सकता है।
7. कालागढ़
कालागढ़, कोटद्वार से 48 किमी की दूरी पर स्थित है, और यहां रामगंगा पर बना बांध प्रमुख आकर्षण है। यह जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थल है और यहां वन विश्रामगृह और पर्यटक विश्रामगृह की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
8. चिला वन्यजीव अभयारण्य
चिला वन्यजीव अभयारण्य, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा है, और यहां पर्यटकों को हाथी, हिरण, नीलगाय, जंगली भालू जैसे जीवों को देखने का अवसर मिलता है। गंगा नदी के किनारे स्थित यह स्थल प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है। यहां वन विश्रामगृह और पर्यटक विश्रामगृह की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
9. ढिकाला पर्यटक स्थल
ढिकाला जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का हिस्सा है, और यह अपनी जैव विविधता और वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर्यटकों को जंगली जानवरों, जैसे बाघ, हाथी और जंगली भालू को देखने का अवसर मिलता है। यह स्थल हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है, खासकर नए साल और होली के दौरान।
Frequently Asked Questions (FQCs) – पौड़ी जिले के पर्यटन स्थलों पर
1. पौड़ी जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थल कौन से हैं?
पौड़ी जिले में बहुत से खूबसूरत और ऐतिहासिक स्थल हैं, जैसे:
- खिर्सू
- दूथातोली
- बिनसर महादेव
- ताराकुंड
- कण्वाश्रम
- भारत नगर
- कालागढ़
- चिला वन्यजीव अभयारण्य
- ढिकाला पर्यटक स्थल
2. पौड़ी जिले में सबसे अधिक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कौन सा है?
पौड़ी जिले में खिर्सू और कण्वाश्रम सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय स्थल हैं। खिर्सू प्राकृतिक सौंदर्य और शांति के लिए प्रसिद्ध है, जबकि कण्वाश्रम का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है।
3. पौड़ी जिले के दर्शनीय स्थलों तक कैसे पहुंचा जा सकता है?
पौड़ी जिले तक पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार है। यहाँ से आप टैक्सी या निजी वाहन से पौड़ी जिले के विभिन्न स्थलों तक पहुँच सकते हैं। पौड़ी के प्रमुख स्थलों तक जाने के लिए रोड ट्रांसपोर्ट भी उपलब्ध है।
4. पौड़ी जिले में कब जाना सबसे अच्छा रहेगा?
पौड़ी जिले में यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है, जब मौसम ठंडा और सुखद होता है। इस दौरान आप प्राकृतिक सौंदर्य का पूरा आनंद ले सकते हैं।
5. पौड़ी जिले में क्या खास देखने को मिलेगा?
पौड़ी जिले में आपको हिमालय पर्वत की लुभावनी दृश्यावलियां, प्राचीन मंदिर, जंगली जीवन, शांतिपूर्ण वातावरण और ऐतिहासिक स्थलों का अनुभव मिलेगा। यहाँ के वन्यजीव अभयारण्यों और झीलों में घूमना एक अद्वितीय अनुभव होगा।
6. क्या पौड़ी जिले में शाकाहारी भोजन की व्यवस्था है?
हां, पौड़ी जिले में शाकाहारी भोजन की व्यापक व्यवस्था है। यहां के स्थानीय होटल और रेस्तरां में शाकाहारी व्यंजन उपलब्ध होते हैं। इसके अलावा, कई जगहों पर पारंपरिक पहाड़ी भोजन भी परोसा जाता है।
7. क्या पौड़ी जिले में पर्यटकों के लिए ठहरने की व्यवस्था है?
हां, पौड़ी जिले में विभिन्न स्तरों पर ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध है, जैसे गेस्ट हाउस, होटल, रिसॉर्ट, और वन विश्रामगृह। इन जगहों पर सुविधाएं और सुविधाजनक दरें उपलब्ध हैं।
8. क्या पौड़ी जिले में वन्यजीवों को देखा जा सकता है?
हां, पौड़ी जिले में स्थित चिला वन्यजीव अभयारण्य और जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में वन्यजीवों को देखा जा सकता है। यहां हाथी, बाघ, जंगली भालू, और अन्य जंगली जानवरों को देखने का अवसर मिलता है।
9. क्या पौड़ी जिले में ट्रैकिंग के लिए रास्ते उपलब्ध हैं?
हां, पौड़ी जिले में कई ट्रैकिंग मार्ग हैं, जो साहसिक पर्यटकों के लिए आदर्श हैं। खिर्सू, ताराकुंड, और दूथातोली जैसे स्थान ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध हैं।
10. पौड़ी जिले में किस प्रकार की जलवायु है?
पौड़ी जिले की जलवायु उष्णकटिबंधीय पहाड़ी प्रकार की है। गर्मियों में हल्की गर्मी होती है और सर्दियों में ठंडक बढ़ जाती है। मॉनसून में बारिश होती है, जो पहाड़ी रास्तों को फिसलन भरा बना देती है।
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