देहरादून का बुद्धा टेंपल: यहां आते दुनियाभर के लोग, जानिए कब और क्यों हुआ इसका निर्माण (Buddha Temple in Dehradun)

देहरादून का बुद्धा टेंपल: यहां आते दुनियाभर के लोग, जानिए कब और क्यों हुआ इसका निर्माण

देहरादून के क्लेमेनटाउन में स्थित बुद्धा टेंपल, जिसे मिंड्रोलिंग मोनेस्ट्री के नाम से भी जाना जाता है, देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के बीच एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन चुका है। इसकी विशालता और अद्भुत वास्तुकला पर्यटकों को आकर्षित करती है। इस मंदिर का निर्माण 1965 में शुरू हुआ था और यहां भगवान बुद्ध के साथ गुरु पद्मसंभव की विशाल प्रतिमाएं स्थापित हैं। मठ के अंदर बुद्ध की 103 फीट ऊंची प्रतिमा है, जो दूर से ही दिखाई देती है और श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है।

बुद्धा टेंपल की स्थापना और इतिहास

बुद्धा टेंपल की स्थापना 1965 में खोछेन रिनपोछे ने की थी। यह मठ तिब्बती बौद्ध धर्म के निंग्मा स्कूल के अंतर्गत आता है। इस मंदिर के निर्माण में 50 से अधिक कलाकारों ने तीन साल तक मेहनत की थी, और इस प्रक्रिया में मंदिर का अद्भुत गोल्डन रंग प्राप्त हुआ। यह मंदिर भारत के सबसे बड़े बौद्ध केंद्रों में से एक है और भारत में तिब्बती समुदाय का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बन चुका है।

इस मंदिर में भगवान बुद्ध के अलावा गुरु पद्मसंभव की विशाल प्रतिमा भी स्थापित की गई है। यहां का सबसे बड़ा आकर्षण भगवान बुद्ध की 103 फीट ऊंची प्रतिमा है, जो पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए श्रद्धा का केंद्र बनी हुई है।

मंदिर का स्थान और पहुंच

क्लेमेनटाउन में स्थित बुद्धा टेंपल देहरादून के आईएसबीटी (इंटर स्टेट बस टर्मिनल) से सात किलोमीटर दूर है। यहां तक पहुंचने के लिए आप विक्रम या आटो रिक्शा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस स्थल पर सुबह से ही दर्शन करने के लिए लोग पहुंचने लगते हैं, लेकिन शाम के समय यहां ज्यादा भीड़ होती है।

मंदिर के परिसर में हरियाली से घिरी कुर्सियां लगी हैं, जहां आप आराम से बैठकर शांति का अनुभव कर सकते हैं और तस्वीरें भी खींच सकते हैं। मंदिर के बाहर सड़क किनारे कई खाने-पीने की दुकानें भी हैं, जहां आप अपनी पसंदीदा चीजें खा सकते हैं।

मंदिर का वास्तुकला और प्रमुख आकर्षण

बुद्धा टेंपल की वास्तुकला बहुत ही आकर्षक है और इसे जापानी शैली में डिज़ाइन किया गया है। यहां का सबसे प्रमुख आकर्षण है "महान स्तूप", जिसकी ऊंचाई 220 फीट और चौड़ाई 100 फीट है, और यह एशिया का सबसे बड़ा स्तूप है। इसके अलावा, मठ के अंदर भगवान बुद्ध की 130 फीट ऊंची प्रतिमा और गुरु पद्मसंभव की मूर्तियां स्थित हैं।

माइंड्रोलिंग मठ की यात्रा के सर्वोत्तम समय

मठ की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून तक होता है, क्योंकि इस समय मौसम सुहावना और खुशनुमा रहता है। इसके अलावा, आप यहां साल भर यात्रा कर सकते हैं, लेकिन सर्दियों में हल्का शॉल रखना अच्छा रहेगा क्योंकि शाम को ठंड बढ़ जाती है।

बुद्धा टेंपल का प्रवेश शुल्क और समय

मंदिर में प्रवेश शुल्क निःशुल्क है, और यहां दर्शन का समय सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक होता है। गर्मी के मौसम में यहां सुबह 8:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक, और फिर 2:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक मंदिर खुला रहता है। सर्दी के मौसम में मंदिर का समय थोड़ा बदलता है, लेकिन अन्य सुविधाएं लगातार खुली रहती हैं।

बुद्धा टेंपल तक कैसे पहुंचें

माइंड्रोलिंग मठ देहरादून के आईएसबीटी से 4 किलोमीटर और रेलवे स्टेशन से 9 किलोमीटर दूर स्थित है। आप आसानी से यहां तक ऑटो या स्थानीय बस से पहुंच सकते हैं। जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से मठ की दूरी 31 किलोमीटर है।

