पृथक राज्य के रूप में उत्तराखंड की स्थापना
उत्तराखंड का गठन एक ऐतिहासिक संघर्ष की कहानी है, जिसमें राज्य के लोगों ने अपने अधिकारों और पहचान के लिए कई दशकों तक संघर्ष किया। यह राज्य अपनी सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य और वीरता की मिसाल के लिए प्रसिद्ध है।
पृथक राज्य हेतु आंदोलन की शुरुआत
महत्वपूर्ण घटनाएं और आंदोलन
- 1946: हल्द्वानी कांग्रेस सम्मेलन में बद्रीदत्त पाण्डेय की अध्यक्षता में विशेष वर्ग में रखने की मांग।
- 1950: पर्वतीय विकास जनसमिति का गठन।
- 1967: दयाकृष्ण पाण्डेय द्वारा पर्वतीय राज्य परिषद की स्थापना।
- 1979: डॉ. देवीदत्त पंत की अध्यक्षता में 'उत्तराखंड क्रांति दल' की स्थापना।
- 1994: इन्द्रमणि बडोनी के नेतृत्व में राज्य आंदोलन का संचालन।
उत्तराखंड का गठन:
- लाल किले से घोषणा: प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा (15 अगस्त, 1996)
- उत्तर प्रदेश पुनर्गठन विधेयक मंजूरी: 28 अगस्त, 2000
- उत्तराखंड का गठन: 9 नवम्बर, 2000 (13 जिलों के साथ)
- अस्थायी राजधानी: देहरादून
- नाम परिवर्तन: उत्तरांचल से उत्तराखंड (1 जनवरी, 2007)
महत्वपूर्ण कांड और आंदोलनकारी घटनाएं:
- खटीमा गोलीकांड: 1 सितम्बर, 1994 (काला दिवस)
- रामपुर तिराहा कांड: 1994, दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों पर गोलीकांड।
राज्य गठन से संबंधित संस्थाएं:
संस्था | गठन का वर्ष |
---|---|
कुमाऊं परिषद | 1916 |
हिमालय सेवा संघ | 1938 |
गढ़वाल जागृति संस्था | 1939 |
पर्वतीय विकास जन समिति | 1950 |
पर्वतीय राज्य परिषद | 1950 |
कुमाऊं राष्ट्रीय मोर्चा | 1970 |
पृथक पर्वतीय राज्य परिषद | 1973 |
उत्तराखंड यूथ काउंसिल | 1976 |
उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) | 1979 |
उत्तराखंड उत्थान परिषद | 1988 |
उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति | 1989 |
उत्तराखंड मुक्ति मोर्चा | 1991 |
संयुक्त उत्तराखंड राज्य मोर्चा | 1994 |
उत्तराखंड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) | 1994 |
निष्कर्ष:
उत्तराखंड के लोगों की यह संघर्षगाथा साहस, एकता और अदम्य संकल्प की मिसाल है। वर्षों के कठिन संघर्ष और बलिदानों के बाद 9 नवम्बर, 2000 को भारत के 27वें राज्य के रूप में उत्तराखंड का गठन हुआ। इस ऐतिहासिक यात्रा ने न केवल क्षेत्र की राजनीतिक पहचान को सशक्त किया बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक विकास का एक नया अध्याय भी लिखा।
जय उत्तराखंड!
Frequently Asked Questions (FQCs) - पृथक राज्य के रूप में उत्तराखंड की स्थापना
1. उत्तराखंड राज्य कब और कैसे बना?
उत्तर:
उत्तराखंड राज्य का गठन 9 नवंबर, 2000 को हुआ। यह उत्तर प्रदेश के 13 पर्वतीय जिलों को मिलाकर भारत के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।
2. पृथक उत्तराखंड राज्य की मांग कब और कैसे शुरू हुई?
उत्तर:
उत्तराखंड राज्य की मांग वर्ष 1938 में गढ़देश सेवा संघ की स्थापना के साथ शुरू हुई, जिसे श्रीदेव सुमन ने दिल्ली में स्थापित किया था।
3. उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं कौन-कौन सी थीं?
उत्तर:
- खटीमा गोलीकांड (1994): शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी।
- रामपुर तिराहा कांड (1994): दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी।
- हल्द्वानी कांग्रेस सम्मेलन (1946): पर्वतीय क्षेत्र को विशेष दर्जा देने की मांग।
4. उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) का गठन कब हुआ?
उत्तर:
उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) का गठन 25 जुलाई, 1979 को डॉ. देवीदत्त पंत की अध्यक्षता में मसूरी में हुआ।
5. उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी कौन सी है?
उत्तर:
उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी देहरादून है।
6. उत्तराखंड का आधिकारिक नाम कब बदला गया?
उत्तर:
उत्तरांचल का नाम बदलकर उत्तराखंड 1 जनवरी, 2007 को किया गया।
7. उत्तराखंड राज्य के गठन की घोषणा किसने की थी?
उत्तर:
प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा ने 15 अगस्त, 1996 को लाल किले से उत्तराखंड के गठन की घोषणा की थी।
8. उत्तराखंड का गांधी किसे कहा जाता है?
उत्तर:
इन्द्रमणि बडोनी को उत्तराखंड का गांधी कहा जाता है। उन्होंने राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
9. उत्तराखंड राज्य आंदोलन में किन प्रमुख संस्थाओं ने योगदान दिया?
उत्तर:
संस्था | गठन वर्ष |
---|---|
कुमाऊं परिषद | 1916 |
गढ़देश सेवा संघ | 1938 |
पर्वतीय विकास जन समिति | 1950 |
उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) | 1979 |
उत्तराखंड उत्थान परिषद | 1988 |
उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति | 1989 |
10. उत्तराखंड राज्य के गठन से संबंधित महत्वपूर्ण आयोग कौन-कौन से थे?
उत्तर:
- फजल अली आयोग: राज्य पुनर्गठन की सिफारिश की।
- कौशिक समिति (1993): गैरसैंण को राजधानी बनाने की सिफारिश की।
11. उत्तराखंड के गठन के समय कितने जिले शामिल किए गए थे?
उत्तर:
उत्तराखंड के गठन के समय 13 जिले शामिल किए गए थे।
12. पृथक उत्तराखंड राज्य की मांग का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
पृथक राज्य की मांग का मुख्य उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्र के विकास, रोजगार, और सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा करना था।
13. उत्तराखंड आंदोलन के दौरान कितने आंदोलनकारी शहीद हुए?
उत्तर:
- खटीमा गोलीकांड: कई आंदोलनकारी शहीद हुए।
- रामपुर तिराहा कांड: 6 आंदोलनकारियों ने शहादत दी।
14. पृथक राज्य आंदोलन में किस नेता ने सबसे बड़ा योगदान दिया?
उत्तर:
इन्द्रमणि बडोनी और बद्रीदत्त पाण्डेय जैसे नेताओं ने आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
15. उत्तराखंड राज्य को भारत के कितने राज्यों में स्थान दिया गया?
उत्तर:
उत्तराखंड भारत के 27वें राज्य के रूप में स्थापित हुआ।
16. क्या उत्तराखंड की स्थायी राजधानी निर्धारित हुई है?
उत्तर:
अभी तक गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी और देहरादून को अस्थायी राजधानी घोषित किया गया है।
निष्कर्ष:
यह FAQs सूची उत्तराखंड के पृथक राज्य आंदोलन और इसके गठन की पूरी कहानी को सरल और जानकारीपूर्ण तरीके से प्रस्तुत करती है। जय उत्तराखंड!
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