बागेश्वर जिले के प्रमुख तीर्थ एवं ऐतिहासिक स्थल (Major pilgrimage and historical places of Bageshwar district)
बागेश्वर जिले के प्रमुख तीर्थ एवं ऐतिहासिक स्थल
बागेश्वर जिला, उत्तराखंड का एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, जो अपने प्राचीन मंदिरों और प्राकृतिक स्थलों के लिए जाना जाता है। यहाँ के कुछ महत्वपूर्ण तीर्थ और स्थानों का विवरण निम्नलिखित है:
1. बागनाथ मंदिर
- विवरण: बागेश्वर का नाम इसी प्राचीन मंदिर के नाम पर पड़ा। शिव पुराण में इसका उल्लेख है और कहा जाता है कि भगवान शंकर के प्रियगण चंडीश ने इस क्षेत्र की नीलेश्वर और भीलेश्वर पहाड़ियों पर कई देवी-देवताओं को स्थापित किया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और जिले के सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
2. बैजनाथ मंदिर समूह
- विवरण: 1150 ई. के आसपास कत्यूरी शासकों द्वारा स्थापित, यह मंदिर समूह गोमती और गरुड़ गंगा के संगम पर स्थित है। इसे प्राचीन कार्तिकेयपुर भी कहा जाता था। इस समूह में 26 मंदिर हैं, जो भव्य शिल्प कला का अद्भुत उदाहरण हैं।
3. कोट भ्रामरी देवी मंदिर
- विवरण: देवी दुर्गा के भ्रमर अवतार को समर्पित यह मंदिर डंगोली में स्थित है। यहां देवी की पूजा दुर्गा के विशेष रूप के रूप में की जाती है। पास ही गड़ेशर गांव में बद्रीनाथ मंदिर समूह भी स्थित है।
4. गागरी गोल
- विवरण: गोमती नदी के तट पर स्थित यह स्थान भी धार्मिक महत्व का है और आसपास के लोग इसे एक पवित्र स्थल मानते हैं।
5. तैलीहाट
- विवरण: कत्यूर वंश के प्राचीन और प्रमुख गांवों में से एक, तैलीहाट अपनी प्राचीन मूर्तियों, मंदिरों, नौलों, और भवनों के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह प्राचीन कत्यूर शैली की शिल्पकला का सुंदर उदाहरण है।
6. बदरीनाथ मंदिर समूह
- विवरण: गढ़सेर क्षेत्र में स्थित, यह मंदिर समूह 14वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह स्थल चतुर्भुजीय विष्णु की भव्य प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है और भक्तों के बीच धार्मिक महत्व रखता है।
7. खाड़ेश्वर बाबा मंदिर
- विवरण: इसे बदेशियर मंदिर भी कहा जाता है। यह एक प्रसिद्ध स्थल है जहाँ भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।
8. नौलिंग देव मंदिर
- विवरण: कपकोट के पास स्थित यह मंदिर, सनगाड़ गांव में भगवान नारायण के पुत्र के रूप में पूजित है और स्थानीय निवासियों की आस्था का केंद्र है।
9. काशिल देव मंदिर
- विवरण: यह कपकोट में स्थित है और इसके पास बाण देवता एवं माता भगवती का मंदिर भी है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
10. श्री गुरु गोरखनाथ जी मंदिर
- विवरण: चिरपतकोट चोटी पर स्थित, यह मंदिर गुरु गोरखनाथ को समर्पित है और यहां विशेष रूप से शिवरात्रि के समय श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।
11. शिखर मंदिर
- विवरण: शिखर पर्वत पर स्थित यह मंदिर भगवान नारायण को समर्पित है और एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यहां से पूरे क्षेत्र का भव्य दृश्य दिखाई देता है।
12. भद्रकाली मंदिर
- विवरण: यह शक्तिपीठ भद्रकाली गाँव में स्थित है और कालीमठ के समान शक्तिपीठ के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहां देवी काली की विशेष पूजा की जाती है।
13. मुहोली का शिवालय
- विवरण: सनेती और किरोली गांवों के मध्य स्थित, यह शिवालय एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक स्थल है।
14. नाकुरी क्षेत्र
- विवरण: यह क्षेत्र फेणी नाग, शिखर नाग, और हरी नाग पर्वतों के मध्य स्थित है और नाग के फन के आकार का प्रतीत होता है। यह क्षेत्र नाग देवताओं की पूजा के लिए प्रसिद्ध है।
जिले के प्रमुख नाग मंदिर
- अन्य नाग मंदिर: काली नाग, पिंगई नाग, बेरीनाग, बासुकी नाग, धौली नाग, फेणी नाग, हरी नाग आदि भी जिले के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं और नाग पूजा के महत्वपूर्ण स्थान माने जाते हैं।
बागेश्वर जिले की प्रमुख गुफाएं
- जोगावाड़ी शिव गुफा, कांडा
- व्यास गुफा, भनार, कपकोट
- भद्रकाली गुफा, काण्डा
- छुकोरी डाना लघु उडियार
- गौरी उडियार
बागेश्वर जिले के इन मंदिरों, गुफाओं, और ऐतिहासिक स्थलों का धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है। यह स्थल अपने अनोखे निर्माण, धार्मिक मान्यताओं, और लोक आस्था के कारण न केवल उत्तराखंड में बल्कि देशभर में प्रसिद्ध हैं।
FAQ (Frequently Asked Questions)
1. बागेश्वर का नामकरण कैसे हुआ?
- बागेश्वर का नाम बागनाथ मंदिर के नाम पर पड़ा है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इसे पहले "वागेश्वर" कहा जाता था, जिसका अर्थ "वाक् ईश्वर" होता है।
2. बागनाथ मंदिर का क्या महत्व है?
- बागनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है और जिले का नाम भी इसी मंदिर के नाम पर रखा गया है। यह धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है।
3. बैजनाथ मंदिर समूह की क्या विशेषता है?
- बैजनाथ मंदिर समूह कत्यूरी शासकों द्वारा 1150 ई. में निर्मित है और गोमती एवं गरुड़ गंगा के संगम पर स्थित है। इसमें 26 मंदिर शामिल हैं, जो शिल्प कला का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
4. कोट भ्रामरी मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
- कोट भ्रामरी मंदिर देवी दुर्गा के भ्रमर अवतार को समर्पित है। इसे भ्रामरी देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और यह डंगोली में स्थित है।
5. गागरी गोल किसलिए प्रसिद्ध है?
- गागरी गोल गोमती नदी के तट पर स्थित एक पवित्र स्थल है, जिसे स्थानीय निवासियों द्वारा धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।
6. तैलीहाट का क्या महत्व है?
- तैलीहाट कत्यूर वंश के प्राचीन और प्रमुख गांवों में से एक है, जो अपने मंदिरों, भवनों और मूर्तियों की प्राचीन कत्यूर शैली की शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध है।
7. शिखर मंदिर की क्या विशेषता है?
- शिखर पर्वत पर स्थित यह मंदिर भगवान नारायण को समर्पित है और यहां से पूरे क्षेत्र का भव्य दृश्य देखा जा सकता है।
8. भद्रकाली मंदिर का धार्मिक महत्व क्या है?
- भद्रकाली मंदिर को कालीमठ के समान एक शक्तिपीठ माना जाता है। यह मंदिर भद्रकाली गांव में स्थित है और यहां देवी काली की पूजा की जाती है।
9. बागेश्वर जिले में कौन-कौन से नाग मंदिर हैं?
- बागेश्वर में कई नाग मंदिर हैं जैसे काली नाग, पिंगई नाग, बेरीनाग, बासुकी नाग, धौली नाग, फेणी नाग, और हरी नाग। ये सभी नाग देवताओं की पूजा के लिए प्रसिद्ध हैं।
10. जिले में प्रमुख गुफाएं कौन-कौन सी हैं?
- बागेश्वर जिले में प्रमुख गुफाएं हैं:
- जोगावाड़ी शिव गुफा (कांडा में)
- व्यास गुफा (भनार, कपकोट में)
- भद्रकाली गुफा (काण्डा में)
- छुकोरी डाना लघु उडियार
- गौरी उडियार
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