निष्कर्ष

देहरादून का बुद्धा टेंपल न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह एक शांतिपूर्ण वातावरण में प्रकृति और संस्कृति का अद्भुत संगम भी है। अगर आप देहरादून यात्रा पर हैं, तो इस मंदिर का दौरा करना एक अनिवार्य अनुभव होगा। यहां आने से आपको न केवल बौद्ध धर्म के बारे में जानकारी मिलेगी, बल्कि आपको एक शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव भी होगा।

 Frequently Asked Questions (FQCs)

1. बुद्धा टेंपल (माइंड्रोलिंग मठ) कहां स्थित है?

  • उत्तर: बुद्धा टेंपल, जिसे माइंड्रोलिंग मठ भी कहा जाता है, देहरादून के क्लेमेनटाउन क्षेत्र में स्थित है। यह देहरादून आईएसबीटी से लगभग 4 किलोमीटर दूर है।

2. बुद्धा टेंपल का निर्माण कब हुआ था?

  • उत्तर: इस मठ का निर्माण 1965 में खोछेन रिनपोछे द्वारा किया गया था।

3. मठ में किस प्रकार की मूर्तियां हैं?

  • उत्तर: मठ में भगवान बुद्ध और गुरु पद्मसंभव की विशाल मूर्तियां हैं, जिसमें भगवान बुद्ध की 103 फीट ऊंची मूर्ति प्रमुख आकर्षण है।

4. मठ का प्रवेश शुल्क क्या है?

  • उत्तर: बुद्धा टेंपल में प्रवेश निःशुल्क है।

5. मठ में दर्शन के समय क्या होते हैं?

  • उत्तर: मठ में दर्शन का समय सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक है, और मौसम के अनुसार समय में थोड़ी सी तब्दीली हो सकती है। गर्मियों में मंदिर सुबह 8 बजे से खुलता है, जबकि सर्दियों में समय में थोड़ा अंतर हो सकता है।

6. बुद्धा टेंपल तक कैसे पहुंचा जा सकता है?

  • उत्तर: आप देहरादून आईएसबीटी से विक्रम या ऑटो के जरिए आसानी से बुद्धा टेंपल तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, आप निजी वाहन का भी उपयोग कर सकते हैं।

7. मठ के प्रमुख आकर्षण क्या हैं?

  • उत्तर: मठ के प्रमुख आकर्षणों में भगवान बुद्ध की 103 फीट ऊंची मूर्ति, गुरु पद्मसंभव की मूर्ति, गोल्डन कलर से सजे दीवार चित्र और एशिया का सबसे ऊंचा स्तूप शामिल हैं।

8. मठ की वास्तुकला कैसी है?

  • उत्तर: मठ की वास्तुकला तिब्बती शैली में है, जिसमें सुनहरे रंग के चित्र, स्तूप, और तिब्बती कला की भित्ति चित्रण शामिल हैं।

9. मठ में जाने का सबसे अच्छा समय कब है?

  • उत्तर: मठ में जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून तक है, क्योंकि इस समय मौसम सुखद रहता है।

10. क्या मठ में खाने-पीने की सुविधा है?

  • उत्तर: मठ के बाहर सड़क किनारे खाने-पीने की दुकानें हैं, जहां आप अपनी पसंद के व्यंजन का आनंद ले सकते हैं।

11. क्या मठ में पार्किंग की सुविधा है?

  • उत्तर: मठ के पास पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है, जहां आप अपनी गाड़ी पार्क कर सकते हैं।

12. क्या मठ में किसी प्रकार की धार्मिक पूजा होती है?

  • उत्तर: हां, मठ में धार्मिक अनुष्ठान और पूजा आयोजित की जाती है, जिसमें विशेष रूप से तिब्बती बौद्ध धर्म की प्रथाएं और मंत्रोच्चारण होते हैं।

13. क्या मठ में भिक्षु शिक्षा प्राप्त करते हैं?

  • उत्तर: हां, मठ में 300 से अधिक भिक्षु शिक्षा प्राप्त करते हैं, और यहाँ न्गाग्युर निंग्मा कॉलेज भी है जो बौद्ध अध्ययन प्रदान करता है।

14. क्या मठ में कोई शॉपिंग सुविधा है?

  • उत्तर: मठ के परिसर में एक दुकान है जहां आप तिब्बती धर्मग्रंथ, कला और अन्य सामान खरीद सकते हैं।

15. क्या मठ में फोटो खींचने की अनुमति है?

  • उत्तर: मठ के अंदर फोटो खींचने की अनुमति है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में विशेष अनुमति की आवश्यकता हो सकती है।

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