अजय सिंह रावत - जीवनी और योगदान (Ajay Singh Rawat – Biography and Contributions)

अजय सिंह रावत - जीवनी और योगदान

जन्म तिथि: 1 सितंबर 1948
जन्म स्थान: ग्राम रावतसेरा, बेरीनाग, जिला पिथौरागढ़
शिक्षा: इतिहास में स्नातकोत्तर और पी.एच.डी
व्यवसाय: प्राध्यापक, लेखक, इतिहासविद

डॉ. अजय सिंह रावत एक ख्याति प्राप्त इतिहासविद, लेखक, पर्यावरण और वानिकी शोध के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के छोटे से गाँव रावतसेरा में जन्मे डॉ. रावत ने अपनी शिक्षा और शोध के माध्यम से न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है।


शैक्षिक पृष्ठभूमि और उपलब्धियां

डॉ. रावत ने कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल से इतिहास में स्नातकोत्तर और पी.एच.डी की उपाधि प्राप्त की। उनके मार्गदर्शन में अब तक 11 छात्रों ने इतिहास विषय में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। इसके अलावा, 100 से अधिक शोध और मौलिक ग्रंथों के लेखन में उनका निर्देशन शामिल है।

उन्हें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (यू.के.) में इतिहास विषय पर शोध सुपरवाइजर के रूप में नियुक्त किया गया था। यह सम्मान प्राप्त करने वाले वे उत्तराखंड के पहले इतिहासविद हैं। इस समय, उनके मार्गदर्शन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का पहला छात्र "हिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेस इन द हिमालयन रीजन" विषय पर शोध कर रहा है।


विशेष उपलब्धियां

  • इंटरनेशनल यूनियन ऑफ फॉरेस्ट रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन, वियना (ऑस्ट्रिया) के चेयरमैन पद पर नियुक्त होने वाले वे पहले भारतीय और एशियाई व्यक्ति हैं।
  • डेनवर विश्वविद्यालय (यू.एस.ए.) के संस्थापक जान इवान्स की स्मृति में पुरस्कार के प्रस्तावक बने। यह सम्मान पाने वाले वे विरले भारतीयों में से एक हैं।
  • 1991-1993 के दौरान, उन्होंने नेहरू स्मृति संग्रहालय और पुस्तकालय (तीन मूर्ति भवन, नई दिल्ली) में व्याख्याता के रूप में कार्य किया।
  • वे इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च, नई दिल्ली के वरिष्ठ व्याख्याता भी रहे।
  • कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे फॉरेस्ट हिस्ट्री सोसाइटी (यू.एस.ए.), इंटरनेशनल माउंटेन सोसाइटी, और इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस के आजीवन सदस्य हैं।

प्रकाशित कृतियां और लेखन कार्य

डॉ. रावत ने इतिहास, वानिकी और पर्यावरण पर गहन शोध किया है। उनकी प्रमुख प्रकाशित कृतियां हैं:

  1. हिस्ट्री ऑफ गढ़वाल (1358–1947)
  2. हिस्ट्री ऑफ इंडियन फॉरेस्ट्री (संपादित)
  3. मैन एंड फॉरेस्ट्स

उनकी पुस्तकों की समीक्षा अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है, जैसे:

  • जर्नल ऑफ इन्वायरनमेंटल हिस्ट्री रिव्यू (यू.एस.ए.)
  • जर्नल ऑफ फॉरेस्ट एंड कंजर्वेशन हिस्ट्री (यू.एस.ए.)

उनके लेख "माउंटेन रिसर्च एंड डेवलपमेंट" पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। उनके लेखों को लेकर संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल माउंटेन सोसाइटी ने कहा:
"Rarely do we receive such well-written articles even from this country and certainly not from India and Asia in general."


राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय योगदान

डॉ. रावत कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से जुड़े हुए हैं:

  • सेंट्रल हिमालयन एनवायरमेंटल रिहैबिलिटेशन एंड पीपुल्स एक्शन (शेरपा), लखनऊ के सदस्य।
  • इंस्टीट्यूट ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज, कलकत्ता की कार्यकारी परिषद के सदस्य।
  • WWF इंडिया की राज्य समिति के सदस्य।

वर्तमान पद

डॉ. अजय सिंह रावत वर्तमान में कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल के इतिहास विभाग में विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।


निष्कर्ष

डॉ. अजय सिंह रावत का जीवन और कार्य प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने इतिहास, वानिकी और पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी उपलब्धियां उत्तराखंड और भारत के लिए गौरव का विषय हैं।

संबंधित कृतियां:

  • हिस्ट्री ऑफ गढ़वाल (1358–1947)
  • मैन एंड फॉरेस्ट्स
  • हिस्ट्री ऑफ इंडियन फॉरेस्ट्री

टिप्पणी:
यदि आप डॉ. रावत के कार्यों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो उनकी पुस्तकें और शोध पत्र पढ़ना न भूलें।

Dr. Ajay Singh Rawat – FAQs

1. डॉ. अजय सिंह रावत कौन हैं?

डॉ. अजय सिंह रावत एक ख्याति प्राप्त इतिहासविद, लेखक, पर्यावरण और वानिकी शोध के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। वे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के रावतसेरा गाँव से हैं।


2. उनकी शिक्षा और शैक्षिक पृष्ठभूमि क्या है?

उन्होंने कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल से इतिहास में स्नातकोत्तर और पी.एच.डी की उपाधि प्राप्त की।


3. डॉ. रावत की प्रमुख उपलब्धियां क्या हैं?

  • कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (यू.के.) में इतिहास विषय पर शोध सुपरवाइजर।
  • इंटरनेशनल यूनियन ऑफ फॉरेस्ट रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन, वियना के चेयरमैन पद पर नियुक्त पहले भारतीय।
  • 11 छात्रों को पी.एच.डी कराने में मार्गदर्शन।
  • 100+ शोध और मौलिक ग्रंथ लिखे।

4. उन्होंने कौन-कौन सी पुस्तकें लिखी हैं?

  • हिस्ट्री ऑफ गढ़वाल (1358–1947)
  • मैन एंड फॉरेस्ट्स
  • हिस्ट्री ऑफ इंडियन फॉरेस्ट्री

5. उनके शोध और लेखन की समीक्षा कहाँ प्रकाशित हुई है?

उनकी पुस्तकों की समीक्षा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में हुई है:

  • जर्नल ऑफ इन्वायरनमेंटल हिस्ट्री रिव्यू (यू.एस.ए.)
  • जर्नल ऑफ फॉरेस्ट एंड कंजर्वेशन हिस्ट्री (यू.एस.ए.)

6. डॉ. रावत का अंतरराष्ट्रीय योगदान क्या है?

  • इंटरनेशनल माउंटेन सोसाइटी और फॉरेस्ट हिस्ट्री सोसाइटी (यू.एस.ए.) के सदस्य।
  • संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए लेखन।

7. डॉ. रावत वर्तमान में कहाँ कार्यरत हैं?

वे कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल के इतिहास विभाग में विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।


8. क्या उनकी कृतियों को भारत के बाहर भी मान्यता मिली है?

हाँ, उनके लेखन को संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल माउंटेन सोसाइटी ने बहुत सराहा है।


9. डॉ. रावत के शोध का मुख्य क्षेत्र क्या है?

  • इतिहास
  • पर्यावरण संरक्षण
  • वानिकी

10. उनकी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पहचान क्या है?

वे इंटरनेशनल यूनियन ऑफ फॉरेस्ट रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमैन पद पर नियुक्त होने वाले पहले एशियाई व्यक्ति हैं।


टिप्पणी:
डॉ. अजय सिंह रावत की पुस्तकें और लेख उनकी विद्वता और योगदान को समझने के लिए पढ़ना बेहद उपयोगी हैं।

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