उत्तराखण्ड में वन-सम्पदा
उत्तराखण्ड का वन क्षेत्र भारत के प्रमुख वन क्षेत्रों में से एक है। राज्य के लगभग 71.5% भौगोलिक क्षेत्र में वन क्षेत्र स्थित है, जो न केवल राज्य की पर्यावरणीय स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक और आर्थिक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। उत्तराखण्ड में वन क्षेत्र का प्रबंधन विभिन्न विभागों द्वारा किया जाता है और यह क्षेत्र विविध वनस्पतियों, औषधीय पौधों और जीवों से भरपूर है।
उत्तराखण्ड में वनों की भौगोलिक स्थिति
उत्तराखण्ड में वन क्षेत्र का प्रबंधन विभिन्न वर्गों में किया जाता है:
- सुरक्षित वन: 64.6%
- सिविल-सोयम वन: 26.2%
- पंचायती वन: 8.4%
- शेष वन क्षेत्र: व्यक्तिगत, नगर क्षेत्रों तथा कैंटोनमेंट बोर्ड के अधीन है।
इस प्रकार, उत्तराखण्ड के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 71.5% भाग वन क्षेत्र है, जो राज्य की जैव विविधता और पर्यावरणीय स्थिति को बनाए रखने में मदद करता है।
वनों के प्रबंधन और वन उत्पादों का उपयोग
उत्तराखण्ड में वन पंचायत व्यवस्था के तहत वनों के प्रबंधन एवं वन उत्पादों के उपयोग का अधिकार ग्राम पंचायतों को दिया गया है। इससे स्थानीय समुदायों को न केवल आय का स्रोत मिलता है, बल्कि वे वनों के संरक्षण में भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
वन क्षेत्र का विस्तृत आंकड़ा
इण्डिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2017 के अनुसार उत्तराखण्ड में कुल 53,483 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वन क्षेत्र स्थित है, जिसमें से 24,303.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वन हैं।
प्रमुख जिलों में वन क्षेत्र
उत्तराखण्ड में जिलों के हिसाब से वन क्षेत्र का वितरण निम्नलिखित है:
जिला | भौगोलिक क्षेत्रफल (वर्ग किमी) | कुल वन क्षेत्र (वर्ग किमी) |
---|---|---|
अल्मोड़ा | 3144 | 1719.14 |
बागेश्वर | 2241 | 1262.69 |
चमोली | 8030 | 2709.43 |
चम्पावत | 1766 | 1225.55 |
देहरादून | 3088 | 1608.69 |
पौड़ी गढ़वाल | 5329 | 3394.99 |
हरिद्वार | 2360 | 585.25 |
नैनीताल | 4251 | 3041.56 |
पिथौरागढ़ | 7090 | 2079.80 |
रुद्रप्रयाग | 1984 | 1142.17 |
टिहरी गढ़वाल | 3642 | 2065.98 |
उधमसिंह नगर | 2542 | 30431.79 |
उत्तरकाशी | 8016 | 3036.00 |
उत्तराखण्ड में वनों के प्रकार
उत्तराखण्ड में विभिन्न प्रकार के वन पाए जाते हैं, जिनकी भौगोलिक स्थिति और ऊंचाई के आधार पर उनका वर्गीकरण किया जाता है:
- उपोष्ण कटिबन्धीय वन: इन वनों में साल, शीशम, सेमल, हल्दू, जामुन और खैर जैसे वृक्ष पाए जाते हैं।
- उष्णकटिबन्धीय शुष्क वन: ये वनों में सेमल, गूलर, जामुन और बेर जैसी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- मानसूनी वन: यह क्षेत्र उष्णकटिबन्धीय आर्द्र पतझड़ वनों के अंतर्गत आता है, जो मानसून के दौरान पत्तियाँ गिराता है।
- कोणधारी वन: 900 से 1,800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इन वनों में चीड़ मुख्य वृक्ष है।
- पर्वतीय शीतोष्ण वन: 700 मीटर से कम ऊँचाई पर पाए जाने वाले इन वनों में स्यूस, बाँज, सिल्वर फर और साइप्रस जैसी प्रजातियाँ होती हैं।
उत्तराखण्ड के प्रमुख घास के मैदान एवं अल्पाइन पहाड़ियाँ
उत्तराखण्ड में बुग्याल (घास के मैदान) राज्य का एक अनमोल खजाना हैं। ये मैदान 3,800 मीटर से 4,200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं और यहाँ बुग्यालों की एक अनूठी श्रृंखला पाई जाती है। इनमें प्रमुख बुग्याल जैसे बेदनी बुग्याल, औली, सतोपंथ, राज खर्क, हर की दून, और चोपता शामिल हैं। ये स्थान न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं, बल्कि इन स्थानों का सांस्कृतिक और पारिस्थितिकीय महत्व भी है।
उत्तराखण्ड के प्रमुख औषधीय पौधे
उत्तराखण्ड में औषधीय पौधों की विविधता भी बहुत है, जो न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पारंपरिक उपचार विधियों में भी इनका उपयोग किया जाता है। यहाँ पर पाए जाने वाले प्रमुख औषधीय पौधों में भीमल, किलमोड़ा, बिच्छू घास, और गिलोय जैसी प्रजातियाँ शामिल हैं। इनका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है।
निष्कर्ष
उत्तराखण्ड का वन क्षेत्र न केवल राज्य की जैव विविधता और पारिस्थितिकीय संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि यहाँ के स्थानीय समुदायों के जीवन यापन और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वनों का संरक्षण और इनके संसाधनों का स्थायी उपयोग राज्य के लिए आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इसका लाभ मिलता रहे।
FAQ (Frequently Asked Questions)
1. उत्तराखंड में कुल कितने प्रतिशत क्षेत्र पर वन क्षेत्र फैला है?
