भैरव गढ़ी मंदिर – पौड़ी गढ़वाल के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक (Bhairav Garhi Temple – One of the famous temples of Pauri Garhwal)
भैरव गढ़ी मंदिर – पौड़ी गढ़वाल के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक
भैरव गढ़ी मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के कीर्तिखाल गांव की पहाड़ियों में स्थित है, जो समुद्र तल से लगभग 2400 मीटर की ऊंचाई पर है। यह मंदिर भगवान शिव के 14वें अवतार काल भैरव को समर्पित है। यहाँ पर नियमित रूप से कालनाथ भैरव देवता की पूजा की जाती है, और इस स्थान की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता बहुत ही ज्यादा है।
मंदिर का विशेष आकर्षण यह है कि इसे गढ़वाल के रक्षक या द्वारपाल के रूप में पूजा जाता है। भैरव गढ़ मंदिर को पहले लंगूर गढ़ के नाम से जाना जाता था और यह गढ़वाल के 52 गढ़ों में से एक है। भैरव गढ़ी मंदिर का इतिहास और इसके धार्मिक महत्व ने इसे उत्तराखंड के प्रमुख मंदिरों में शामिल कर दिया है।
भैरव गढ़ी मंदिर का प्रसाद और पूजा विधि
यहां पर कालनाथ भैरव देवता की पूजा की जाती है, और ऐसी मान्यता है कि देवता को काली चीज़ों का भोग अर्पित करना पसंद है। यही कारण है कि यहाँ प्रसाद के रूप में मंडुवे का आटा चढ़ाया जाता है। श्रद्धालु इस आटे को भैरव देवता को अर्पित करते हैं और फिर इसका प्रसाद ग्रहण करते हैं।
भैरव गढ़ी मंदिर के निकट प्रसिद्ध स्थान
लैंसडाउन: उत्तराखंड के प्रमुख हिल स्टेशनों में से एक लैंसडाउन भैरव गढ़ी मंदिर से लगभग 18 किमी दूर स्थित है। यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और यहाँ के सुंदर दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है।
गुमखाल: गुमखाल मार्केट प्रसिद्ध है और यहां से आपको हिमालय की मनोरम दृश्यावली दिखाई देती है। यहां से आप पारंपरिक खाद्य पदार्थ जैसे मंडुआ का आटा, झंगोरा, काफल (मौसमी जामुन), ऑर्गेनिक जूस और दालें भी खरीद सकते हैं।
हनुमान गढ़ी: यह स्थान भैरव गढ़ी मंदिर से 2 किमी की दूरी पर स्थित है, जहां हनुमान जी की पूजा की जाती है। यहां जुलाई से अगस्त तक एक माह लंबा उत्सव मनाया जाता है।
भैरव गढ़ी मंदिर में करने योग्य गतिविधियाँ
ट्रेकिंग: भैरव गढ़ी मंदिर की चढ़ाई 2 किमी की है, जो ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए एक रोमांचक अनुभव हो सकता है। मानसून के दौरान यहां के दृश्य अत्यंत आकर्षक होते हैं। इस ट्रैक के दौरान आप हिमालय की चोटियों और आसपास की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कर सकते हैं।
ध्यान: भैरव गढ़ी मंदिर एक आदर्श स्थान है जहां आप भक्ति और आध्यात्मिक उद्देश्य के लिए ध्यान कर सकते हैं। यहां की शांति और सकारात्मक ऊर्जा आपको मानसिक शांति और विश्राम प्रदान करती है।
आसपास के तीर्थ स्थल: यदि आप भैरव गढ़ी मंदिर की यात्रा पर हैं, तो आप पास के अन्य धार्मिक स्थलों का भी भ्रमण कर सकते हैं। इनमें हनुमान गढ़ी, नागदेव गढ़ी, महाबगढ़ मंदिर, और सिद्धबली मंदिर प्रमुख हैं।
भैरव गढ़ी मंदिर तक पहुंचने का तरीका
- स्थान: पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड
- निकटतम रेलवे स्टेशन: 40 किमी दूर कोटद्वार रेलवे स्टेशन
- निकटतम हवाई अड्डा: 157 किमी दूर जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून
- यात्रा मार्ग: कोटद्वार से कीर्तिखाल तक शेयर्ड टैक्सी और जीएमओयू प्राइवेट लिमिटेड की बसें उपलब्ध हैं। कीर्तिखाल से मंदिर तक लगभग 1.5 किमी का ट्रैक है।
यात्रा का सर्वोत्तम समय
भैरव गढ़ी मंदिर जाने का सर्वोत्तम समय जनवरी से जून और सितंबर से दिसंबर तक का है। इन महीनों के दौरान मौसम आदर्श होता है और सड़कें भी यात्रा के लिए सुरक्षित रहती हैं। यदि आप मानसून के दौरान यात्रा करने का विचार कर रहे हैं, तो आपको मौसम और सड़कों की स्थिति के बारे में अपडेट रहना चाहिए।
निष्कर्ष
भैरव गढ़ी मंदिर एक अद्भुत धार्मिक स्थल है, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी मनमोहक है। यहां की यात्रा निश्चित रूप से एक आध्यात्मिक और रोमांचक अनुभव होगी, जो आपको शांति और सुकून का अहसास कराएगी।
भैरव गढ़ी मंदिर (FAQs)
1. भैरव गढ़ी मंदिर कहाँ स्थित है?
