अल्मोड़ा: कुमाऊं क्षेत्र की सांस्कृतिक राजधानी
उत्तराखंड का अल्मोड़ा न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका इतिहास भी काफी रोचक और दिलचस्प है। यह नगर कुमाऊं क्षेत्र का सांस्कृतिक केंद्र माना जाता है। आज हम आपको अल्मोड़ा के इतिहास, भूगोल, सांस्कृतिक धरोहर और प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
अल्मोड़ा का इतिहास: चंदवंशी राजा का योगदान
अल्मोड़ा का इतिहास करीब 500 साल पुराना है। यह नगर चंद वंश के राजा भीषम चंद द्वारा बसाया गया था। पहले इसका नाम आलमनगर था, जो बाद में अल्मोड़ा के रूप में प्रसिद्ध हुआ। कहा जाता है कि यहां एक विशेष प्रकार की झाड़ी पाई जाती है, जिसे "किल्मोड़ा" कहा जाता है। इस झाड़ी के नाम पर ही इस स्थान का नाम अल्मोड़ा पड़ा। स्थानीय लोग इसे किल्मोड़ और अल्मोड़ा को अल्मोड़ भी कहते हैं।
अल्मोड़ा का भौगोलिक परिचय
अल्मोड़ा कुमाऊं प्रभाग का एक प्रमुख जिला है, जो पिथौरागढ़, गढ़वाल, बागेश्वर और नैनीताल जिलों से घिरा हुआ है। यह नगर 3,139 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और समुद्रतल से 1,638 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अल्मोड़ा का स्थलाकृतिक ढांचा घोड़े की नाल की तरह है, जिसमें तालिफाट और सेलिफाट जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
अल्मोड़ा की स्थापना
अल्मोड़ा की स्थापना चंदवंश के राजा भीषम चंद ने की थी, जो 1560 में इस क्षेत्र में पहुंचे। राजा ने आलमनगर के पूर्वी हिस्से में खगमरा कोट पर अधिकार किया, और इसे अपनी राजधानी बनाने की योजना बनाई। लेकिन बाद में कत्यूरी राजा द्वारा राजा भीषमचंद की हत्या कर दी गई, और उनके पुत्र बालोकल्याणचंद ने इसे अपनी राजधानी के रूप में विकसित करना शुरू किया।
चंदवंश और अकबर से मित्रता
राजा रुद्रचंद के शासनकाल में चंदवंश ने मुग़ल सम्राट अकबर के साथ मित्रता स्थापित की थी, और इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में मल्ला महल का निर्माण हुआ। चंदवंश के शासनकाल के दौरान अल्मोड़ा एक प्रमुख नगर के रूप में विकसित हुआ।
अल्मोड़ा का पतन
1744-45 में अल्मोड़ा के पतन की शुरुआत हुई जब रुहेला सरदार अली मोहम्मद ने अल्मोड़ा पर हमला किया और यहां लूटपाट मचाई। लेकिन, कुछ समय बाद कल्याणचंद ने रुहेलों को हराकर अल्मोड़ा पर पुनः अपना कब्जा कर लिया। हालांकि, 1790 में अल्मोड़ा गोरखों और 1815 में अंग्रेजों के हाथों चला गया।
अल्मोड़ा की सांस्कृतिक धरोहर
अल्मोड़ा में कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरें हैं। यहां की पारंपरिक कला और शिल्प में तांबे के बर्तन और ऊनी कपड़े बनाने की विशेषता है। इसके अलावा, अल्मोड़ा का मल्ला महल, रामशिला मंदिर और बिन्सर का वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र की प्रमुख आकर्षण हैं।
अल्मोड़ा के प्रमुख दर्शनीय स्थल
मंदिर:
- नंदा देवी मंदिर
- जागेश्वर धाम मंदिर
- कसार देवी मंदिर
- कटारमल सूर्य मंदिर
- चितई गोलू देवता मंदिर
किले:
- खगमरा किला
- मल्लाताल किला
- लालमंडी किला
गुफ़ाएं:
- लख उडियार गुफ़ाएं
ब्राइट एंड कॉर्नर: यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
गोविंद बल्लभ पंत संग्रहालय: इतिहास प्रेमियों के लिए यह एक आदर्श स्थल है।
मां विध्यवासिनी बानड़ी देवी मंदिर: न्याय की देवी
अल्मोड़ा में स्थित मां विध्यवासिनी बानड़ी देवी मंदिर को न्याय की देवी का मंदिर माना जाता है। इस मंदिर में त्रिशक्ति रूप में मां देवी की पूजा होती है, और भक्त मानते हैं कि यहां दर्शन करने से उनकी सभी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। यह मंदिर अल्मोड़ा शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर लमगड़ा मार्ग पर स्थित है, और यहां पहाड़ी रास्तों से पैदल चढ़कर पहुंचा जाता है।
मंदिर की मान्यता
मां विध्यवासिनी बानड़ी देवी का मंदिर विशेष रूप से न्याय की देवी के रूप में पूजा जाता है। इसके पीछे एक प्राचीन कथा है जिसमें कहा जाता है कि जब चंद वंश के राजा बालोकल्याणचंद ने मां बाराही देवी का विसर्जन करना भूल गए, तो देवी ने उन्हें आदेश दिया कि वे मुझे यहां स्थापित करें। इसके बाद से यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन गया है।
निष्कर्ष
अल्मोड़ा न केवल कुमाऊं क्षेत्र की सांस्कृतिक राजधानी है, बल्कि यह धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यहां के प्राचीन मंदिर, किले, और प्राकृतिक सौंदर्य इसे पर्यटकों और भक्तों के लिए एक आदर्श स्थल बनाते हैं। अल्मोड़ा के बारे में जितना जानेंगे, उतना इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता का एहसास होगा।
Frequently Asked Questions (FQCs)
1. अल्मोड़ा का नाम 'अल्मोड़ा' क्यों पड़ा?