- उत्तराखंड में कुल भौगोलिक क्षेत्र का 71.5% भाग वन क्षेत्र में है।
2. उत्तराखंड में वनों का प्रबंधन कैसे किया जाता है?
- उत्तराखंड में वनों का प्रबंधन विभिन्न श्रेणियों में किया जाता है जैसे:
- सुरक्षित वन: 64.6%
- सिविल-सोयम वन: 26.2%
- पंचायती वन: 8.4%
- शेष वन क्षेत्र निजी, नगर और कैंटोनमेंट बोर्ड के अधीन है।
3. भारत स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2017 के अनुसार उत्तराखंड में कितने वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है?
- रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में 53,483 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वन क्षेत्र स्थित है, जो कुल क्षेत्रफल का 24,303.04 वर्ग किलोमीटर है।
4. उत्तराखंड के किस जिले में सबसे अधिक और सबसे कम वन क्षेत्र है?
- सर्वाधिक वन क्षेत्र: पौड़ी गढ़वाल
- न्यूनतम वन क्षेत्र: ऊधमसिंह नगर
5. उत्तराखंड में कौन से प्रमुख वन प्रकार पाए जाते हैं?
- उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार के वन पाए जाते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- उष्णकटिबंधीय शुष्क वन
- उष्णकटिबंधीय आर्द्र पतझड़ वन (मानसूनी वन)
- कोणधारी वन (मुख्यतः चीड़ के वृक्ष)
- पर्वतीय शीतोष्ण वन (सिल्वर फर, बाँज आदि)
- उप-अल्पाइन वन (ब्लू पाइन, बर्च आदि)
- अल्पाइन वनस्पति (जूनिफर, विलो आदि)
6. उत्तराखंड के प्रमुख बुग्याल कौन से हैं?
- उत्तराखंड में प्रमुख बुग्याल क्षेत्रों में शामिल हैं:
- बेदनी बुग्याल (चमोली)
- औली बुग्याल (जोशीमठ)
- सतोपंथ बुग्याल (चमोली)
- केदारकण्ठा बुग्याल (उत्तरकाशी)
- हर की दून (उत्तरकाशी)
7. उत्तराखंड में कौन से औषधीय पौधे पाए जाते हैं?
- उत्तराखंड में कई औषधीय पौधे पाए जाते हैं, जैसे:
- भीमल: जिसका उपयोग हर्बल शैम्पू बनाने में किया जाता है।
- किलमोड़ा: नेत्र संबंधी उपचार में उपयोगी।
- बिच्छू घास (कण्डाली): यह पौधा यूरोपीय औषधियों में इस्तेमाल होता है।
8. उत्तराखंड के प्रमुख औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए कौन सा बोर्ड स्थापित किया गया है?
- औषधीय पौधों के संरक्षण एवं विकास के लिए औषधीय पादप बोर्ड का गठन किया गया है।
9. उत्तराखंड में वन उत्पादों का उपयोग किसे करने का अधिकार है?
- वन पंचायत व्यवस्था को वन उत्पादों का उपयोग करने का अधिकार है।
10. उत्तराखंड के किस क्षेत्र में वन भूमि की घाटियाँ पाई जाती हैं?
- उत्तराखंड में टाँस, कोसी और यमुना नदी घाटियाँ सर्वाधिक वन भूमि वाली घाटियाँ हैं।
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