भैरव गढ़ी मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के कीर्तिखाल गांव में स्थित है। यह समुद्र तल से लगभग 2400 मीटर की ऊंचाई पर है।
2. भैरव गढ़ी मंदिर किसे समर्पित है?
यह मंदिर भगवान शिव के 14वें अवतार काल भैरव को समर्पित है, जिन्हें गढ़वाल के रक्षक या द्वारपाल के रूप में पूजा जाता है।
3. यहां कौन सी पूजा विधि अपनाई जाती है?
यहां पर कालनाथ भैरव देवता की पूजा की जाती है। यह मान्यता है कि देवता को काली चीज़ें पसंद होती हैं, इसलिए प्रसाद में मंडुवे का आटा चढ़ाया जाता है।
4. भैरव गढ़ी मंदिर तक कैसे पहुँचा जा सकता है?
भैरव गढ़ी मंदिर तक पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार है, जो 40 किमी दूर है। आप कोटद्वार से शेयर्ड टैक्सी या जीएमओयू बस के माध्यम से कीर्तिखाल तक पहुंच सकते हैं। इसके बाद मंदिर तक 1.5 किमी की ट्रैकिंग करनी होती है।
5. भैरव गढ़ी मंदिर के पास कौन से प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं?
भैरव गढ़ी मंदिर के पास लैंसडाउन, गुमखाल, और हनुमान गढ़ी जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। आप इन स्थानों का भी दौरा कर सकते हैं।
6. भैरव गढ़ी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय कब है?
भैरव गढ़ी मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा समय जनवरी से जून और सितंबर से दिसंबर तक है। मानसून के दौरान यात्रा करने से पहले मौसम और सड़क की स्थिति के बारे में अपडेट लेना चाहिए।
7. क्या भैरव गढ़ी मंदिर में ट्रेकिंग की सुविधा है?
हाँ, भैरव गढ़ी मंदिर तक पहुँचने के लिए 2 किमी का ट्रैक है। यह ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए रोमांचक अनुभव हो सकता है, विशेष रूप से मानसून के दौरान यहां के दृश्य अद्भुत होते हैं।
8. क्या भैरव गढ़ी मंदिर में ध्यान करने की सुविधा है?
हाँ, भैरव गढ़ी मंदिर एक आदर्श स्थान है जहाँ आप ध्यान कर सकते हैं। यह स्थान भक्ति और आध्यात्मिकता के लिए उपयुक्त है, जहां आपको सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है।
9. क्या भैरव गढ़ी मंदिर के पास अन्य धार्मिक स्थल हैं?
हाँ, भैरव गढ़ी मंदिर के पास कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं, जिनमें हनुमान गढ़ी, नागदेव गढ़ी, महाबगढ़ मंदिर, और सिद्धबली मंदिर प्रमुख हैं।
10. भैरव गढ़ी मंदिर का इतिहास क्या है?
भैरव गढ़ी मंदिर पहले लंगूर गढ़ के नाम से जाना जाता था और यह गढ़वाल के 52 गढ़ों में से एक है। इसे गढ़वाल के रक्षक के रूप में पूजा जाता है, और इसकी धार्मिक महत्ता बहुत अधिक है।
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