अल्मोड़ा का नाम किल्मोड़ा झाड़ी के नाम पर पड़ा, जो इस क्षेत्र में पाई जाती है। इसे स्थानीय लोग किल्मोड़ कहते हैं और इसीलिए यह नगर अल्मोड़ा के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
2. अल्मोड़ा का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
अल्मोड़ा का इतिहास लगभग 500 साल पुराना है। इसे चंदवंश के राजा भीषम चंद ने बसाया था और पहले इसे आलमनगर कहा जाता था। बाद में यह चंदवंश की राजधानी बन गया और इसका नाम अल्मोड़ा पड़ा।
3. अल्मोड़ा का भूगोल कैसा है?
अल्मोड़ा कुमाऊं प्रभाग का एक जिला है, जो समुद्रतल से 1,638 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक घोड़े की नाल के आकार के रिज पर स्थित है, जिसमें पूर्वी भाग को तालिफाट और पश्चिमी भाग को सेलिफाट कहा जाता है।
4. अल्मोड़ा की स्थापना कब हुई थी?
अल्मोड़ा की स्थापना चंदवंश के राजा भीषम चंद ने लगभग 500 साल पहले की थी, और तब इसे आलमनगर के नाम से जाना जाता था। इसके बाद यह चंदवंश की राजधानी बना।
5. क्या अल्मोड़ा में कोई प्रमुख मंदिर हैं?
अल्मोड़ा में कई प्रमुख मंदिर हैं, जिनमें नंदा देवी मंदिर, जागेश्वर धाम मंदिर, कसार देवी मंदिर और गणनाथ मंदिर शामिल हैं। इसके अलावा, मां विध्यवासिनी बानड़ी देवी मंदिर भी प्रसिद्ध है, जिसे न्याय की देवी के रूप में पूजा जाता है।
6. अल्मोड़ा में घूमने लायक प्रमुख स्थल कौन से हैं?
अल्मोड़ा में घूमने लायक जगहों में मल्ला महल, खगमरा किला, बिन्सर वन्यजीव अभयारण्य, गोविंद बल्लभ पंत संग्रहालय, और लख उडियार गुफाएं शामिल हैं। इसके अलावा, ब्राइट एंड कॉर्नर से सूर्योदय और सूर्यास्त के सुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं।
7. मां विध्यवासिनी बानड़ी देवी मंदिर की मान्यता क्या है?
मां विध्यवासिनी बानड़ी देवी मंदिर को न्याय की देवी के मंदिर के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं और वे परेशानियों से मुक्त हो जाते हैं। यह मंदिर विशेष रूप से नवरात्रि के समय में श्रद्धालुओं से भरा रहता है।
8. अल्मोड़ा में किसी किले या किलों का महत्व है?
हां, अल्मोड़ा में कई प्रसिद्ध किले हैं, जैसे खगमरा किला, मल्लाताल किला, लालमंडी किला और रायलाकोट किला। ये किले अल्मोड़ा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं।
9. अल्मोड़ा का 'अंधकार युग' क्या था?
अल्मोड़ा का 'अंधकार युग' 1744-45 के आसपास शुरू हुआ जब रुहेला सरदार अली मोहम्मद ने अल्मोड़ा पर आक्रमण किया और यहां लूटपाट मचाई। हालांकि कुछ समय बाद, कल्याणचंद ने रुहेलों को हराकर अल्मोड़ा पर फिर से अधिकार प्राप्त किया।
10. क्या अल्मोड़ा में कोई ऐतिहासिक किले हैं?
अल्मोड़ा में ऐतिहासिक किलों की एक लंबी सूची है, जैसे खगमरा किला, मल्लाताल किला, और लालमंडी किला। ये किले नगर की ऐतिहासिक महत्ता को दर्शाते हैं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
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