फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Valley of Flowers National Park)

 फूलों की घाटी(Velly of Flower National Park)

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Valley of Flowers National Park)

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक अद्भुत स्थल है, जो अपनी अद्वितीय जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसे यूनेस्को द्वारा 14 जुलाई 2005 को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। इस लेख में फूलों की घाटी का इतिहास, भूगोल, जैव विविधता, और इसे देखने का सही समय बताया गया है।


मुख्य जानकारी:

  • स्थापना: 1982
  • स्थिति: चमोली, उत्तराखंड
  • क्षेत्रफल: 87.5 वर्ग किमी
  • मुख्यालय: जोशीमठ
  • उच्चता: समुद्र तल से 3600 मीटर

इतिहास और खोज

फूलों की घाटी की खोज 1931 में ब्रिटिश पर्वतारोहियों फ्रैंक स्माइथ और उनके मित्र आर.एल. होल्डसवर्थ ने की थी। उन्होंने इसे "फूलों की घाटी" नाम दिया और 1938 में इसी नाम से एक पुस्तक प्रकाशित की।

1939 में, जीव वैज्ञानिक मार्गरेट लेग ने यहां शोध किया। उनका निधन फूलों की खोज करते समय हुआ, और उनकी याद में घाटी में एक स्मारक स्थापित किया गया।



भूगोल और विशेषताएँ

फूलों की घाटी नर और गंधमादन पर्वतों के बीच स्थित है। इस क्षेत्र में पुष्पावती नदी बहती है, जो कामेट पर्वत से निकलती है।

  • प्राकृतिक झीलें: लिंगाताल (आंछरी ताल)
  • पर्वत: गौरी पर्वत (ऊंचाई 6719 मीटर)

यह घाटी जुलाई से अक्टूबर तक अपने फूलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां लगभग 500 प्रजातियों के फूल खिलते हैं।


जैव विविधता

  • फूल: ब्रह्मकमल, मेकोनोप्सिस बेटोनिसिफोलिया, ब्लूबेल्स
  • वन्यजीव: कस्तूरी मृग, एशियाई काले भालू, बर्फीला तेंदुआ, नीली भेड़
  • खतरा: नटग्रास और अमेला घास जैसी आक्रामक प्रजातियां

धार्मिक और साहित्यिक महत्व

  • पुराणों में: स्कंदपुराण में इसे नंदकानन कहा गया है।
  • कालिदास का वर्णन: महाकवि कालिदास ने इसे अलका नाम दिया है।
  • स्थानीय नाम: द्वारीखर्क
  • स्वर्गीय उपवन: इसे स्वर्ग में इंद्र का उपवन माना जाता है।

फूलों की घाटी तक कैसे पहुंचे?

  1. निकटतम शहर: जोशीमठ
  2. यात्रा मार्ग:
    • हरिद्वार/देहरादून से जोशीमठ तक बस या टैक्सी।
    • जोशीमठ से गोविंदघाट।
    • गोविंदघाट से 14 किमी ट्रेक कर घांघरिया पहुंचें।
    • घांघरिया से 3 किमी ट्रेक कर फूलों की घाटी पहुंच सकते हैं।

वनस्पति और पर्यावरण

फूलों की घाटी में अल्पाइन पौधों की 520 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह क्षेत्र एशिया के दुर्लभ और लुप्तप्राय वनस्पतियों और जीव-जंतुओं का घर है।


पर्यटन और ट्रेकिंग

फूलों की घाटी पर्यटकों और ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। मानसून के दौरान, घाटी विभिन्न रंगों के फूलों से ढक जाती है।


देखने का सही समय

  • जुलाई से अक्टूबर: इस दौरान घाटी में फूल अपनी पूर्ण सुंदरता में खिलते हैं।
  • तापमान: अधिकतम 19°C (गर्मियों में)

निष्कर्ष

फूलों की घाटी सिर्फ एक पर्यटक स्थल नहीं, बल्कि यह प्रकृति की एक अद्वितीय धरोहर है। यहां की जैव विविधता, प्राकृतिक सुंदरता, और धार्मिक महत्व इसे एक अद्वितीय स्थान बनाते हैं।

यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं या अद्वितीय ट्रेकिंग अनुभव चाहते हैं, तो फूलों की घाटी आपकी यात्रा सूची में अवश्य होनी चाहिए।

FAQs: फूलों की घाटी (Valley of Flowers)

Q1: फूलों की घाटी कहाँ स्थित है?

Ans: फूलों की घाटी उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। यह समुद्र तल से लगभग 3600 मीटर की ऊंचाई पर नर और गंधमादन पर्वत के बीच स्थित है।

Q2: फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना कब हुई थी?

Ans: फूलों की घाटी को 1982 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था।

Q3: फूलों की घाटी में कौन-सी नदी बहती है?

Ans: फूलों की घाटी के मध्य से पुष्पावती नदी बहती है, जो कामेट पर्वत के पुष्पतोया ताल से निकलती है।

Q4: फूलों की घाटी का क्या ऐतिहासिक महत्व है?

Ans: फूलों की घाटी की खोज 1931 में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक स्माइथ और उनके मित्र होल्डसवर्थ ने की थी। 1938 में फ्रैंक स्माइथ ने "Valley of Flowers" नामक एक पुस्तक लिखी, जो इस घाटी को विश्वभर में प्रसिद्ध करने में सहायक हुई।

Q5: फूलों की घाटी में किस प्रकार की जैव विविधता पाई जाती है?

Ans: फूलों की घाटी में लगभग 500 प्रकार के फूल खिलते हैं, जिनमें ब्रह्मकमल, मेकोनोप्सिस बेटोनिसिफोलिया, और अन्य दुर्लभ फूल शामिल हैं। यहां कस्तूरी मृग, एशियाई काला भालू, और तेंदुए जैसे वन्यजीव भी पाए जाते हैं।

Q6: फूलों की घाटी में फूल कब खिलते हैं?

Ans: फूलों की घाटी में फूल जुलाई के पहले सप्ताह से अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक खिलते हैं।

Q7: फूलों की घाटी का धार्मिक और पौराणिक महत्व क्या है?

Ans: स्कंदपुराण में इसे "नंदकानन" कहा गया है और कालिदास ने "मेघदूत" में इसे "अलका" नाम दिया है। इसे स्वर्ग में इंद्र का उपवन भी माना गया है।

Q8: फूलों की घाटी तक कैसे पहुंचा जा सकता है?

Ans:

  • सड़क मार्ग: हरिद्वार या देहरादून से जोशीमठ और फिर गोविंदघाट तक सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं।
  • ट्रेक: गोविंदघाट से घांघरिया तक 14 किमी का ट्रेक और फिर घांघरिया से 3 किमी का ट्रेक करके घाटी तक पहुंचा जा सकता है।

Q9: फूलों की घाटी का क्षेत्रफल कितना है?

Ans: फूलों की घाटी का क्षेत्रफल 87.5 वर्ग किलोमीटर है।

Q10: फूलों की घाटी को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में कब शामिल किया गया?

Ans: फूलों की घाटी को 14 जुलाई 2005 को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता मिली।

Q11: फूलों की घाटी में पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण क्या हैं?

Ans:

  • 500 से अधिक प्रकार के रंग-बिरंगे फूल।
  • पुष्पावती नदी।
  • मार्गरेट लेग्स की समाधि।
  • कस्तूरी मृग और अन्य दुर्लभ वन्यजीव।
  • ब्रह्मकमल जैसे दुर्लभ फूल।

Q12: फूलों की घाटी जाने का सबसे अच्छा समय कौन-सा है?

Ans: फूलों की घाटी जाने का सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर के बीच है, जब फूल पूरी तरह खिले होते हैं।

Q13: क्या फूलों की घाटी में कैंपिंग की अनुमति है?

Ans: नहीं, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर कैंपिंग की अनुमति नहीं है। पर्यटक घांघरिया में रुक सकते हैं।

Q14: फूलों की घाटी के संरक्षण के लिए कौन-कौन से कदम उठाए गए हैं?

Ans: फूलों की घाटी को 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया और 2005 में इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया। पार्क में अनुसंधान और संरक्षण के लिए विशेष अध्ययन किए गए हैं।

Q15: फूलों की घाटी में किस प्रकार की घास घाटी के लिए खतरा पैदा कर रही है?

Ans: अमेला और नटग्रास (पॉलीगोनम) जैसी घास फूलों की घाटी के पारिस्थितिक तंत्र के लिए खतरा पैदा कर रही है।

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