गोविंद वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान: गढ़वाल हिमालय में ट्रेकिंग के स्वर्ग (Govind Wildlife Sanctuary and National Park: Trekking paradise in Garhwal Himalaya)
गोविंद वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान: गढ़वाल हिमालय में ट्रेकिंग के स्वर्ग
गोविंद वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय की ऊंची चोटियों पर स्थित है और उत्तरकाशी शहर के पास एक प्रमुख संरक्षित अभ्यारण्य के रूप में जाना जाता है। यह विशाल क्षेत्र 1000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और अपनी अद्वितीय वनस्पति और जीवों की प्रचुरता के लिए प्रसिद्ध है। इस अभयारण्य के ट्रेकिंग मार्गों का अपना खास महत्व है, जो भारत और विदेशों के साहसिक प्रेमियों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है।
गोविंद वन्यजीव अभयारण्य में लोकप्रिय ट्रेक
1. केदारकांठा ट्रेक
केदारकांठा ट्रेक भारत में सर्दियों में ट्रेकिंग के लिए एक आदर्श स्थल है। यह ट्रेक 12,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और हिमालय पर्वतमाला का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित इस मार्ग पर, आप खूबसूरत वन क्षेत्रों, जूडा तालाब और बर्फ से ढकी झीलों का दृश्य देख सकते हैं। यहां के दृश्य गढ़वाल हिमालय की असली सुंदरता को दर्शाते हैं।
वन्यजीव: इस ट्रेक में आपको हिमालयन मोनाल, रेड फॉक्स, हिमालयन ताहर और कस्तूरी मृग जैसी प्रजातियाँ देखने को मिल सकती हैं।
2. बाली दर्रा ट्रेक
यह ट्रेक गढ़वाल हिमालय का एक बेदाग दृश्य प्रस्तुत करता है और इसे उत्तराखंड के सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रेक में गिना जाता है। बाली दर्रा 16,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह हर की दून घाटी को यमुनोत्री घाटी से जोड़ता है। यहां से स्वर्गोहिनी चोटियों के अद्भुत दृश्य दिखाई देते हैं, और रुइनसारा ताल, एक ग्लेशियल झील, इस ट्रेक की खूबसूरती में और इज़ाफा करती है।
वन्यजीव: इस मार्ग पर आप हिमालयन मोनाल, ब्लैक ईगल, गोल्डन ईगल, और हिमालयन तहर जैसी प्रजातियाँ देख सकते हैं।
3. हर की दून ट्रेक
"हर की दून" का शाब्दिक अर्थ है "देवताओं की घाटी", और यह गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित एक शानदार घाटी है। यह ट्रेक आपको प्राचीन गांवों से होते हुए स्वर्गरोहिणी, बंदरपूंछ और ब्लैक पीक जैसी खूबसूरत चोटियों के दृश्य दिखाता है।
वन्यजीव: इस ट्रेक में आप हिमालयन मोनाल, कोखलास तीतर, हिमालयन ब्लैक बियर और मस्क डियर जैसी प्रजातियाँ देख सकते हैं।
4. फुलारा रिज ट्रेक
फुलारा रिज ट्रेक 12,150 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसमें हिमालय पर्वतमाला के लुभावने दृश्य देखने को मिलते हैं। इस मार्ग पर आपको खूबसूरत घास के मैदान, पुष्टारा और भोज गादी शिविर दिखाई देंगे, जो इस ट्रेक को और भी आकर्षक बनाते हैं।
वन्यजीव: यहां आपको रोडोडेंड्रोन, ओक, देवदार के पेड़ और हिमालयी काले भालू और कस्तूरी मृग जैसी वन्यजीव प्रजातियाँ मिल सकती हैं।
गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के खूबसूरत गांव
- सांकरीयह गांव 6,400 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के भीतर कई प्रसिद्ध ट्रेकों का मुख्य आधार है। यहां से स्वर्गरोहिणी, ब्लैक पीक और यमुनोत्री के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं।
- तालुकातालुका, सांकरी से 12 किमी दूर स्थित एक छोटा और सुंदर गांव है, जो हर की दून ट्रेक मार्ग पर स्थित है। यहां के पारंपरिक लकड़ी और पत्थर के घर इस गांव की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।
- ओसलाहर की दून ट्रेक का एक प्रमुख गांव ओसला, 2950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस गांव में पारंपरिक वास्तुकला के खूबसूरत घर देखने को मिलते हैं और यहां का सोमेश्वर महादेव मंदिर एक प्रमुख आकर्षण है।
- गंगाडगंगाड एक प्राचीन गांव है जो गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है। यहां की अद्भुत वास्तुकला और स्थानीय लोगों की मेहमाननवाजी आपको बहुत पसंद आएगी।
निष्कर्ष
गोविंद वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान न केवल अपनी अद्भुत जैव विविधता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां के ट्रेकिंग मार्ग भी साहसिक प्रेमियों के लिए एक अनूठा अनुभव प्रस्तुत करते हैं। चाहे वह हर की दून ट्रेक हो या बाली दर्रा की चुनौतीपूर्ण यात्रा, प्रत्येक ट्रेक क्षेत्र के अनगिनत पहलुओं को आपके सामने प्रस्तुत करता है। इन ट्रेकों के माध्यम से आप हिमालय की सुंदरता, वन्यजीवों और संस्कृति से गहरे जुड़ाव का अनुभव कर सकते हैं।
गोविंद वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान – FAQ
गोविंद वन्यजीव अभयारण्य कहां स्थित है?
- गोविंद वन्यजीव अभयारण्य उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय की ऊंची चोटियों पर और उत्तरकाशी शहर के पास स्थित है।
गोविंद वन्यजीव अभयारण्य में कितने ट्रेकिंग मार्ग हैं?
- गोविंद वन्यजीव अभयारण्य में कई प्रसिद्ध ट्रेकिंग मार्ग हैं, जिनमें केदारकांठा ट्रेक, बाली दर्रा ट्रेक, हर की दून ट्रेक और फुलारा रिज ट्रेक शामिल हैं।
केदारकांठा ट्रेक की ऊंचाई कितनी है?
- केदारकांठा ट्रेक की ऊंचाई 12,500 फीट है और यह सर्दियों में ट्रेकिंग के लिए एक प्रमुख गंतव्य है।
बाली दर्रा ट्रेक की विशेषता क्या है?
- बाली दर्रा ट्रेक 16,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह हर की दून घाटी को यमुनोत्री घाटी से जोड़ता है। यह ट्रेक अपनी चुनौतीपूर्ण प्रकृति और बर्फीले दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
हर की दून ट्रेक किसके लिए प्रसिद्ध है?
- हर की दून ट्रेक "देवताओं की घाटी" के रूप में जाना जाता है और यह गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित है। यह ट्रेक एक जीवंत घाटी से गुजरता है, जिसमें हिमालय के अद्भुत दृश्य मिलते हैं।
गोविंद वन्यजीव अभयारण्य में कौन से वन्यजीव पाए जाते हैं?
- गोविंद वन्यजीव अभयारण्य में हिमालयन मोनाल, रेड फॉक्स, हिमालयन ताहर, लंगूर, मैक्यू और कस्तूरी मृग जैसी प्रजातियां पाई जाती हैं।
सांकरी गांव की विशेषता क्या है?
- सांकरी गांव गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है और यह केदारकांठा ट्रेक, बाली दर्रा, फुलारा रिज और हर की दून ट्रेक के लिए एक प्रमुख आधार स्थल है। यहाँ से स्वर्गरोहिणी, ब्लैक पीक और गंगोत्री पर्वतों के अद्भुत दृश्य मिलते हैं।
तालुका और ओसला गांव की क्या विशेषताएं हैं?
- तालुका एक छोटा लेकिन सुंदर गांव है, जो हर की दून ट्रेक मार्ग पर स्थित है। ओसला गांव में पारंपरिक वास्तुकला और सोमेश्वर महादेव मंदिर स्थित है, जो इसे एक आकर्षक स्थल बनाता है।
गोविंद वन्यजीव अभयारण्य के ट्रेक्स को कब जाना सबसे अच्छा है?
- गोविंद वन्यजीव अभयारण्य के ट्रेक्स को सर्दियों (नवंबर से फरवरी) और गर्मियों (मार्च से जून) में जाना सबसे अच्छा है। इन मौसमों में ट्रेकिंग का अनुभव खास होता है और दृश्य शानदार होते हैं।
गोविंद वन्यजीव अभयारण्य में कौन से ट्रेक चुनौतीपूर्ण हैं?
- बाली दर्रा ट्रेक और केदारकांठा ट्रेक को चुनौतीपूर्ण ट्रेक्स के रूप में जाना जाता है। इन ट्रेक्स में ऊंचाई और कठिन रास्ते होते हैं, जो साहसी ट्रेकरों के लिए आदर्श होते हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें